प्रदेश

शर्मिष्ठा को प्रणब का नागपुर जाना रास नहीं आया

एक ओर जहां देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संघ मुख्यालय नागपुर में अपना सम्बोधन देंगे , वहीं दूसरी ओर उन्हीं की बेटी शर्मिष्ठा को अपने पिता का नागपुर जाना पसंद नहीं आया. पिता के इस फैसले को गलत बताते हुए शर्मिष्ठा ने कहा कि संघ मुख्यालय में उनका संबोधन भुला दिया जाएगा लेकिन इससे जुड़ीं तस्वीरें बनी रहेंगी. बता दें कि शर्मिष्ठा ने अपने ट्वीट में कहा कि संघ का न्योता स्वीकार कर पूर्व राष्ट्रपति ने भाजपा और संघ को झूठी कहानियां गढ़ने का मौका दे दिया है.पूर्व राष्ट्रपति जल्द ही समझ जाएंगे कि भाजपा की गंदी चालबाजी कैसे काम करती है. संघ कभी नहीं मानेगा कि अपने ( यानी प्रणब के) भाषण में आप इसके विचारों की तारीफ़ कर रहे हैं. उन्होंने संघ की नीयत पर सवाल उठाए हैं. उल्लेखनीय है कि शर्मिष्ठा का यह बयान उन खबरों के बाद आया है, जिनमें कहा गया है कि वह भाजपा में शामिल हो रही है.इन अफवाहों को खारिज करते हुए शर्मिष्ठा ने कहा कि वह कांग्रेस छोड़ने के बजाय राजनीति से संन्यास लेना पसंद करेंगी.कांग्रेस छोड़ने की अफवाह को बकवास बताया.उधर, दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने भी शर्मिष्ठा के भाजपा में शामिल होने की अफवाहों का खंडन किया है.

एक ओर जहां देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संघ मुख्यालय नागपुर में अपना सम्बोधन देंगे , वहीं दूसरी ओर उन्हीं की बेटी शर्मिष्ठा को अपने पिता का नागपुर जाना पसंद नहीं आया. पिता के इस फैसले को गलत बताते …

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मोदी को रोकने राहुल ने बदली रणनीति

पिछले कुछ दिनों से राहुल गाँधी के न केवल व्यवहार में अंतर देखा जा रहा है , बल्कि पीएम मोदी को फिर सत्ता में न आने देने के लिए लगातार अपनी नीतियों में भी बदलाव कर रहे हैं. इसके तहत वे उन कुछ नेताओं के प्रति भी अपना रवैया बदल रहे हैं जिन्होंने पार्टी से दगा किया था . इसमें आंध्र के वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी भी शामिल हैं , जिन्हें वह गले लगाना चाहते हैं. आपको बता दें कि इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के स्वभाव में परिवर्तन देखा जा रहा है.यह बदलाव 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर कीमत पर सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए है .इसके लिए वे नापसंद लोगों को भी तरजीह देने लगे हैं. पहले उन्होंने कमलनाथ को पार्टी की मध्य प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष बनाया , जबकि वह निजी तौर पर उन्हें पसंद नहीं करते. इसी तरह उन्होंने वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी के साथ संबंध बनाने की संभावनाओं का पता लगाने को कहा है. कांग्रेस पार्टी आंध्र प्रदेश में वाई.एस.आर.रेड्डी को साथ मिलाना चाहती है. उल्लेखनीय है कि इन दिनों राहुल हर उस पार्टी के नेताओं से हाथ मिलाने को तैयार है , जो मोदी को सत्ता में आने से रोक सके.इस रणनीति के तहत ही दिग्विजय सिंह को आंध्र प्रदेश के प्रभारी पद से हटा कर केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी को पार्टी का महासचिव प्रभारी बनाया गया .स्मरण रहे कि चांडी वाई.एस. चंद्रशेखर रेड्डी के बहुत नजदीक हैं. राहुल गांधी इसी तरह की रणनीति हर राज्य में अपना रहे हैं. उनका मकसद भाजपा को हर कीमत पर सत्ता से हटाना हैपिछले कुछ दिनों से राहुल गाँधी के न केवल व्यवहार में अंतर देखा जा रहा है , बल्कि पीएम मोदी को फिर सत्ता में न आने देने के लिए लगातार अपनी नीतियों में भी बदलाव कर रहे हैं. इसके तहत वे उन कुछ नेताओं के प्रति भी अपना रवैया बदल रहे हैं जिन्होंने पार्टी से दगा किया था . इसमें आंध्र के वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी भी शामिल हैं , जिन्हें वह गले लगाना चाहते हैं. आपको बता दें कि इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के स्वभाव में परिवर्तन देखा जा रहा है.यह बदलाव 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर कीमत पर सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए है .इसके लिए वे नापसंद लोगों को भी तरजीह देने लगे हैं. पहले उन्होंने कमलनाथ को पार्टी की मध्य प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष बनाया , जबकि वह निजी तौर पर उन्हें पसंद नहीं करते. इसी तरह उन्होंने वाई.एस.आर. कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी के साथ संबंध बनाने की संभावनाओं का पता लगाने को कहा है. कांग्रेस पार्टी आंध्र प्रदेश में वाई.एस.आर.रेड्डी को साथ मिलाना चाहती है. उल्लेखनीय है कि इन दिनों राहुल हर उस पार्टी के नेताओं से हाथ मिलाने को तैयार है , जो मोदी को सत्ता में आने से रोक सके.इस रणनीति के तहत ही दिग्विजय सिंह को आंध्र प्रदेश के प्रभारी पद से हटा कर केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी को पार्टी का महासचिव प्रभारी बनाया गया .स्मरण रहे कि चांडी वाई.एस. चंद्रशेखर रेड्डी के बहुत नजदीक हैं. राहुल गांधी इसी तरह की रणनीति हर राज्य में अपना रहे हैं. उनका मकसद भाजपा को हर कीमत पर सत्ता से हटाना है

