भारत की कोरोना वैक्सीन को लेकर दुनियाभर के देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। कई देशों को भारत ने कोरोना वैक्सीन मुहैया भी कराई है। लेकिन देश के कुछ राज्यों की सरकार कोरोना वैक्सीन की विश्वसनीयता को लेकर अब भी सवाल उठा रहे हैं। कोवैक्सीन के तीसरे चरण के अधूरे परीक्षण पर छत्तीसगढ़ की चिंताओं को दूर करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा कि कोरोना के दोनों टीके कोवैक्सीन और कोविशील्ड सुरक्षित और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले हैं।
हर्षवर्धन ने कहा कि महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए इनका जल्द से जल्द इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इससे पहले छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि उन्होंने हर्षवर्धन को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि भारत बायोटेक द्वारा निर्मित टीके कोवैक्सीन को तब तक न भेजा जाए जब तक परीक्षण के नतीजे पूरे नहीं हो जाते। देव ने टीके की शीशियों पर एक्सपायरी डेट न लिखे होने पर भी चिंता जताई थी।
देव के पत्र के जवाब में हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने कानून और नियमों के मुताबिक, मंत्रालय में मामले की जांच कराई है। देश में कोरोना महामारी के चलते टीके की तत्काल जरूरत है, इसलिए केंद्रीय औषध मानक और नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने दोनों टीकों के उत्पादन को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि एक्सपायरी डेट का उल्लेख टीके की वायल के लेबल पर है।
तेजी से हो रहा टीकाकरण
भारत में बड़ी तेजी से कोरोना की वैक्सीन लोगों को लगाई जा रही है। गुरुवार शाम सात बजे तक 74 लाख 30 हजार हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना की वैक्सीन दी जा चुकी है। कोरोना टीकाकरण मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे चल रहा है। बता दें कि भारत में कोविड-19 टीकाकरण की गति अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकासशील देशों से भी तेज है। उत्तर प्रदेश में अब तक 7 लाख 52 हजार 501 लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। दूसरे स्थान पर गुजरात है, जहां अब तक 6 लाख 43 हजार 438 लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा चुकी है। वहीं, तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र है, जहां 600456 लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई है।