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प्रख्यात कवि और गीतकार गोपाल दास नीरज नहीं रहे

प्रसिद्ध फिल्मी गीतों- शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब, लिखे जो खत तुझे, ऐ भाई.. जरा देखकर चलो, दिल आज शायर है, खिलते हैं गुल यहां, फूलों के रंग से, रंगीला रे! तेरे रंग में और आदमी हूं- आदमी से प्यार करता हूं जैसे अमर नगमों के रचनाकार प्रख्यात कवि गोपाल दास नीरज अब हमारे बीच नहीं रहे. 94 साल के नीरज का लम्बी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया. बीमारी के कारण उन्हें आगरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहा से उन्हें दिल्ली के एम्स में रेफेर कार दिया गया जहा उनका निधन हो गया. गोपालदास नीरज बॉलीवुड फिल्मों में, हिंदी साहित्य में और मंचीय कवि के रूप में देश भर में जाने जाते है .. वो ख़त के पुरज़े उड़ा रहा था / गुलज़ार उन्हें अपनी रचनाओं के लिए पद्मश्री सम्मान साल 1991 में, 2007 में पद्मभूषण, यूपी सरकार का यशभारती सम्मान दिया गया . एक दर्जन से भी अधिक कविता संग्रह लिखने वाले नीरज का जन्म 4 जनवरी, 1924 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के पुरावली गांव में हुआ. 1970, 1971, 1972 में उन्हें फिल्म फेयर अवॉर्ड ने नवाज़ा गया. एक माँ की डायरी -अनुप्रिया नीरज की प्रसिद्ध रचनायें- दर्द दिया है, आसावरी, बादलों से सलाम लेता हूँ, गीत जो गाए नहीं, कुछ दोहे नीरज के, नीरज की पाती, नीरज दोहावली, गीत-अगीत, कारवां गुजर गया, पुष्प पारिजात के, काव्यांजलि, नीरज संचयन, नीरज के संग-कविता के सात रंग ,-बादर बरस गयो, - मुक्तकी.

प्रसिद्ध फिल्मी गीतों- शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब, लिखे जो खत तुझे, ऐ भाई.. जरा देखकर चलो, दिल आज शायर है, खिलते हैं गुल यहां, फूलों के रंग से, रंगीला रे! तेरे रंग में और आदमी हूं- आदमी …

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सबरीमाला मंदिर: अगली सुनवाई 24 जुलाई को

सुप्रीम कोर्ट के सलाहकार ने सबरीमाला मंदिर मामले की सुनवाई के समय कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बैन ठीक उसी तरह है, जैसे दलीतो के साथ छुआछूत का मामला. कोर्ट सलाहकार राजू रामचंद्रन ने कहा कि छुआछूत …

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माँ के इस रोल को दोहराना चाहती हैं जाह्नवी कपूर

बॉलीवुड एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर की आने वाली फिल्म 'धड़क' रिलीज़ होने के लिए पूरी तरह से तैयार है. हर कोई इनकी फिल्म का इंतज़ार कर रहा है और जाह्नवी की एक्टिंग देखने के लिए बेताब है. ये तो आप जानते ही हैं धड़क 20 जुलाई को रिलीज़ होने वाली है और इसके लिए किसी से भी इंतज़ार नहीं हो रहा है. जाह्नवी की ये पहली फिल्म है जिससे वो बॉलीवुड में डेब्यू कर रही है और काफी खुश है. लेकिन उन्हें सिर्फ एक ही बात खल रो होगी कि उनकी पहली फिल्म रिलजी होने के पहले ही श्रीदेवी चल बसी. Video : बारिश देखते ही बेकाबू हुए ईशान-जाह्नवी, करने लगे रोमांटिक डांस अपनी इस फिल्म के अलावा जाह्नवी ने बताया कि वो अपनी माँ की सुपरहिट फिल्म का रीमेक करना चाहती हैं. जाह्नवी ने कहा कि उन्हें धड़क के लिए सारे कॉम्प्लिमेंट्स मिल रहे हैं और सभी उनकी फिल्म देखने के लिए बेताब हैं. इसी के आगे जाह्नवी कहती हैं कि अगर उनकी माँ श्रीदेवी की कोई फिल्म का रीमेक बनता है तो उसका हिस्सा जरूर बनना चाहेंगी. इसी के साथ उन्होंने बताया कि वो श्रीदेवी की फिल्म 'सदमा' के रीमेक में काम करना चाहेंगी. ये फिल्म काफी भावुक है और उनके अनुसार इससे बेहतर फिल्म कोई हो ही नहीं सकती. जाह्नवी ने बचपन से देखा था ये सपना जाह्नवी ने बताया कि वो इस फिल्म को कभी भी देख सकती हैं क्योंकि ये एक बेहतरीन फिल्म है. इसमें वो अपनी माँ के रोल को दोहराना चाहती हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा अगर फिल्म में जेंडर भी विपरीत होते तो वो कमल हसन का भी रोल कर सकती हैं. देखा जा सकता है वो श्रीदेवी की इस फिल्म को दिल चाहती हैं जिसमें काम करने की जाहिर की है. बात करें धड़क की तो जाह्नवी के सत्ज फिल्म में ईशान खटटर भी हैं जिनकी ये दूसरी फिल्म है.

