इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ज्योफ्री बॉयकॉट को लगता है कि वर्तमान टीम प्रबंधन को शर्मिंदा होना चाहिए कि उन्होंने जॉनी बेयरस्टो के टेस्ट करियर को कैसे संभाला है, जिन्हें भारत में पहले दो मैचों के लिए आराम दिया गया है। विकेटकीपर बल्लेबाज बेयरस्टो को इंग्लैंड की टीम ने श्रीलंका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में एक विशेषज्ञ बल्लेबाज के तौर पर खिलाया था, लेकिन भारत के खिलाफ उनको वर्कलोड प्रबंधन की वजह से बाहर रखा था।
जॉनी बेयरस्टो भारत में अंतिम दो टेस्ट मैचों के लिए उपलब्ध होंगे, लेकिन बॉयकॉट को लगता है कि उन्हें जोस बटलर की जगह दूसरे टेस्ट के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में जगह लेनी चाहिए थी न कि बेन फोक्स को। चेन्नई में पहले टेस्ट मैच के बाद जोस बटलर को आराम दिया गया है और वह दौरे के सीमित ओवरों की सीरीज के बाद स्वदेश लौट आएंगे।
बॉयकॉट ने द टेलिग्राफ से बात करते हुए कहा, “इसलिए मैं बटलर को भारत छोड़ते हुए देखना चाहता हूं, लेकिन यह खराब है कि उनके जाने के बाद बेयरेस्टो को दूसरे टेस्ट के लिए जगह नहीं दी जा रही है। यह होना ही है, क्योंकि ईडी स्मिथ (मुख्य चयनकर्ता) बेन फोक्स को देखना चाहते हैं। स्मिथ स्पष्ट रूप से नहीं चाहते कि जॉनी बेयरेस्टो एक विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में खेलें।”
उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने (बेयरस्टो) हमेशा कहा है कि वह अपने पिता की तरह एक विकेटकीपर बल्लेबाज बनना चाहते हैं। वह सिर्फ एक विशेषज्ञ बल्लेबाज नहीं बनना चाहते, लेकिन स्मिथ ने यह फैसला किया है और मुझे लगता है कि यह अनुचित है। जॉनी ने फिर से कीपिंग करने के अपने मौके को गंवा दिया और इंग्लैंड को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने उसके साथ क्या किया है। अगर इंग्लैंड को उनको खिलाना है तो फिर उनको मौके देने होंगे।”
पूर्व कप्तान ने आगे कहा, “बेयरस्टो वास्तव में आराम की तलाश में नहीं थे, उन्हें मजबूर किया गया है। वह भारत में रहने और विकेटकीपिंग के लिए तैयार थे। जॉनी ने श्रीलंका में रन बनाए। वह आइपीएल में दो साल यहां खेलें हैं। उनका एक ट्रैक रिकॉर्ड है। आपको लगता है कि इंग्लैंड किसी भी स्थान के लिए प्रतियोगिता का स्वागत करेगा। यह टीम के लिए अच्छा है। अगर जॉनी ने अच्छा प्रदर्शन किया और रन बनाए तो बटलर को एहसास हुआ कि उन्हें टीम में बने रहने के लिए अच्छा खेलना होगा।”