पिछले कुछ दिनों से राहुल गाँधी  के न केवल व्यवहार में अंतर देखा जा रहा है , बल्कि पीएम मोदी को फिर सत्ता में न आने देने के लिए लगातार अपनी नीतियों में भी बदलाव कर रहे हैं. इसके तहत वे उन …

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शाह की बादल से भेंट से पहले कांग्रेस हुई बेचैन

चंडीगढ़ : संपर्क फॉर समर्थन के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से यहां मुलाकात करेंगे. लेकिन इस मुलाकात से पहले ही कांग्रेस की बेचैनी उसके बयान से झलकने लगी है. कांग्रेस ने कहा है कि यह मुलाकात राहुल गांधी के कारण संभव हो रही है. बता दें कि शाह व बादल की बैठक से पहले ही कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सांसद सुनील जाखड़ ने बुधवार को कहा कि यह मुलाकात राहुल गांधी के कारण संभव हो रही है. गुजरात व कर्नाटक चुनाव में राहुल के नेतृत्व का ही नतीजा है कि अब भाजपा को चार साल बाद अकाली दल की याद आई है . जाखड़ ने अकाली दल से शाह के सामने किसान समस्या,यमुना लिंक और श्री गुरु नानक देव जी के 550वें जन्म दिवस समारोह के लिए 2145.31 करोड़ रुपये केंद्र से मांगने का मुद्दा रखने की भी बात कही .जबकि इसका पलटवार करते हुए शिअद ने कहा कि कांग्रेस के नेता गांधी परिवार की खुशामद करने से कभी नहीं चूकते हैं. उल्लेखनीय है कि अमित शाह आज गुरुवार को पूर्व सीएम बादल के अलावा अकाली दल के अध्यक्ष व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के साथ भी चंडीगढ़ में बैठक करेंगे. यह मुलाकात लोक सभा चुनाव 2019 के लिए अन्य दलों का समर्थन हासिल करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है.हालाँकि अकाली दल भाजपा का पूर्व सहयोगी है.

चंडीगढ़ : संपर्क फॉर समर्थन के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से यहां मुलाकात करेंगे. लेकिन इस मुलाकात से पहले ही कांग्रेस की बेचैनी उसके बयान …

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मुख्यमंत्री से पीसीएस-2017-मेन्स परीक्षाओं की तिथियां स्थगित करने की मांग 

लखनऊ : उप्र लोकसेवा आयोग द्वारा पीसीएस-2017-मेन्स की आगामी 18 जून से होने वाली परीक्षाओं की तिथियों को स्थगित करने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दरवाजे पर दस्तक दी है। मुख्यमंत्री को सम्बोधित किए …

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यूपी सचिवालय में कर्मचारियों से लेकर अफसरों तक तबादले की तैयारी

उत्तर प्रदेश सचिवालय में ई-ऑफिस व्यवस्था और चक्रीय स्थानान्तरण नीति जारी होने के बाद कंप्यूटर सहायक से विशेष सचिव तक के कर्मचारियों व अधिकारियों के तबादले की तैयारी है। सचिवालय प्रशासन विभाग ने तीनों श्रेणी में बिताए कार्यकाल का लेखा-जोखा …

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फाइटर प्लेन दुर्घटना में लखनऊ के एयर कमोडोर ने गांव वालों को बचाने के लिए दी अपनी जान

गुजरात के कच्छ जिले में वायुसेना का लड़ाकू विमान जगुआर मंगलवार को उड़ान भरने के तत्काल बाद बारजा गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सुबह करीब 10:30 बजे हुए हादसे में विमान उड़ा रहे एयर फोर्स स्टेशन जामनगर के एयर …