बॉलीवुड एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर की आने वाली फिल्म ‘धड़क’ रिलीज़ होने के लिए पूरी तरह से तैयार है. हर कोई इनकी फिल्म का इंतज़ार कर रहा है और जाह्नवी की एक्टिंग देखने के लिए बेताब है. ये तो आप जानते …

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जान्हवी ने बताया ‘धड़क’ का खौफनाक सच

श्रीदेवी और बोनी कपूर की बेटी जान्हवी कपूर और शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर की फिल्म 'धड़क' 20 जुलाई को रिलीज हो रही है। यह फिल्म फेमस मराठी फिल्म 'सैराट' की हिंदी रीमेक है। फिल्म को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता देखी जा रही है और वह ​फिल्म रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच जान्हवी कपूर ने रिलीज से एक दिन पहले ही फिल्म के एक खौफनाक सच के बारे में बताया, ​जिसे जानकर उनके फैंस भी हैरान रह गए। माँ के इस रोल को दोहराना चाहती हैं जाह्नवी कपूर जानकारी के अनुसार, जान्हवी कपूर ने बताया कि यह फिल्म बॉलीवुड की मुख्य धारा की फिल्मों से बिल्कुल अलग है। दरअसल, यह फिल्म जाति विभाजन पर आधारित है। जान्हवी ने कहा कि बॉलीवुड की आम ​फिल्मों में जाति विभाजन का महिमामंडन किया जाता है, जो सच से बहुत दूर है। उन्होंने बताया कि धड़क में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिलेगा। इस फिल्म में वे एक शाही परिवार की लड़की बनी हुई हैं। जान्हवी ने कहा कि आम बॉलीवुड फिल्मों में दिखाया जाता है कि कैसे ​फिल्म के अंत में सब ठीक हो जाता है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं होता। जाति विभाजन जैसे मुद्दे का महिमामंडन करने से फिल्मों को अच्छा रिस्पांस मिलता है, क्योंकि इससे विवाद उत्पन्न होता है और विवाद का फायदा फिल्म को मिलता है। जान्हवी ने साफ तौर पर कहा कि धड़क में इस मुद्दे को लेकर कोई महिमामंडन नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि आम फिल्मों के अंत में सब कुछ ठीक हो जाता है, लेकिन धड़क में असलियत दिखाई गई है। जाति विभाजन के खौफनाक सच को फिल्म में दिखाया गया है। जाह्नवी ने बचपन से देखा था ये सपना बता दें कि जान्हवी कपूर और ईशान खट्टर इस फिल्म से अपना बॉलीवुड डेब्यू कर रहे हैं। इस फिल्म को निर्देशक शशांक खेतान ने डायरेक्ट किया है। यह फिल्म 20 जुलाई को रिलीज होगी।

श्रीदेवी और बोनी कपूर की बेटी जान्हवी कपूर और शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर की फिल्म ‘धड़क’ 20 जुलाई को रिलीज हो रही है। यह फिल्म फेमस मराठी फिल्म ‘सैराट’ की हिंदी रीमेक है। फिल्म को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता …

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गौतम का धोनी को लेकर गंभीर बयान

