दिल्ली के अतिसुरक्षित लुटियंस जोन इलाके में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित इजरायली दूतावास के पास बम धमाका करने के मामले में आइबी व स्पेशल सेल को महत्वपूर्ण सुराग मिला है। टैक्सी सवार दो दहशतगर्दों ने घटना से चंद मिनट पहले दूतावास के पास बंगले के सामने बने फुटपाथ की झाडिय़ों में गुलाबी रंग के दुपट्टे में लपेटकर बम रखा था। हालांकि, इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इस बीच जैश-उल-हिंद नाम के संगठन ने इंटरनेट मीडिया के जरिये धमाके की जिम्मेदारी ली है। उधर, गृह मंत्रालय के दबाव पर मामले को जल्द सुलझाने के लिए आइबी व स्पेशल सेल की तीनों यूनिटों ने हर पहलू पर जांच तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक दुनिया की सबसे मजबूत इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद से भी आइबी व स्पेशल सेल मदद ले रही है।
पुलिस ने शनिवार को ऐप आधारित छह टैक्सी कंपनियों को पत्र लिखकर जानकारी मुहैया कराने को कहा है कि शुक्रवार को उनकी किन-किन टैक्सियों की बुकिंग नई दिल्ली जिले में दूतावास के आसपास जाने के लिए हुई थी। घटना से कुछ देर पहले जिन नंबरों की टैक्सी एपीजे अब्दुल कलाम रोड से गुजरी थीं। उनके चालकों के बारे में टैक्सी कंपनियों के प्रबंधकों से जानकारी देने के लिए कहा गया है। जांच को आगे बढ़ाने के लिए टैक्सी ड्राइवर का मिलना बेहद जरूरी है।
शनिवार को एनएसजी की टीम ने भी घटनास्थल का मुआयना किया। सेल व क्राइम ब्रांच की टीम सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी हुई हैं। धमाका जिस जगह पर हुआ वहां आसपास के बंगलों के अलावा कनाडा, ब्राजील व इजरायल के दूतावास के आसपास के फुटेज खंगाले जाने पर कुछ के सीसीटीवी फुटेज में टैक्सी सवार दो युवकों की तस्वीरें कैद मिली हैं। घटना से कुछ देर पहले दोनों वहां आए थे, उनमें एक ने टैक्सी से उतर कर झाडिय़ों में गुलाबी रंग के दुपटटे में बम रख दिया था। तस्वीरें साफ नहीं है। फिर भी तकनीकी विशेषज्ञ के जरिये पहचान करने की कोशिश की जा रही है। बम एक कीप के आकार के गत्ते के बने स्ट्रक्चर में था। इसमें बाल बेयरिंग, लोहे की कील व कांच के टुकड़े आदि थे। पुलिस को मौके पर एक लिफाफा भी मिला जिस पर केवल इजरायल के राजदूत का नाम लिखा था। शुक्रवार की शाम पांच बजे बम के फटने से सड़क पर खड़ी तीन कारों के शीशे टूट गए थे।
45 हजार मोबाइल नंबरों की पुलिस कर रही जांच
दिल्ली पुलिस मोबाइल नंबरों के जरिये दोनों दहशतगर्दों की पहचान करने की कोशिश कर रही हैं। इसके लिए विभिन्न टेलीकाम कंपनियों के 45000 मोबाइल नंबरों का डंप डाटा पुलिस ने उठाया है। यह सभी नंबर घटना के समय इजरायली दूतावास के आसपास सक्रिय थे। इनकी जांच कर पुलिस संदिग्ध नंबरों की पहचान करने की कोशिश कर रही है।
ईरान से आने वालों की भी खंगाली जा रही कुंडली
दिल्ली पुलिस को मिली चिट्ठी से धमाके के तार ईरान से भी जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) को भी पत्र लिखकर कहा है कि हाल के दिनों में ईरान से कितने लोग भारत आए हैं। उनके बारे में जानकारी दें, ताकि उनसे भी पूछताछ की जा सके। इसके अलावा होटलों में ठहरने वाले संदिग्धों की भी कुंडली खंगाली जा रही है। इधर स्पेशल सेल का कहना है कि अब तक की जांच से साफ लग रहा है कि यह कोइ आतंकी घटना नहीं है। ईरान के इशारे पर इजरायल दूतावास के पास धमाका करवाकर सिर्फ हलचल पैदा करने की कोशिश की गई है।