उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूलों की शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा से पहले इसके शासनादेशों में लगातार बदलाव चल रहा है। एक माह के भीतर दो शासनादेश जारी हुए और दोनों में निर्देश स्पष्ट नहीं हैं, सहायक अध्यापक पद की लिखित परीक्षा सिर्फ एक प्रश्नपत्र की होनी है, जबकि आदेश में दो प्रश्नपत्रों का जिक्र है। इसलिए तीसरा शासनादेश जारी होना तय है। इस भर्ती का विज्ञापन 18 फरवरी को जारी किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के 3049 अशासकीय सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में 1894 पदों की भर्ती होनी है। इसका शासनादेश 18 जनवरी को जारी हुआ और परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को परीक्षा का जिम्मा सौंपा गया। हालांकि इस शासनादेश में यह स्पष्ट नहीं था कि भर्ती के लिए किन विषयों की परीक्षा होगी और पाठ्यक्रम व स्तर क्या होगा। इस पर दूसरा शासनादेश बीती 10 फरवरी को आया। इसमें पाठ्यक्रम व परीक्षा को तो स्नातक स्तरीय बताया गया, लेकिन कई अन्य बिंदुओं पर बड़ी चूक हो गई। मसलन, एक प्रश्नपत्र की सहायक अध्यापक की लिखित परीक्षा की समय सारिणी जारी हुई, जबकि बिंदु दो में कहा गया है कि प्रथम प्रश्नपत्र में 50 और दूसरे प्रश्नपत्र में 100 सवाल होंगे। परीक्षा संस्था का कहना है कि ये सवाल एक ही प्रश्नपत्र के दो खंडों में रहेंगे।
आदेश में कहा गया है कि लिखित परीक्षा चार विषयों भाषा, विज्ञान, गणित व सामाजिक विषय की होगी। अभ्यर्थी को उनमें से एक खंड का चयन करना है। इस निर्देश में सामाजिक विषय को सामान्य अध्ययन लिखा गया है, जबकि सामान्य अध्ययन की परीक्षा सहायक अध्यापक व प्रधानाध्यापक दोनों के लिए अनिवार्य है। इतना ही नहीं सामान्य ज्ञान को भी प्रथम प्रश्नपत्र लिख दिया गया है, जबकि यह प्रश्नपत्र का पहला खंड होगा। इसी तरह से प्रधानाध्यापक पद के लिए भी निर्देश स्पष्ट नहीं हैं। इससे अभ्यर्थियों में असमंजस है। इसे खत्म करने के लिए परीक्षा संस्था सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने शासन को पत्र भेजा है। अब उम्मीद है कि तीसरे शासनादेश में यह बिंदु स्पष्ट होंगे।
चार विषय व प्रधानाध्यापक का रिजल्ट : जूनियर हाईस्कूल भर्ती में चार विषयों की भर्ती हो रही है। इसके पहले 2013 में परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में सिर्फ विज्ञान व गणित की भर्ती हुई थी। सहायक अध्यापक पद के इन विषयों के साथ ही प्रधानाध्यापक का परिणाम भी आएगा।