प्रदेश

बिहार में बंद का सबसे ज्यादा असर, कहीं चली गोलियां, कहीं चक्का जाम

देश में आज सवर्ण समाज सड़कों पर उतरा हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा SC/ST एक्ट में किए गए बदलाव को ही पलट दिया गया. इसी को लेकर सवर्ण सरकार से खासा नाराज है. गुरुवार को भारत बंद के …

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लोकसभा चुनाव में दम दिखाएगा शिवपाल का ‘समाजवादी सेक्युलर मोर्चा’, 60 जिलों में बना चुका है पैठ

सुर्खियों से दूर रह कर इस फैंस एसोसिएशन ने शिवपाल सिंह को 60 जनपदों में मजबूत किया. एसोसिएशन के पास बड़ी संख्या में 60 जनपदों में प्रबुद्ध वर्ग से लेकर युवाओं की टीम है. जैसे ही शिवपाल सिंह यादव ने …

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यूपी: शिकागो में विश्व हिंदू कांग्रेस में मुख्य वक्ता होंगे मोहन भागवत

शिकागो में सात से नौ सितंबर को होने जा रहे विश्व हिंदू कांग्रेस में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से दस से ज्यादा लोग हिस्सा लेंगे.  लखनऊ: स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो की विश्व धर्म सभा में दिए गए भाषण की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर …

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अप्रैल नहीं, जनवरी से मुंशी पुलिया तक दौड़ने लगेगी मेट्रो, मोबाइल ऐप का लोकार्पण

बहुप्रतीक्षित मेट्रो अगले साल अप्रैल नहीं बल्कि जनवरी में ही अमौसी एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया तक दौड़ने लगेगी। प्रायॉरिटी रूट की पहली सालगिरह पर आयोजित ‘लखनऊ मेट्रो दिवस’ पर एलएमआरसी के चेयरमैन दुर्गा प्रसाद मिश्र, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना …

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कर्ज में डूबे किसान ने हाथ में तिरंगा लेकर अफसरों के सामने की आत्मदाह की कोशिश

सरकार की ओर से फसल का मुआवजा नहीं मिलने और कर्ज माफ नहीं होने से परेशान किसान ने मंगलवार को मोहनलालगंज तहसील परिसर में अधिकारियों के सामने आत्मदाह की कोशिश की। किसान हाथ में तिरंगा लेकर पुलिस व प्रशासनिक अफसरों …

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मुख्यमंत्री ने 17 बेसिक शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार देकर किया सम्मानित

लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी अादित्यनाथ ने आज लोकभवन में 17 बेसिक शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार-2017 देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री से सम्मान पाकर शिक्षक गदगद हो गये।  ये होंगे सम्मानित अल्पा निगम, प्रधानाध्यापिका, प्राथमिक विद्यालय तिलौली, सरदारनगर, गोरखपुर आशुतोष आनंद, …

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कानपुर में तैनात आईपीएस ने घरेलू विवाद में जहरीला पदार्थ खाया, गंभीर हालत में वेंटीलेटर पर

कानपुर (जेएनएन)। कानपुर नगर में एसपी पूर्वी पद पर तैनात 2014 बैच के आईपीएस सुरेंद्र दास ने बुधवार तड़के सरकारी आवास में जहरीला पदार्थ खा लिया। तबियत बिगडऩे पर स्टाफ ड्यूटी ने अधिकारियों को सूचना देकर उर्सला में भर्ती कराया। एसपी …

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महंगे नहीं मोटे अनाज से बनती है सेहत, जानिए कैसे

बदली परिस्थितियों में जमीन 'जहरीली' हो रही तो फसलें भी। रासायनिक उर्वरकों के बेतहाशा उपयोग ने खेती की जो दुर्दशा की है, उससे सभी विज्ञ हैं। हालांकि, जो पैदावार हो रही, वह मात्रात्मक रूप में अधिक जरूर है, मगर गुणवत्ता में बेदम। सूरतेहाल, ऐसा अन्न खाने से सेहत पर असर तो पड़ेगा ही और यही मौजूदा दौर की सबसे बड़ी चिंता भी है। इस सबको देखते हुए थाली में बदलाव व विविधता लाना समय की मांग है। इस लिहाज से देखें तो उत्तराखंड की 'बारानाजा' फसलें इसी बदलाव का प्रतिबिंब हैं, जो पौष्टिकता के साथ औषधीय गुणों से भी लबरेज हैं। कृषि पैदावार बढ़ाने को जिस तरह रासायनिक उर्वरकों का उपयोग हो रहा है, उससे भूमि की उर्वरा शक्ति पर असर पड़ा तो फसलों पर भी। परिणाम तमाम रोगों के तौर पर सामने आ रहा है। ऐसे में पौष्टिक और औषधीय गुणों से लबरेज अन्न मिल जाए तो कहने ही क्या। उत्तराखंड की 'बारानाजा' फसल पद्धति में वह सब मिलता है, जिसकी आज दरकार है। भले ही यहां के पहाड़ी क्षेत्र में सदियों से चलन में मौजूद इस पद्धति से पैदावार कम हो, लेकिन पौष्टिकता के मामले में इनका कोई सानी नहीं है। –– ADVERTISEMENT –– यहां दस घंटे बंद रही लाइफ लाइन, गाड़ियों में बिताई रात यह भी पढ़ें यह है बारानाजा पद्धति विषम भूगोल वाले उत्तराखंड की जलवायु और भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए पहाड़ी क्षेत्र के लोगों ने सदियों पहले गेहूं एवं धान की मुख्य फसल के साथ ही विविधताभरी बारानाजा पद्धति को महत्व दिया। मंडुवा व झंगोरा बारानाजा परिवार के मुख्य सदस्य हैं। इसके अलावा ज्वार, चौलाई, भट्ट, तिल, राजमा, उड़़द, गहथ, नौरंगी, कुट्टू, लोबिया, तोर आदि इसकी सहयोगी फसलें हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो बारानाजा मिश्रित खेती का श्रेष्ठ उदाहरण है और यह फसलें पूरी तरह से जैविक भी हैं। इसमें एक साथ बारह फसलें उगाकर पौष्टिक भोजन की जरूरत पूरी करने के साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने की क्षमता भी है।

