विजय गर्ग वर्ष 2024 में भारत में स्नातक के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी यूजी), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) और सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) सहित कई उच्च-स्तरीय परीक्षाओं में चूक में चिंताजनक वृद्धि …
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पूर्वाग्रहों की जंजीरें
विजय गर्ग हमारी दुनिया में पूर्वाग्रहों का जाल इतनी बारीकी से बुना हुआ है कि हममें से अधिकतर लोग इसके प्रभाव से अनजान रहते हैं। यह जाल हमारे जीवन में सोचने, समझने और प्रतिक्रिया देने के ढंग को आकार देता …
Read More »मातृभाषा में खुलती शिक्षा की की नई नई राहें
विजय गर्ग हाल के कुछ वर्षों में बेरोजगारी एक बड़ा मुच बनकर उभरा है। इसी की ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार देश की शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं के लिए विशेष इंटर्नशिप योजना शुरू करने जा रही …
Read More »हमारी आकांक्षाओं और वास्तविकता में बहुत बड़ा अंतर
विजय गर्ग असल में हमारी आकांक्षाओं और वास्तविकता में बहुत बड़ा अंतर है। सबसे बड़ा अंतर तब नजर आता है, जब हम स्कूलों की ओर देखते हैं। पिछले 77 सालों से हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे एक स्वतंत्र सोच, …
Read More »आजादी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में हम कहां से कहां पहुंचे ?
विजय गर्ग अंग्रेजों ने भारत में शिक्षा को कुछ चुने हुए लोगों तक ही सीमित रखने की नीति अपना रखी थी। उन्हें सिर्फ ऐसी शिक्षा व्यवस्था से वास्ता था, जिससे उनका काम चल जाए, उसमें कोई दिक्कत ना आए। बाकी …
Read More »हरियाली अमावस्या: प्रकृति के प्रति कृतज्ञ होने का पर्व
अमरपाल सिंह वर्मा हमारे देश के दूरदर्शी लोगों ने सदियों पहले प्रकृति का महत्व समझ लिया और उसके संरक्षण के उपाय सुनिश्चित किए। आम जन-जीवन में प्रकृति के प्रति आस्था का भाव सदा से रहा है। देश में प्राचीन काल …
Read More »पाकिस्तान में जमाने भर की बातों का बदला हिंदू मंदिरों से क्यों?
पाकिस्तान की सीमा हैदर पबजी खेलते हुए भारत के सचिन के प्यार मेंं पड़ कर कई देशों की सीमाएं लांघते हुए भारत आ गई। यकीनन, सीमा हैदर की करतूत से उसके परिजनों और पाकिस्तान के लोगों मेंं गुस्सा है लेकिन …
Read More »भारत की पारंपरिक चिकित्सा को प्रोत्साहन देने की मांग
ललित गर्ग सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल करने की मांग वाली एक याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा गया था। यह मांग बिल्कुल प्रासंगिक एवं भारत के पारंपरिक …
Read More »भगवान राम की सीख
वनवास के समय एक भीषण वन से गुजरते समय श्रीराम एक विकराल दैत्य को देखते हैं। इतना बड़ा कि वह सिंह, हाथियों, भैंसे आदि बड़े पशुओं को भी खाते हुए आगे बढ़ रहा है। संदेह न कीजिये, अधर्म का …
Read More »भागलपुर ने दी राष्टकवि दिनकर को ख्याति
कुमार कृष्णनकुमार कृष्णन भागलपुर से ही राष्टकवि रामधारी सिंह दिनकर को ख्याति मिली।इसे उन्होंने स्वयं स्वीकार किया है। उनके मुताबिक- ” 1933 में सुप्रसिद्ध इतिहासकार काशी प्रसाद जायसवाल नें भागलपुर में बिहार प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन का सभापतित्व किया था।इसके …
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