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लखनऊ के इस करोड़ों के घर में रहेंगे समाजवादी अखिलेश यादव व मुलायम सिंह

लखनऊ। प्रदेश की सत्ता शीर्ष पर रह चुके यादव परिवार का अब नया ठिकाना लखनऊ में अमर शहीद पथ से लेकर सुलतानपुर रोड तक फैली आधुनिक टाउनशिप अंसल एपीआइ में होगा। समाजवादी अखिलेश यादव तथा मुलायम सिंह यादव लखनऊ में करोड़ों की …

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अभी अभी : कपिल देव से मिले अमित शाह, गिनाईं मोदी सरकार की उपलब्धियां

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने समर्थन के लिए संपर्क अभियान के तहत पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी कपिल देव से मुलाकात की. इस दौरान शाह ने कपिल देन के साथ मोदी सरकार की चार साल की उपलब्धियां भी साझा की. शाह ने कपिल …

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श्रीनगर में CRPF की गाड़ी ने मारी टक्कर, हॉस्पिटल में युवक की मौत

केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल (सीआरपीएफ) के वाहन की टक्कर से गंभीर रूप से घायल हुए 21 साल युवक ने शनिवार को श्रीनगर में दम तोड़ दिया. अस्पताल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अहमद को शेर-ए-कश्मीर इंस्टिटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसकेआईएमएस) में …

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2019 लोकसभा चुनाव बना नीतीश और उद्धव के लिए चुनौती

शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार दोनों इस वक्त एनडीए से असहज नज़र आ रहे हैं. लेकिन जिस तरह से बीजपी का प्रभाव इस समय बढ़ उससे दोनों पार्टियां अपने आपको असुरक्षित मान रही हैं. खास बात ये …

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कैराना में योगी के बोल ने बिगाड़ा खेल

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी तगड़ी हिंदुत्व वाली छवि के बाद लगातार हार रहे है जो चुनता का विषय बन गया है. सीएम अपनी ही सीट गोरखपुर फिर फूलपुर के उपचुनाव के बाद अब कैराना भी गवा चुके है . गोरखपुर की हार के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए योगी ने कहा था कि भाजपा अतिआत्मविश्वास के कारण हारी. कैराना के लिए तो कहा जा रहा है कि योगी का एक भाषण वहां भाजपा को भारी पड़ गया. दरअसल शामली में अपनी आखिरी रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा- ‘‘बाप-बेटा (अजीत सिंह और जयंत) आज वोटों के लिए गली-गली भीख मांग रहे हैं’’. एक ग़ैर-जाट के मुंह से जाटों के एक नेता के बारे में ऐसे शब्द बिरादरी के लोगों को कतई पसंद नहीं आए. उन्हें लगा कि बाहर का एक आदमी उनके घर में उनके अपने भाई और बेटे का इतना अपमान करके कैसे जा सकता है. जाट बिरादरी अपनी भावुकता और तेवर के लिए जानी जाती है. योगी की यह बात कई लोगों को चुभ गई. यह बात अगर कोई जाट नेता भाजपा की ओर से कहता तो शायद जाटों को इतना बुरा न लगता. लेकिन योगी का ऐसा कहना रातोरात आग की तरह जाटों के बीच फैला और जाट उन्हें सबक सिखाने के लिए लामबंद हो गए. योगी के ये बो खेल ख़राब करने वाले साबित हो गए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी तगड़ी हिंदुत्व वाली छवि के बाद लगातार हार रहे है जो चुनता का विषय बन गया है. सीएम अपनी ही सीट गोरखपुर  फिर फूलपुर के उपचुनाव के बाद अब कैराना भी गवा चुके …

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बंगले को लेकर अखिलेश का नया बवाल

सरकारी बंगला खली करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश और उसके बाद के घटनाक्रम अभी सूबे में जारी है. सरकारी बंगला खाली करने का बढ़ता दबाव कई नेता सहन नहीं कर पा रहे है. अब सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने राज्य के संपत्ति विभाग से वीवीआईपी गेस्ट हाउस में 4 सुइट की मांग कर दी है. अखिलेश यादव ने बंगले खाली करने के बाद अपने रहने लिए राज्य संपत्ति विभाग से लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में 4 सुइट की मांग की है. जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव का सामान सरकारी बंगले से शिफ्ट हो रहा है. पिछले दो दिनों से यह प्रक्रिया लगातार जारी है. फिलहाल लखनऊ के ही किसी घर में अखिलेश यादव के सामान को शिफ्ट किया गया है. लेकिन अखिलेश ने रहने के लिए VVIP गेस्ट हाउस में अपने लिए और परिवार के लिए 4 कमरों के सेट की मांग की है. लखनऊ में सरकारी बंगला खाली करने पर अखि‍लेश ने कहा था, 'घर हम खाली करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें समय चाहिए. क्‍योंकि लखनऊ में नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के पास भी घर नहीं है, न ही मेरे पास घर है. हां, घर वाले मामले से एक फायदा जरूर हुआ कि अब हम घर बनवाने लगे.' समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव राज्य संपत्ति विभाग से बंगला खाली करने के लिए 2 साल का समय देने का अनुरोध कर चुके हैं. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने सरकारी बंगले खाली करने हैं.

