माह में 2 एकादशियां होती हैं अर्थात आपको माह में बस 2 बार और वर्ष के 365 दिनों में मात्र 24 बार ही नियमपूर्वक एकादशी व्रत रखना है। हालांकि प्रत्येक तीसरे वर्ष अधिकमास होने से 2 एकादशियां जुड़कर ये कुल 26 होती हैं। माघ माह में षटतिला और जया (भीष्म) एकादशी आती है। आओ जानते हैं षटतिला एकादशी का व्रत रखने के फायदे।
इस वर्ष षट्तिला एकादशी का व्रत रविवार, 7 फरवरी 2021 को रखा जाएगा।
षट्तिला एकादशी पर करते हैं तिल के ये 6 प्रयोग
1. षटतिला एकादशी व्रत रखने से दुर्भाग्य का नाश, दरिद्रता तथा अनेक प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
2. तिल के 6 प्रयोग के कारण ही इसे षटतिला एकादशी नाम दिया गया है। आज के दिन तिल का प्रयोग 6 प्रकार से करने पर पापों का नाश होता है और बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है या मोक्ष की प्राप्ति होती है।
3. षटतिला एकादशी का व्रत करने से धन-धान्य और समृद्धि मिलती है। इस दिन तिल से भरा कलश दान करने से आपके भंडार भरे रहते हैं।
4. षटतिला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है। व्रत रखने से नेत्र के विकार भी दूर होने की मान्यता है।
5. इस व्रत को करने से घर में सुख-शांति का वास होता है।
6. महिलाएं यह व्रत करती हैं तो उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यदि जोड़े से यह व्रत रखा जाता है तो दांपत्य जीवन सुखी होता है।