भारत के पूर्व कप्तान और मौजूदा विकेटकीपर बल्लेबाज़ महेंद्र सिंह धोनी अपनी बल्लेबाज़ी को लेकर एक बार फिर घिरते नजर आ रहे है. यह सवाल उठना भी वाजिब हैं क्योंकि आईपीएल सीजन के दाैरान धोनी का खेलने का अंदाज देखने के लायक रहा था. लेकिन जब बात राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की आती है तो वह नाकाम साबित हो रहे हैं. इसी बीच क्रिकेटर गाैतम गंभीर ने धोनी पर निशाना साधा है. धोनी ने तीसरे वनडे में जब टीम को रनो की दरकार थी तब 66 गेंदों पर केवल 42 रन बनाए. उनकी इस धीमी पारी पर गंभीर ने कहा कि अगर आपने ज्यादा गेंदें खेलनी हैं तो आखिरी समय तक खेलना भी जरूरी है. इसके साथ ही गंभीर ने साफ कहा कि उन्होंने एक दो साल पहले तक धोनी को इतनी डॉट बॉल खेलते नहीं देखा है जिस पर उन्हें निश्चित रूप से काम करने की जरूरत है. यहां तक कि उनका पुराना रूप ना देख पाने के कारण सोशल मीडिया पर लोग उन्हें पहले जैसा फिनिशर भी नहीं मान रहे. गंभीर यही नहीं रूके, उन्होंने कहा कि धोनी के डॉट बॉल खेल की वजह से उनके साथी बल्लेबाजों पर भी दबाव बन रहा है.

भारत के पूर्व कप्तान और मौजूदा विकेटकीपर बल्लेबाज़  महेंद्र सिंह धोनी अपनी बल्लेबाज़ी को लेकर एक बार फिर घिरते नजर आ रहे है. यह सवाल उठना भी वाजिब हैं क्योंकि आईपीएल सीजन के दाैरान धोनी का खेलने का अंदाज देखने …

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पाकिस्तान के साथ मिलकर रक्षा उपकरण बनाएगा ईरान, भारत के लिए असमंजस की स्थिति

भारत के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को फिलहाल इंग्लैंड के खिलाफ पहले तीन टेस्ट के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं मिली है क्योंकि बीसीसीआई की मेडिकल टीम उनकी हालत का मुआयना कर रही है. भुवनेश्वर को आईपीएल की शुरुआत से तकलीफ थी और वह ब्रिटेन दौरे के दौरान सीमित ओवरों के सभी मैचों में भी नहीं खेले. इसके कारण पीठ की चोट बढऩे के बाद भारतीय टीम के फिजियो पैट्रिक फरहार्ट और ट्रेनर शंकर बासु की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर भुवनेश्वर पूरी तरह फिट नहीं था तो फिर तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में क्यों सीहमील किया गया. भुवनेश्वर की चोट के बारे में पूछने पर अधिकारी ने जवाब दिया, ‘‘ कृपया जाइए और रवि शास्त्री से यह सवाल कीजिए. ’’ उन्होंने कहा ,वह हमारी टेस्ट मैचों की योजनाओं का महत्पूर्ण हिस्सा है तो एकदिवसीय मैच के लिए उसे लेकर जोखिम क्यों लिया गया ’’ भुवनेश्वर यो - यो टेस्ट पास करने में सफल रहे थे जो अब टीम में जगह बनाने की मुख्य फिटनेस पात्रता है. अधिकारी ने कहा, ‘‘ कुछ सवाल हैं जिसका जवाब टीम प्रबंधन को देने की जरूरत है’’

भारत के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को फिलहाल इंग्लैंड के खिलाफ पहले तीन टेस्ट के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं मिली है क्योंकि बीसीसीआई की मेडिकल टीम उनकी हालत का मुआयना कर रही है. भुवनेश्वर को आईपीएल की शुरुआत …

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पाक चुनाव: पूर्व पीएम खाकान अब्बासी के समर्थन में उतरा चरमपंथी संगठन