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योगी सरकार ने रद्द की पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की बिड, नए सिरे से होगा कांट्रैक्टर का चयन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट को मंगलवार को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए निर्माण एजेंसियों के चयन के लिए आमंत्रित बिड निरस्त कर दी। इसके पहले सपा शासनकाल में आमंत्रित बिड निरस्त की गई थी। कैबिनेट ने …

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सांस्कृतिक सरोकारों ने खुद को मजबूत करेगी भाजपा

गोरखपुर और फूलपुर के बाद कैराना व नूरपुर की हार से चिंतित भाजपा के रणनीतिकार सांस्कृतिक सरोकारों से सियासी रंग को चटख करने की तैयारी में हैं। भगवा टोली ने विपक्षी दलों के गठबंधन से बनने वाले सामाजिक समीकरणों की …

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यूपी: प्रेमी के सामने दर्जनभर युवकों ने किया प्रेमिका का दुष्कर्म

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गैंगरेप का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां कुछ युवकों के गिरोह ने प्रेमी के सामने उसकी प्रेमिका के साथ गैंगरेप किया, और मामले की जानकारी किसी को देने पर जान से मारने की भी धमकी दी. हालांकि चौकाने वाली बात यह है कि इस मामले पर पीड़ित पक्ष ने अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. लेकिन मामला सामने आने के बाद पुलिस ने जांच के आदेश दे दिए है. जानकारी के अनुसार यह मामला थाना जनकपुरी के अंतर्गत चकहेरटी के पास का है. बताया जा रहा है कि यहां बंद पड़े एक भट्टे के पास एक प्रेमी युगल खेत में घूम रहा था. इसी दौरान कुछ युवकों ने दोनों को घेर किया और पहले तो प्रेमी के साथ मारपीट की फिर उसके सामने ही उसकी प्रेमिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया. खबर है कि युवकों के इस गिरोह ने पहले भी इस प्रकार की घटना को अंजाम दिया है. ये घटना आस पास के इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. लेकिन पीड़ित पक्ष ने किसी प्रकार की तहरीर नहीं दी है. उम्मीद जताई जा रही है कि घटना के बाद लड़की डर व शर्म के चलते अपने परिजनों को कुछ नहीं बता सकी है. वहीं डर के मारे प्रेमी ने भी शांत है. वहीं इस मामले पर थाना जनकपुरी प्रभारी शैलेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी और शिकायत मिलने पर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गैंगरेप का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां कुछ युवकों के गिरोह ने प्रेमी के सामने उसकी प्रेमिका के साथ गैंगरेप किया, और मामले की जानकारी किसी को देने पर जान से मारने की …

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पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले खाली कराने के पीछे की कहानी

सुप्रीम कोर्ट ने एक जन हित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली करना पड़ेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बड़ी मुश्किल से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रीअखिलेश यादव और मायावती ने अपने सरकारी बंगलों को खाली किया. दरअसल सुप्रीम कोर्ट का ये निर्णय जनहित में होकर अति विशिष्ट व्यक्तियों की संस्कृति के खिलाफ भी था. लेकिन बहुत कम लोगों को जानकारी है कि जिस जनहित याचिका को कोर्ट में दाखिल किया था वे लोक प्रहरी रिटायर आईएएस एसएन शुक्ला हैं . आपको बता दें कि 75 वर्षीय एस एन शुक्ला सेवा निवृत्ति के 15 सालों बाद भी लोकतंत्र को मजबूत करने की लड़ाई लड़ रहे हैं . सरकारी बंगलों पर कब्जा करने वाले मुख्यमंत्रियों की सूची में अखिलेश यादव, मायावती, एनडी तिवारी, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह और मुलायम सिंह जैसे बड़े नेताओं के नाम थे. जो सालों से सरकारी बंगलों में रह रहे थे.इनको यहां से बेदखल करने का श्रेय इन्हीं को जाता है.एस एन शुक्ला समाजसेवी के अलावा वकील और पूर्व आईएएस अधिकारी भी रह चुके हैं. आपको बता दें कि यह एनजीओ जो कुछ पूर्व आईएएस अधिकारियों, जज और दूसरे सरकारी अधिकारियों ने मिलकर बनाया था , जिससे शुक्ला 2003 में जुड़ गए थे.पूर्व सीएम से बंगले खाली करवाने के अलावा इस एनजीओ ने 2013 में अदालत में दोषी नेताओं के खिलाफ याचिका दर्ज की थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि सज़ायाफ्ता सांसद या विधायक सजा की तारीख से पद पर रहने के अयोग्य होंगे.इसके अलावा इसी एनजीओ ने 2015 में अदालत में चुनाव के समय नेताओं की पत्नियों और संबंधियों की संपत्ति के स्त्रोतों की जानकारी देने की भी मांग की थी.जिसे कोर्ट के आदेश से लागू किया गया. यह भी देखें

सुप्रीम कोर्ट ने एक जन हित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली करना पड़ेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बड़ी मुश्किल से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रीअखिलेश यादव और मायावती ने अपने …

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