भारत में कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत के महज 24 दिनों के भीतर ही करीब 58 लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है। टीकाकरण को लेकर केंद्र सरकार की गंभीरता इससे समझी जा सकती है कि उसने राज्यों से टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने और 20 फरवरी से पहले कम से कम एक बार सभी स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने का अनुरोध किया गया है। भारत सरकार देश के प्रत्येक नागरिक को टीका देने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए अब देश में 50 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों का टीकाकरण अभियान भी मार्च के दूसरे हफ्ते में शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
हमारे टीकाकरण अभियान ने दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की है। इतना ही नहीं भारत कोविड-19 से लड़ाई में अन्य देशों के लिए भी रक्षक बनकर उभरा है। भारत अब तक 15 देशों को टीका दे चुका है और 25 अन्य देश ऐसे हैं जिन्हें भारतीय टीके का इंतजार है। इनमें से कुछ गरीब देशों को सिर्फ अनुदान के आधार पर टीके की आपूíत की जा रही है जबकि कुछ उस कीमत पर टीका चाहते हैं जो भारत सरकार टीका निर्माताओं को दे रही है।
टीके की किल्लत वाले दौर में दूसरे देशों को उसकी आपूर्ति कोई आसान काम नहीं है, लेकिन भारत ने अपनी प्रतिबद्धता से ऐसा संभव कर दिखाया है। इससे कोविड-19 से लड़ाई में दुनिया में भारत की अहमियत काफी बढ़ी है। इसे ब्राजील के राष्ट्रपति के उस ट्वीट से समझा जा सकता है, जिसमें जिन्होंने संजीवनी बूटी ले जाते हनुमान जी की फोटो साझा करते हुए भारत और प्रधानमंत्री का आभार जताया था।
कोविड-19 की चुनौती से पार पाने के लिए मोदी सरकार शुरू से ही पूरी तरह प्रतिबद्ध रही है। यही वजह है कि वह टीकाकरण को लेकर काफी एहतियात बरत रही है। हालिया बजट में भी 35,000 करोड़ रुपये का अलग से प्रविधान कोविड टीके के लिए किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह आश्वासन भी दिया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो सरकार और भी राशि जारी करने को तैयार है।
देश के नागरिकों की सेहत को लेकर मोदी सरकार की संवेदनशीलता का प्रमाण बजट में नजर आता है। इसमें सरकार ने स्वास्थ्य को प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखा है और इस मद में देश के इतिहास में अब तक की सबसे अधिक धनराशि आवंटित की है। यह राशि दो लाख 23 हजार 846 करोड़ रुपये है जो पिछले साल के मुकाबले 137 प्रतिशत अधिक है।
इसमें संदेह नहीं कि कोरोना एक गंभीर आपदा है जिसने दुनिया के सभी देशों को बुरी तरह प्रभावित किया है। हालांकि भारत जिस तरह से इस महामारी की चुनौतियों से निपट रहा है वह काबिलेतारीफ है। उम्मीद है कि सरकार की तत्परता के कारण देश जल्द ही इस बीमारी पर काबू पा लेगा।