इन दिनों ऑनलाइन पेमेंट करना हो, तो क्यूआर (क्विक रिस्पॉन्स) कोड स्कैन करते ही झट से पेमेंट हो जाता है। यह कॉन्टैक्टलेस पेमेंट का बढ़िया माध्यम है, लेकिन इसके जरिए ठगी भी खूब हो रही है। पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री की बेटी भी इसी तरह की ठगी का शिकार हुईं। जानें क्यूआर कोड ठगी से कैसे बच सकते हैं..
क्या है क्यूआर कोड
जापानी कंपनी डेंसो वेव ने क्यूआर कोड का आविष्कार किया है। इसकी मदद से पेमेंट करना आसान हो जाता है। क्यूआर कोड पर्याप्त जानकारी अपने में स्टोर रख सकता है। यह एक तरह का बारकोड है, जिसे मशीन के जरिए पढ़ लिया जाता है। भारत में भी क्यूआर कोड के जरिए भुगतान किया जाता है। आप बिजली, पानी, पेट्रोल, डीजल, किराना सामान, यात्र आदि का भुगतान इस माध्यम से कर सकते हैं।
कैसे होती है धोखधड़ी
यदि किसी दुकान या काउंटर पर क्यूआर कोड के जरिए स्कैन कर पेमेंट करते हैं, तो इसमें जोखिम कम होता है, लेकिन स्कैमर्स ने धोखे के लिए यहां भी नये तरीके खोज लिए हैं। स्कैमर लोगों को टेक्स्ट मैसेज भेजता है, जैसे कि ‘5,000 रुपये जीतने की बधाई’। इसके साथ क्यूआर कोड की फोटो भी भेजी जाती है। मैसेज में आपसे कहा जाता है कि कोड स्कैन करने, राशि दर्ज करने के बाद यूपीआइ पिन दर्ज करने के बाद राशि आपके खाते में जमा हो जाएगी। भोले भाले लोगों को लगता है कि उनके खाते में पैसे जमा हो जाएंगे, लेकिन होता ठीक इसके विपरीत है। दरअसल, यहां आप पैसे रिसीव नहीं करते हैं, बल्कि स्कैमर को पैसे का भुगतान कर रहे होते हैं।
इसलिए क्यूआर कोड स्कैन के दौरान सतर्क रहें
स्कैमर कई बार फिशिंग ईमेल, टेक्स्ट या फिर इंटरनेट मीडिया के जरिए नकली क्यूआर कोड भेजते हैं। फर्जी कोड को स्कैन करने पर यूजर को ओरिजनल की तरह दिखने वाले पेज पर निर्देशित किया जाता है। वहां पीड़ित को पीआइआइ (पर्सनल आइडेंटिफिएबल इंफॉर्मेशन) दर्ज करके लॉगइन करने के लिए कहा जाता है। यहां से आपकी संवेदनशील जानकारी को चोरी किया जा सकता है या फिर स्पाइवेयर या वायरस को भी डिवाइस में ट्रांसफर किया जा सकता है। आमतौर पर यहां समस्या यह है कि क्यूआर कोड को बिना स्कैन किए यह जानना मुश्किल होता है कि कोड के अंदर किस तरह की जानकारी है। बिना स्कैन इसके अंदर मौजूद जानकारी को पढ़ने का तरीका नहीं है। इसलिए क्यूआर कोड स्कैन के दौरान सतर्क रहें।
ऐसे करें जोखिम को कम
– यदि भुगतान करने के लिए क्यूआर कोड का उपयोग कर रहे हैं, तो भुगतान की पुष्टि करने से पहले दिखाए गए विवरणों पर ध्यान दें। यहां जल्दबाजी से बचें।
– क्यूआर कोड को एक लिंक की तरह ही मानें। अगर नहीं जानते हैं कि यह कहां से उत्पन्न हुआ है या फिर स्रोत पर विश्वास नहीं है, तो स्कैन करने से बचें।
– जब क्यूआर स्कैन करते हैं, तो इससे जुड़े यूआरएल को देखने के लिए एक पॉप-अप उभरना चाहिए। यदि कोई यूआरएल नहीं है या फिर एक छोटा लिंक (जैसे bit.ly) दिखता है, तो सतर्क रहें।
– डिवाइस को सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर से हमेशा अपडेट रखें। यदि किसी भी गतिविधि पर संदेह है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और लॉगइन क्रेडेंशियल को बदल दें। आप चाहें, तो राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।