भारतीय सेना ने पाकिस्तान की शरारतों को सीमा तक ही सीमित किया
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार ने 10 सितंबर, 2020 को अंबाला एयरफोर्स बेस में उतरने वाले पांच राफेल जेट्स के प्रेरण समारोह के लिए 41.32 लाख रुपये खर्च किए। सिंह ने कहा कि पूरी रकम में से 9.18 लाख रुपये जीएसटी पर खर्च किए गए। उन्होंने बताया कि अब तक 11 राफेल आ चुके हैं। मार्च, 2021 के अंत तक 6 और राफेल फ्रांस से आ जायेंगे यानी तब देश में 17 राफेल होंगे। अप्रैल, 2022 तक शेष सभी राफेल भारत में आ जाएंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत ने 2016 में 59 हजार करोड़ रुपये की लागत से 36 विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। लगभग चार साल बाद पांच राफेल जेट का पहला बैच 29 जुलाई, 2020 को भारत आया था, जिन्हें वायुसेना के बेड़े में शामिल करने का औपचारिक समारोह लगभग छह सप्ताह बाद 10 सितम्बर को हुआ था।
इस आयोजन की व्यवस्था ज्यादातर भारतीय वायुसेना के स्थानीय संसाधनों के माध्यम से की गई थी जिस पर कुल 41.32 लाख रुपये खर्च हुए। इसमें जीएसटी के 9.18 लाख रुपये भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि अब तक 11 राफेल भारत में आ चुके हैं। मार्च, 2021 के अंत तक 6 राफेल और आ जायेंगे यानी तब देश में 17 राफेल होंगे। अप्रैल, 2022 तक शेष सभी राफेल भारत में आ जाएंगे। उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की शरारतों को सीमा तक ही सीमित कर दिया है। हमारी सेना ने जिस प्रभावी तरीक़े से कार्रवाई की है, उसके लिए उनका अभिनंदन किया जाना चाहिए। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि सेनाओं ने इससे पहले भी प्रभावी कार्रवाइयां की हैं, ऐसा नहीं है कि हमारी सरकार आने के बाद ही सेना ने सीमा पर पाकिस्तान के खिलाफ इस तरह के ऑपरेशन किये हैं। उन्होंने कहा कि सभी नए प्रकार के विमानों को पारंपरिक रूप से भारतीय वायुसेना में ‘बीफ़िंग समारोह’ के माध्यम से शामिल किया जाता है।