सरकारी बंगला खली करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश और उसके बाद के घटनाक्रम अभी सूबे में जारी है. सरकारी बंगला खाली करने का बढ़ता दबाव कई नेता सहन नहीं कर पा रहे है. अब सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और …

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बेनामी संपत्ति पर मोदी सरकार का वार, जानकारी देने वाले को मिलेगा 1 करोड़ का इनाम

बेनामी संपत्ति पर जोरदार चोट करने के इरादे से सरकार ने एक करोड़ रुपये की इनामी योजना का ऐलान किया है. आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति को उजागर करने के लिए 'बेनामी ट्रांसफर सूचना रिवार्ड योजना, 2018' की शुरुआत की है. इसके तहत किसी भी व्यक्ति की बेनामी संपत्ति के बारे में जानकारी देने पर व्यक्ति को एक करोड़ की इनामी राशि मिल सकती है. वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी और कहा कि 'बेनामी लेनदेन सूचनार्थी पुरस्कार योजना 2018' के तहत, जॉइंट या एडिश्नल कमिश्नर को आयकर विभाग निदेशालय के जांच के दायरे आने वाली बेनामी संपत्ति की विशिष्ट जानकारी देने पर व्यक्ति को 1 करोड़ रुपये का इनाम प्राप्त हो सकता है. जानकारी के मुताबिक इनाम प्राप्त करने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा. अगर उसके द्वारा दी गई जानकारी गलत होगी तो इनामी राशि नहीं दी जाएगी. इसके लिए आयकर विभाग अपने स्तर पर जांच करेगी. साथ ही यह इनामी राशि तभी दी जाएगी जब बेनामी संपत्ति निरोधक कानून, 1988 के तहत आती हो, जिसे 2016 में संशोधित किया गया था. क्या होती है बेनामी संपत्ति कोई भी व्यक्ति जब किसी संपत्ति को अपने पैसे से किसी और के नाम से खरीदता है तो वह बेनामी संपत्ति कहलाएगी. हालांकि, यह जरूरी है कि संपत्ति में लगाया गया पैसे का स्रोत अज्ञात हो, जिसकी जानकारी आयकर विभाग को भी न हो. फिर चाहे पेमेंट कैसे भी किया उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. संशोधित कानून के तहत केंद्र सरकार के पास यह अधिकार है कि वो ऐसी संपत्ति को कभी भी जब्त कर सकती है. साथ ही बेनामी संपत्ति की खरीद में दोषी पाए जाने पर खरीददार को 7 सात साल की कैद की सजा हो सकती है.

बेनामी संपत्ति पर जोरदार चोट करने के इरादे से सरकार ने एक करोड़ रुपये की इनामी योजना का ऐलान किया है. आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति को उजागर करने के लिए ‘बेनामी ट्रांसफर सूचना रिवार्ड योजना, 2018’ की शुरुआत की …

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: मन को खुश करना है तो हर दिन करे योगा

हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. इस दिन कई लोग योग में व्यस्त हो जाते हैं और योग को इस दिन सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है. इस दिन लोग योग करने में पीछे नहीं रहते हैं वह योग को इस दिन सबसे ज्यादा महत्व देकर सभी लोगों को इसके लिए जागरूक करते हैं. योग का महत्व हम सभी के जीवन में सबसे ज्यादा और सबसे ऊपर होता है. योग से कई काम आसान हो जाते हैं. तो आइए आज हम आपको बताते हैं योग से होने वाले वो लाभ जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे. वजन कम करने में कारगार - योगा से वजन कई हद तक कंट्रोल हो जाता है. कई लोग अपने वजन को लेकर हमेशा ही परेशान नजर आते हैं ऐसे में अगर वह चाहे तो अपने वजन को योगा से कम कर सकते हैं और योग से ही अपने शरीर को फिट रख सकते हैं. डाइबटीज के मरीजों के लिए - दुनिया में कई ऐसे लोग है जिन्हे डाइबटीज की समस्या है वह अपनी इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए योगा को अपना सकते हैं. जी हाँ, योग की मदद से डायबटीज के मरीजों को राहत मिल जाती हैं. आत्मविश्वास बढ़ाने में - अगर कोई अपना आत्मविश्वास को बढ़ाना चाहता है तो वह योग का सहारा ले सकता है क्योंकि इससे आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती हैं और मन सुखी रहता हैं. खुश रहने के लिए - योगा के द्वारा मन को एक अलग ही शान्ति का अनुभव होता है और इससे मन हमेशा ही खुश रहता हैं.

हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. इस दिन कई लोग योग में व्यस्त हो जाते हैं और योग को इस दिन सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है. इस दिन लोग योग करने में पीछे नहीं रहते …

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आज से दस दिन की छुट्टी पर देशभर के किसान, शहरों में दूध-सब्जी की सप्लाई नहीं

आज से दस दिन की छुट्टी पर देशभर के किसान, शहरों में दूध-सब्जी की सप्लाई नहीं

अपनी मांगों को लेकर मध्य प्रदेश समेत देश के 7 राज्यों के किसान आज से आंदोलन पर हैं। राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 130 संगठनों के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ 10 दिवसीय आंदोलन का आह्वान किया है। इस बीच आक्रोशित …

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7 राज्य, 130 संगठन, किसानों की 10 दिन की हड़ताल पर ग्राउंड रिपोर्ट

देश के 7 राज्यों में किसानों ने आंदोलन के साथ बंद का आह्वान किया है. राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 130 संगठनों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का ऐलान किया है. किसानों का यह 10 दिवसीय आंदोलन सब्जियों के न्यूनतम मूल्य, समर्थन मूल्य और न्यूनतम आय समेत कई मुद्दों को लेकर किया गया है. राज्य सरकारों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शहरों में पुलिस की तैनाती कर दी है. कई जगह स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. अगर 10 दिन तक किसानों का यह आंदोलन चलता है तो शहर में सब्जियों और खाद्य पदार्थ को लेकर संकट खड़ा हो सकता है. आंदोलन के दौरान किसानों ने किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट को मार्केट तक पहुंचाने से मना किया है, चाहे वो सब्जी हो दूध हो या फिर कुछ और. शुक्रवार को शुरू हुए इस आंदोलन के तहत किसानों ने पुणे के खेडशिवापुर टोल प्लाजा पर 40 हजार लीटर दूध बहाया और सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट किया. पंजाब में फेंकी सब्जियां किसानों ने अपनी मांगों को लेकर पंजाब के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया. राज्य के फरीदकोट में किसानों ने सड़कों पर फल और सब्जियों को फेंककर विरोध जताया. वहीं पंजाब के होशियारपुर में किसानों का जबर्दस्त प्रदर्शन देखने को मिला. यहां किसानों ने सड़कों पर दूध के टैंकर खाली कर दिए, सब्जियां भी फेंकी. 'किसान अवकाश' के दौरान पंजाब के लुधियाना में किसानों ने सड़क पर दूध बहाया. राज्य में कई जगह स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं. मध्य प्रदेश के झाबुआ में धारा 144 लागू मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा प्रभाव देखा जा रहा है. यहां बड़ी संख्या में किसानों ने सरकार के खिलाफ बंद का ऐलान किया है. मंदसौर के किसानों ने किसी भी हालत में सब्जी और दूध को शहर से बाहर भेजने से इनकार कर दिया है. यही नहीं, किसानों ने एमपी के मंदसौर में आंदोलन शुरू करने से पहले मंदिर में भगवान का दूध से अभिषेक किया. खरगौन में किसानों के बंद के चलते सब्जी मंडी में सिर्फ 50 फीसदी ही सब्जियां पहुंचीं. वहीं, कुछ किसानों ने छिपकर मंडी में सब्जियों को पहुंचाया. होशंगाबाद में बंद के दौरान किसानों ने अस्पताल में मुफ्त दूध बांटने का फैसला किया, मंडी में सब्जी की आवक भी घट गई है. बता दें कि 6 जून को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंदसौर का दौरा करने वाले हैं, जिसे लेकर शिवराज सरकार अलर्ट हो गई है. रिजर्व पुलिस फोर्स की 5 कंपनियां तैनात, लगाए गए 200 CCTV मंदसौर में किसान आंदोलन की गंभीरता देखते हुए प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाते हुए रिजर्व पुलिस फोर्स की 5 कंपनियों को तैनात किया है. यही नहीं सुरक्षा के मद्देनजर 200 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. वहीं, राज्य के झाबुआ में धारा 144 लगा दी गई है. साथ ही प्रशासन ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है. महाराष्ट्र में भी असर महाराष्ट्र में भी पहले दिन से ही किसान आंदोलन का असर दिखने लगा है. यहां बुलढाणा में किसानों की हड़ताल के कारण शुक्रवार को ही दूध और सब्जियों की सप्लाई पर असर पड़ा है. वहीं, पुणे के खेडशिवापुर टोल प्लाजा पर किसानों ने 40 हजार लीटर दूध बहा कर विरोध जताया. यूपी में भी किसान संगठनों का विरोध किसान आंदोलन का असर उत्तर प्रदेश में देखने को मिला है. यहां ताज नगरी आगरा में किसानों ने जमकर उत्पात मचाया. उन्होंने अपने वाहनों की फ्री आवाजाही कराने के लिए टोल पर किया कब्जा कर लिया और जमकर तोड़फोड़ की.

देश के 7 राज्यों में किसानों ने आंदोलन के साथ बंद का आह्वान किया है. राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 130 संगठनों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का ऐलान किया है. किसानों का यह 10 दिवसीय आंदोलन सब्जियों के …

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