थाइलैंड की पानी से भरी एक गुफा में 18 दिनों तक फंसे रहने के बाद सुरक्षित निकाले गए वाइल्ड बोअर फुटबॉल टीम के बच्चों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। बुधवार को अस्पताल से बाहर आने के बाद उन्होंने पहली बार मीडिया से बातचीत की और अपने सलामत रहने को चमत्कार बताया। गुफा से निकालने के बाद बच्चों को उत्तरी थाइलैंड में चियांग राई प्रांत के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल से निकलने के समय वहां मौजूद लोगों ने बच्चों का जोरदार स्वागत किया। बाहर आने के बाद बच्चों ने एक छोटे से अस्थायी पिच पर फुटबाल खेला और उसके बाद अपनी जगह पर बैठे। थाम लुआंग गुफा में 12 बच्चे अपने फुटबॉल कोच समेत फंस गए थे। डरावनी गुफा में मौत से लड़कर निकले बच्चों ने मीडिया से बात करते हुए उन खौफनाक दिनों को याद किया। 14 साल के अदुल सैम-ऑन ने कहा कि यह एक चमत्कार है। हम लोगों के पास कई दिनों तक खाने का कोई सामान नहीं था। प्यास लगने पर बाढ़ का पानी पीना पड़ता था। उसने उस पल को भी याद किया, जब दो ब्रिटिश गोताखोरों ने उन लोगों को गुफा जाकर खोजा था। Thai Cave Rescue : गुफा से निकाले गए बच्चों के सामने अब उम्मीदों का बोझ यह भी पढ़ें उसने कहा कि मुझे उनके सवालों का जवाब देने से पहले बहुत कुछ सोचना पड़ा रहा था। टीम के एक अन्य बच्चे ने कहा कि शुरू के एक-दो दिन तो ज्यादा बुरा नहीं लगा। लेकिन, बाद में हम लोग थकने लग गए। टीम के सबसे छोटे सदस्य टाइटन ने बताया कि मैं बिल्कुल शक्तिहीन हो गया था। मैं कोशिश कर रहा था कि खाने के बारे में कुछ न सोचूं, ताकि भूख ज्यादा न लगे। एक अन्य ने कहा कि मैं तो बहुत डर गया था कि अब घर नहीं जा पाऊंगा। और यदि चला गया, तो मां से बहुत डांट पड़ेगी। इससे पहले टीम के बच्चों को तीन मिनी बसों में सवार होकर अस्पताल से निकलते देखा गया। इन बच्चों को निर्धारित समय से एक दिन पहले ही छुट्टी दे दी गई। बच्चे बुधवार को अपने-अपने घर पहुंच गए। थाइलैंड रेस्क्यू : थाई सरकार ने भारत को कहा शुक्रिया, जानिए बच्चों का हाल यह भी पढ़ें इस बीच, चिकित्सकों ने बच्चों के परिजनों से कहा है कि वे कम से कम एक महीने तक उन्हें पत्रकारों के संपर्क में नहीं आने दें। हालांकि, बताया जा रहा है कि बच्चे और उनके कोच की मानसिक और शारीरिक स्थिति ठीक है। गुफा तोड़ने का किया था प्रयास - Thai Cave Rescue : आस्ट्रेलियाई डॉक्टर की दवा ने बच्चों को निडर बनाया था यह भी पढ़ें -23 जून को फुटबॉल का प्रैक्टिस मैच खेलने के बाद वाइल्ड बोअर टीम के बच्चे अपने कोच के साथ एक घंटे के लिए गुफा में घुसे थे। -लेकिन, बारिश होने लगी और बच्चे गुफा में फंस गए। कोच एकापोल चांगथ्वांग ने बताया कि हमने गुफा को तोड़ने का प्रयास भी किया था। - थाईलैंड : 18 दिन से गुफा में फंसे बच्चे निकले सुरक्षित, 8 देशों के 90 गोताखोरों ने की मदद यह भी पढ़ें -उसने कहा कि हम लोगों ने पत्थर से गुफा की दीवार को तोड़ना शुरू किया। तीन-चार मीटर तक खोद भी डाला। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। -उसने यह भी कहा कि लगभग हर किसी को तैरना आता था। हालांकि, कुछ बच्चे अच्छे तैराक नहीं थे। इसलिए तैरकर निकलने का प्रयास नहीं किया।

थाइलैंड की पानी से भरी एक गुफा में 18 दिनों तक फंसे रहने के बाद सुरक्षित निकाले गए वाइल्ड बोअर फुटबॉल टीम के बच्चों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। बुधवार को अस्पताल से बाहर आने के बाद उन्होंने …

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पाक के पास नहीं हैं डैम बनाने के पैसे, 30-30 रुपये के चंदे से जुटाएगा पैसा

