उत्तराखंड के चमोली जिला में बड़ी आपदा में उत्तराखंड सरकार की मदद के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने दरवाजे खोल रखें हैं। इसके साथ ही वहां पर फंसे लोगों को बाहर निकालने में सहयोग देने के साथ उत्तर प्रदेश सरकार ने इमरजेंसी ऑपरेशन कंट्रोल रूम भी स्थापित किया। जिसके लिए हेल्पलाइन के साथ व्हाट्सएप नम्बर भी जारी किया गया है।
उत्तराखंड के चमोली में सात फरवरी को आपदा में उत्तर प्रदेश के निवासियों की खोज के साथ-साथ बचाव व राहत के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार बेहद गंभीर है। यहां पर लखीमपुर खीरी के साथ ही सहारनपुर, अमरोहा, श्रावस्ती के साथ अन्य जिलों के सैकड़ों लोगों के फंसे होने की संभावना है। इस संबंध में राहत आयुक्त उत्तर प्रदेश लगातार उत्तराखंड सरकार के साथ समन्वय कर रहे हैं। किसी भी प्रकार की जानकारी मिलने पर पीडि़त से सम्पर्क किया जा रहा है। घायल या फिर चोटिल होने की स्थिति में उनके इलाज की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ भी लोगों को उनके घर वापस भेजने का भी इंतजाम किया जा रहा है। आपदा में उत्तर प्रदेश वासियों की खोज-बचाव व उनके परिवारों से समन्वय के लिए राज्यस्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर हर समय क्रियाशील है। इस हादसे के दौरान लापता व्यक्तियों के परिवार के लोग राहत हेल्पलाइन 1070 के साथ व्हाट्सएप नंबर 9454441036 पर उनका विवरण दर्ज करा सकते हैं।
लखीमपुर खीरी के 33 लोगों के चमोली में फंसे होने की संभावना है। इनमें से दो लोगो के शव मिले हैं। इनके अलावा श्रावस्ती के आठ लोग मजदूरी के काम से चमोली में थे। यह लोग भी ऋषि गंगा प्रोजेक्ट में काम के दौरान फंसे हैं। श्रावस्ती के सिरसिया के मोतीपुर कला गांव के आठ लोगों में से पांच लापता हैं।
अमरोहा के पांच लोग भी आपदा में प्रभावित हैं। रोहित (28 वर्ष) पुत्र महेंद्र, महीपाल (35) पुत्र जयपाल सिंह, कवेंद्र सिंह (25) पुत्र जयपाल सिंह, थान सिंह (45) पुत्र राम स्वरूप तथा सनी दत्त (24) पुत्र ज्ञान प्रकाश का पता नहीं चल पा रहा है। यह लोग अमरोहा के ग्राम सौंथ, थाना सैद नंगली, तहसील हसनपुर के हैं।
उत्तराखंड की प्रलय में मेरठ के भी पांच लोग लापता हैं। चार कसेरूखेडा और एक परतापुर के हैं। यह सभी लोग तपोवन से 18 किमी उपर सरायसोटा में जियो टावर लगाने का कार्य कर रहे थे। यह सभी कर्मचारी जियो के टावर पर इलेक्ट्रिकल वर्क देखते हैं। कसेरूखेडा के लापता इलेक्ट्रिकल कर्मचारियों में रोहित प्रजापति (22) पुत्र जगबीर, प्रदीप (24) पुत्र लक्ष्मण, बालकराम (25) पुत्र शेर सिंह व सुभाष (41) शामिल हैं।
सहारनपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव कलसिया निवासी मैकेनिक से चमोली में आई प्रलय के बाद से परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है वह सहारनपुर कि किसी फैक्ट्री में काम करता था। फैक्ट्री मालिक 4 मकैनिक लेकर तपोवन गए थे। इनमें कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव सलेमपुर का भी मैकेनिक था। कलसिया के इस मकैनिक ने रविवार की सुबह 9:00 बजे बच्चों से बात की थी उसके बाद से इस से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। अनहोनी की आशंका को लेकर तपोवन में संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं। वहां से आधार कार्ड भेजने अथवा लेकर आने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में उत्पन्न इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार अपने पड़ोसी प्रदेश उत्तराखंड को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके साथ ही प्रदेश में गंगा नदी के तट पर बसे 27 जिलों में जिलाधिकारी तथा एसपी को निर्देश दिया है कि नदी के घाट से सटे गांव तथा कस्बों में लोगों को लगातार सचेत करें। इसके साथ ही उनको सचेत करते हुए नदी के किनारे से हटाकर किसी अन्य स्थान पर रखें।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली के तपोवन में ग्लेशियर टूटने के बाद वहां तबाही के बाद गंगा नदी के पानी के पीपल कोटी, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार से होते हुए उत्तर प्रदेश में काफी तेज गति से आने की आशंका थी। फिलहाल प्रवाह काफी धीमा पड़ गया है। उत्तर प्रदेश में बिजनौर, बुलंदशहर, बदायूं, हापुड़, फर्रुखाबाद, कन्नौज, फतेहगढ़, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी और गाजीपुर जिलों में अधिकारी नदी के जलस्तर में इजाफा होने की आशंका में अलर्ट पर हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि सैलाब पहले कमजोर पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में ऋषिकेश और हरिद्वार समेत गंगा के किनारे बसे गांव और शहरों पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।