म्यामां के सुरक्षा बलों और जातीय रखाइन विद्रोहियों के बीच लगभग हर दिन होने वाली झड़पों के कारण, म्यामां-बांग्लादेश सीमा पर वर्जित क्षेत्र ‘‘नो-मैन्स लैंड’’ में रह रहे हजारों रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी दहशत में हैं. 2017 में सैन्य कार्रवाई शुरू …
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