पाकिस्तान एक परमाणु सम्पन्न देश होने का दावा करता है लेकिन आतंकवाद का पनाहगाह और संरक्षक पाकिस्तान के पास डैम बनाने के लिए पैसे नहीं हैं. पाकिस्तान के कई इलाके पानी की घोर समस्या से जूझ रहे हैं और इसके लिए वहां कई डैम बनाने की जरूरत है. लेकिन बात-बात पर हिंदुस्तान को परमाणु बम की धमकी देने वाले पाकिस्तान के पास डैम के लिए पैसे नहीं हैं, इसलिए इन दिनों पाकिस्तान में लोगों से चंदा इकट्ठा किया जा रहा है. हाल ही में पाकिस्तान को घोर पानी संकट से जूझ रहे विश्व के देशो में तीसरे पायदान पर रखा गया. इसके बाद पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने सरकार की अक्षमता, अयोग्यता और अनिक्षा को देखते हुए पाकिस्तान में दो डैम (डैमार-भाषा, 4500 मेगावाट और मोहमंद, 700 मेगावाट) बनाने के लिए लोगों से चंदा देने की अपील की. विदेशों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों से भी चंदा देने की अपील की. उदाहरण पेश करने के लिए चीफ जस्टिस ने अपनी तरफ से 10 लाख रुपये देने की घोषणा भी कर दी. आश्चर्यजनक रूप से जस्टिस निसार डैम के लिए चंदा इकट्ठा करने की तुलना भारत के साथ 1965 की लड़ाई के समय इकट्ठा किये गए चंदे से किया. जस्टिस निसार ने उम्मीद जताया कि डैम बनाने के लिए 1965 की लड़ाई के समय जैसा जूनून लोगो में दिखेगा. डैमार-भाषा डैम केपी और गिलगिट-बाल्टिस्तान और मोहमंद बांध स्वात नदी पर बनाया जाना है. पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने निर्माण की प्रगति की निगरानी के लिए जल और विद्युत विकास प्राधिकरण (Wapda) प्रमुख की अध्यक्षता में एक समिति बनाई और निर्देश दिया कि एससी के रजिस्ट्रार के साथ एक खाता खोला जाए जिसमें सभी दान एकत्र किए जाएंगे. यह भी कहा गया है कि जो लोग इस कारण के लिए दान करते हैं उनके आय के स्रोतों के बारे में नहीं पूछा जाएगा. पाकिस्तान की आर्मी ने भी अपनी तरफ से एक और दो दिन के वेतन देने की घोषणा की है. इस अपील के बाद पाकिस्तान के वित् मंत्रालय द्वारा चंदा इकट्ठा करने के लिए बैंक अकाउंट खोला गया. अप्रैल में ही पाकिस्तान सरकार ने अपने रक्षा बजट में 10 फीसदी की भारी बढ़ोत्तरी की थी. पाकिस्तान का रक्षा बजट पिछले वित्त वर्ष के दौरान 999 अरब रुपये का था, जो इस बार बढ़ाकर 11 सौ अरब रुपये कर दिया गया. लेकिन जिस तरह से डैम बनाने के लिए चंदा इक्कठा किया जा रहा है, उससे पाकिस्तान की आर्थिक कंगाली सबके सामने है. पहले अमेरिका और अब चीन के चंदे पर टिके पाकिस्तान की आर्थिक हालत जग-जाहिर हो रही है. चंदे के पैसे से डैम बनाने की करवाई को कई पाकिस्तानी शर्मनाक बता रहे हैं और इसे गलत परम्परा की शुरुआत बता रहे हैं. अब्दुल्ला अंसारी, पेशे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और पाकिस्तान में तेल और गैस उद्योग में काम करते हैं, एक्सप्रेस ट्रिब्यून में अपने ब्लॉग में पाकिस्तान में वसूले जाने वाले टैक्स की लम्बी लिस्ट गिनाते हैं. अब्दुल्ला अंसारी के अनुसार दुर्भाग्यवश, दान के माध्यम से बांध बनाने के लिए आगे बढ़ने का तरीका सही नहीं है. इस तरह से तो आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक बहुत ही खतरनाक उदाहरण स्थापित करेगा. यह तरीका भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए राज्य अनिच्छा को अनुचित वैधता प्रदान करती है. इससे भी बदतर, यह उन्हें इस देश में कहर बरकरार रखने की इजाजत देता है जहां हम, नागरिक, लगातार थोड़ा और थोड़ा और आगे बढ़कर देने के लिए कहा जाता है जब तक कि हमारे पास देने के लिए कुछ भी नहीं बच जाता. खुर्रम हुसैन, डॉन अखबार में अपने लेख में लिखते हैं कि देश में आधारभूत ढांचे का निर्माण ऐसे वित्तीय जुगाड़ से नहीं किये जाते हैं. इतना बड़ा डैम भीड़ के चंदे से नहीं बनाया जा सकता. अगर इसे शर्मनाक कहें तो ये कम ही होगा. खुर्रम हुसैन के अनुसार, सार्वजनिक वित्त एक मजाक नहीं है, राज्य को दान की तरह नहीं चलाया जा सकता है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ महीनों से भारी संकट में जाती दिख रही है. पाकिस्तान के पास इस साल मई में 10.3 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था, जो पिछले साल मई में 16.4 अरब डॉलर था. पाकिस्तान भुगतान संतुलन के संकट से जूझ रहा है और पाकिस्तान को भुगतान-संतुलन संकट से बचने में मदद के लिए चीन ने पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर का चीनी ऋण देने का वादा किया है. सिर्फ डैम ही नहीं पाकिस्तान में एक राजनीतिक दल, जिस राज्य में उसकी सरकार थी, वहां एक अस्पताल बनाने के लिए लोगों से चंदा इकट्ठा कर रही थी. इमरान खान जनता से पेशावर में एक अस्पताल के लिए दान करने के लिए कह रहे थे और वह भी उनके नाम पर. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (के-पी) प्रान्त में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार रहते हुए भी पार्टी के मुखिया इमरान खान एक अस्पताल बनाने के लिए लोगों से चंदा देने की अपील कर रहे थे जबकि राज्य सरकार के पास सरकारी फंड के इस्तेमाल का अधिकार था.

