भारत सरकार और सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर (Twitter) के बीच इन दिनों गतिरोध बना हुआ है। पिछले दिनों सरकार द्वारा ट्विटर को पाक-खालिस्तान लिंक वाले 1,178 अकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश दिए गए थे बावजूद इसके सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर ने ऐसे एकाउंट को सोशल मीडिया से नही ब्लाक किया, जिसके बाद माहौल गर्म हो गया। अब ताजा खबर यह है कि ट्विटर इस संदर्भ में बातचीत के लिए तैयार हो गया है। कंपनी ने औपचारिक बातचीत के लिए केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद से संपर्क किया है। ट्विटर ने बताया कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं। साथ ही कहा कि उनके लिए उनके कर्मचारियों की सुरक्षा सबसे ऊपर है। हम भारत से पूरे संपर्क में बने हुए हैं।
तीन नोटिस के बाद Twitter ने हटाए बैड अकाउंट
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के दौरान सामने आए ट्विटर अकाउंट्स को लेकर सरकार ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को तीन नोटिस जारी कर चुकी है। इसके बाद भी ‘बैड’ यानी प्रदर्शन को लेकर भड़काऊ और झूठी जानकारी देने वाले अकाउंट को बंद करने नहीं किया गया है। सरकार ने ट्विटर को कुछ ऐसे अकाउंट की लिस्ट भेजी थी, जो किसान आंदलोन के मुद्दे पर भड़काऊ और भ्रामक साम्रागी फैलाने की गतिवधियों में लिप्त बताए गए थे।
Twitter की सीइओ पर उठे सवाल
मीडिया की रिपोर्ट की मानें तो कुछ दिनों पहले ट्विटर सीइओ जैक डॉर्सी ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करने वाले कुछ विदेशी सेलेब्रिटीज़ के ट्वीट को लाइक भी किया था, जिसके बाद से मामला और गर्म हो गया और उनकी तटस्थता पर लगातार सवाल भी उठाए गए।
वहीं सरकार ने साफ कहा गया है कि अगर ट्विटर की तरफ से कार्रवाई नहीं की जाती है तो उसके खिलाफ आइटी एक्ट के तहत सख्त कदम उठाए जाएंगे। साइबर कानून के जाने-माने जानकार पवन दुग्गल ने बताया कि ट्विटर जैसी कंपनियां भारत में अपनी सेवाएं दे रही हैं तो यहां लागू कानून का उन्हें पालन करना ही होगा। अगर ट्विटर सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करती है तो सरकार के पास उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार प्राप्त है। ऐसे में सरकार उसके एप और वेबसाइट को ब्लॉक या निलंबित भी कर सकती है।