लेख

लखनऊ में पत्रकारों का खेला होबे !

*  “मीडिया ओलंपिक खेल” खेलेंगे  पत्रकार और उनके परिजन तनावग्रस्त मीडियाकर्मियों को तनाव मुक्त करने के लिए युवा पत्रकारों ने एक अनूठी पहल की है। ख़बरों के लिए पसीना बहाने वाले खबरों की दुनियां के महारथी परिवार सहित अब खेल …

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चश्मदीद वीरों से रौशन थी आज़ादी की 50वीं वर्षगांठ

 कई मायनों में वर्तमान से अच्छा था अतीत। बिना मोबाइल फोन वाली पत्रकारिता से लेकर आज़ादी का जश्न पहले ज्यादा अच्छा था। बीते कल की बहुत सारी चीज़ें साधनहीनता के बावजूद खरी थीं,सच्ची थीं और अच्छी थीं। अब वो बात …

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मुसलमानों को मुख्यधारा से जोड़ रही योगी सरकार

समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहा मुसलमान अब भाजपा से दूरियों को भी मिटाने की कोशिश करता नज़र आ रहा है। ख़ासकर उत्तर प्रदेश में ऐसे संकेत ज्यादा देखने को मिल रहे हैं‌। दोनों तरफ की दीवारें गिर रही हैं …

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‘मुझे आज भी याद है वो मुनादी, जब 13 अगस्त की भोर में कहा गया धर्म बदल लो या पाकिस्तान छोड़ दो’

राष्ट्रपति पदक से सम्मानित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से खास बातचीत भारत विभाजन की विभीषिका झेल चुके 94 साल के तिलक राज कपूर ने बयां किया दर्द कहा- 1947 से सालभर पहले ही पाकिस्तान में विभाजन की भूमिका बनने लगी थी …

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बैदापोसी से दिल्ली तक के संघर्ष गाथा की नायिका : द्रौपदी मुर्मू

आदिवासी समाज से संबंध रखने वाली द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने से समाज में नई शक्ति का संचार होगा। समाज के सभी वर्ग में भी एक नया उत्साह उत्पन्न होगा। उनमें यह संदेश जाएगा कि इस देश का कोई भी …

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यूपी में पर्यटकों के सैलाब की आहट

रोज़गार, राजस्व, पर्यटन और विकास को बढ़ा रहे धार्मिक स्थल भारतवासियों के विभिन्न धर्म और आस्थाएं केवल विश्वास नहीं है, ये विकास को आगे बढ़ाने का धर्म भी हैं। उत्तर प्रदेश में तो धार्मिक स्थलों, प्राकृतिक संपदाओं और सांस्कृतिक धरोहरों …

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अबला कभी रही होगी ! अब तो बुलंदी पर है

इस्लामी जम्हूरिया की दो तरुणिओं समीना बेग (पाकिस्तान) और अफसानेह हेसामिफर्द (ईरान) ने विश्व में सबसे ऊंची चोटी (एवरेस्ट के बाद) काराकोरम पर्वत श्रंखला पर फतह हासिल कर, जुमे (22 जुलाई 2022) की नमाज अता की थी, तो हर खातून …

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जंगल का चीरहरण रोक देना द्रोपदी !

जंगल सबसे ज्यादा ख़ुश हैं। पशु-पक्षी और आदिवासी सब नाच रहे हैं। चिड़ियां,पेड़-पौधे, हरियाली,झाड़ियां सब जश्न मना रहे हैं। पहाड़, झरने, नदियां, तालाब.. सब उत्साहित हैं। टहनियां, शाख़ें बल खा रही हैं, हिरण इतरा रहे हैं,बादल गरज रहे हैं, चिड़ियां …

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..जिनपे तकिया था वही पत्ते हवा देने लगे

अखिलेश, माया, प्रियंका को किसकी नज़र लग गई ! बागबां ने आग दी जब आशियाने को मेरे,जिनपे तकिया था वही पत्ते हवा देने लगे। अर्से पहले लखनऊ के साक़िब लखनवी का लिखा ये मशहूर शेर उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों …

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माता-पिता में बसते हैं समस्त तीर्थ

आज के युग में उन्नति का अर्थ केवल धनोपार्जन से लिया जा रहा है अर्थात जो व्यक्ति जितना अधिक धन अर्जित कर रहा है, वह उतना ही सफल माना जा रहा है। मनुष्य की उन्नति की इस परिभाषा ने पारिवारिक …

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