पाकिस्तान एक परमाणु सम्पन्न देश होने का दावा करता है लेकिन आतंकवाद का पनाहगाह और संरक्षक पाकिस्तान के पास डैम बनाने के लिए पैसे नहीं हैं. पाकिस्तान के कई इलाके पानी की घोर समस्या से जूझ रहे हैं और इसके …

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थाईलैंड: बचाए गए बच्चे आए मीडिया के सामने

थाईलैंड में पानी से भरी गुफा से बाहर आए बच्चों और उनके कोच ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने उन कठिन अनुभवों को साझा किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब ‘वाइल्ड बोर्स’ के सदस्य उत्तरी थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में अंधेरे में बिताए अपने नौ दिनों के बारे में सवालों के जवाब दे रहे थे तब वे काफी स्वस्थ नजर आ रहे थे. अंतरराष्ट्रीय बचाव दल ने उन्हें खोजा था. उन्होंने कहा कि जब टीम गुफा में अंदर फंस गई तब उसके पास खाने को कुछ नहीं था. गुफा के अंदर दीवारों से रिस रहे पानी को पीकर जिंदा रहे. इन बच्चों की कहानी जानने में लोगों की तीव्र इच्छा है. कुछ फिल्म प्रोडक्शन हाउसों की इस घटना पर हॉलीवुड फिल्म बनाने को लेकर नजर है. लेकिन डॉक्टरों ने कहा है कि अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ के बाद सभी 13 लोग सेहतमंद हैं. यहां अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद लोगों ने इन किशोरों का स्वागत किया. इन किशोरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाने से पहले एक अस्थाई मैदान में फुटबॉल भी खेला. इसी बीच डॉक्टरों ने 11-16 साल के इन बच्चों के परिवारों को सलाह दी है कि वे उन्हें कम से कम एक महीने तक पत्रकारों के संपर्क में नहीं आने दें.

थाईलैंड में पानी से भरी गुफा से  बाहर आए बच्चों और उनके कोच ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने उन कठिन अनुभवों को साझा किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब ‘वाइल्ड बोर्स’ के सदस्य उत्तरी थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा …

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कांग्रेस वर्किंग कमेटी से नदारद दिग्विजय का संन्यास पर बयान

कांग्रेस वर्किंग कमेटी से नदारद दिग्विजय का संन्यास पर बयान

कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को जगह नहीं दी गई जिसके बाद उनका रिएक्शन आया. उन्होंने कहा कि वह चाहे कहीं भी रहें, नफरत की राजनीति के खिलाफ लड़ते रहेंगे. उन्होंने भावुक …

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