तपोवन पॉवर प्रोजेक्ट की टनल में 130 मीटर अंदर तक पहुंची रेस्क्यू टीम : सीएम
देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूटने के बाद मलबे से अबतक 26 शव बरामद हुए हैं। इनमें से 2 की शिनाख्त हो गई है, जो तपोवन के ग्रामीणों के हैं। कुल लापता 197 लोगों में से 171 लोगों का अभी तक कोई अतापता नहीं है। राज्य सरकार ने इसकी पुष्टि की है। उधर, आपदा प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए आज शाम को देहरादून से रवाना हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तपोवन पहुंचकर पॉवर प्रोजेक्ट की टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सोमवार शाम 8.00 बजे आधिकारिक वक्तव्य में बताया कि इस आपदा के बाद चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अबतक 26 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। इसके अलावा अब भी कम से कम 171 लोग लापता हैं। कुल लापता 197 लोगों में ऋत्विक कम्पनी के 21, ऋत्विक कम्पनी की सहयोगी कम्पनी के 94, एचसीसी कम्पनी के 3, ओम मेटल के 21, तपोवन गांव के 2, रिंगी गांव के 2, ऋषि गंगा कम्पनी के 46, करछो गांव के 2, रैणी गांव के 6 लोग हैं। टनल में तकरीबन 25 से 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है, जिनको सकुशल निकालने की उम्मीद के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
इस बीच आपदा प्रभावित इलाके के दौरे पर निकले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत तपोवन पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि तपोवन में पॉवर प्रोजेक्ट की टनल के भीतर आईटीबीपी, सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई हैं। इसकी बड़ी टनल में भारी मात्रा में मलबा और गाद है, जिसे निकालने के लिए आज जेसीबी का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू टीम टनल के अंदर 130 मीटर तक पहुंच गई है और अगले 2-3 घंटे में उसके टी प्वाइंट तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन अत्यंत सुरक्षित तरीके से चलाया जा रहा है, क्योंकि टनल में लोग फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार देरशाम तपोवन रितिक कंपनी के कार्यालय में आईजी, डीआईजी, डीएम, एसपी, आर्मी, आईटीबीपी और बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारियों एवं एनटीपीसी के प्रोजेक्ट प्रभारी अधिकारियों के साथ बैठक की तथा राहत एवं बचाव कार्यो की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने सभी अधिकारियों को बेहतर तालमेल के साथ रेस्क्यू कार्य मे तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नियोजित तरीके से आवश्यकतानुसार संसाधनों का प्रयोग किया जाए।