हिंदू धर्म में दीया जलाने की विशेष अहमियत बताई गई है। अधिकतर घरों में लोग शाम के वक़्त पूजा घर में घी या तेल का दीया जलाती हैं। कुछ महिलाएं तुलसी पर घी का दीया जलाती हैं। वास्तु में दीये का घर की संपन्नता से गहरा रिश्ता बताया गया है। वास्तु में दिशाओं की खास अहमियत है। वास्तु का अर्थ है कि अपने आस पास के वास को सही करना। वास्तु में प्रत्येक चीज की दिशा तय है। ये सारी दिशाएं शास्त्रों के अनुसार ही बताई गई है।
दिशाएं या तो आपको अच्छा बनाती हैं या फिर निर्धन बना देती हैं। निर्धनता से छुटकारा पाने के लिए घर की किस दिशा में किस तेल का दीया जलाना चाहिए। निर्धनता से छुटकारा पाने के लिए अधिकतर लोग उत्तर की ओर मुंह करके लक्ष्मी की आराधना करते हैं जोकि गलत है। यदि आप निर्धनता से पीछा छुड़ाना चाहते हैं तो दक्षिण दिशा की अहमियत को समझें। शास्त्रों में दक्षिण दिशा की विशेष अहमियत बताई गई है। प्रभु श्रीकृष्ण के सारे मंदिर वाममुखी हैं। लक्ष्मी का निवास भी उत्तर में नहीं, दक्षिण है। विश्व से लेकर देश तक की दक्षिण दिशा अन्य दिशाओं की तुलना में अमीर है।
उत्तर दिशा की ओर आपको ज्ञान प्राप्त होगा किन्तु पैसा दक्षिण दिशा की ओर ही मिलेगा। घर की दक्षिण दिशा पैसे के लिए बहुत आवश्यक होती है। इसे पुरुषार्थ की दिशा माना जाता है। दक्षिण की दिशा लक्ष्मी की दिशा है। यही दिशा यम की भी है। इसलिए दिवाली पर यम एवं लक्ष्मी एक साथ आते हैं। दक्षिण दिशा को दक्षता की दिशा भी बोलते हैं। लक्ष्मी को विष्णु प्रिय हैं तथा तिल को विष्णु का मैल माना जाता है। इसलिए घर की दक्षिण दिशा में यदि आप नियमित रूप तिल के तेल का दीया जलाएंगे गरीबी आपका घर छोड़ कर भाग जाएगी।