बदली परिस्थितियों में जमीन ‘जहरीली’ हो रही तो फसलें भी। रासायनिक उर्वरकों के बेतहाशा उपयोग ने खेती की जो दुर्दशा की है, उससे सभी विज्ञ हैं। हालांकि, जो पैदावार हो रही, वह मात्रात्मक रूप में अधिक जरूर है, मगर गुणवत्ता …

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प्रसूता को अस्पताल से भगाने के बाद सड़क पर प्रसव, बच्चे की मौत पर हाइवे जाम कर हंगामा

जिले में चिकित्सा सेवा की बदहाली के साथ ही मरीजों व तीमारदारों के साथ अमानवीय व्यवहार की घटनाएं अब आम हो गई हैं। सोमवार को जिले के विशेश्वरगंज सीएचसी पर प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को स्टाफ नर्स ने भगा दिया। सड़क पर आसपास की महिलाओं ने चादर तानकर महिला का प्रसव कराया। असुरक्षित प्रसव के कारण बच्चे की मौत हो गई। इससे नाराज ग्रामीणों ने गोंडा-बहराइच हाइवे जाम कर धरना-प्रदर्शन किया। सूचना पाकर एसडीएम पयागपुर संतोष उपाध्याय व तहसीलदार शिवध्यान पांडेय मौके पर पहुंच गए। चिकित्सक व नर्स पर कार्रवाई का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया। महिला के पति की तहरीर पर विशेश्वरगंज पुलिस ने स्टाफ नर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। लोगों का सड़क पर उतरकर हंगामा गोंडा जिले के ग्राम धानेपुर पहड़वा निवासी शेर मुहम्मद ने प्रसव पीड़ा होने पर अपने पत्नी मेहनाज को रविवार को रात करीब नौ बजे सीएचसी विशेश्वरगंज में भर्ती कराया। परिजनों का आरोप है कि काफी देर तक इलाज शुरू नहीं हुआ। नर्स से अनुरोध किया गया तो नर्स ने आपरेशन के लिए धन का बंदोबस्त करने को कहा। आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए परिजनों ने पैसा देने से इन्कार कर दिया। शेर मुहम्मद का आरोप है कि धन न देने पर स्टाफ नर्स लता पांडेय ने उसे जिला अस्पताल ले जाने की बात कहते हुए सोमवार सुबह कक्ष से बाहर कर दिया। मजबूरी में आसपास की महिलाओं की मदद से सड़क पर चादर तानकर प्रसव कराया गया। असुरक्षित प्रसव की वजह से बच्चे की मौत हो गई। परिवारीजन और आसपास के लोग जब सड़क पर उतरकर हंगामा करने लगे। बच्चे की मौत की खबर सुनकर स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंच गए। हाइवे जाम कर धरना-प्रदर्शन कर नारेबाजी करने लगे। एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया। शेर मुहम्मद की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। बहराइच में प्रसूता को अस्पताल से भगाया, सड़क पर प्रसव से बच्चे की मौत यह भी पढ़ें आरोपित स्टॉफ नर्स का तबादला, जांच टीम गठित सड़क पर प्रसव के मामले में आरोपी स्टॉफ नर्स लता पांडेय को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्हें सीएचसी नानपारा भेजा गया है। आरोपों की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है। इसमें डिप्टी सीएमओ डॉ. पीके बांदिल, डॉ. आरके बसंत शामिल हैं। सीएमओ बहराइच डॉ. एके पांडेय ने बताया कि आरोपित नर्स को स्थानांतरित कर दिया गया है। दो सदस्यीय जांच टीम लगाई गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जिले में चिकित्सा सेवा की बदहाली के साथ ही मरीजों व तीमारदारों के साथ अमानवीय व्यवहार की घटनाएं अब आम हो गई हैं। सोमवार को जिले के विशेश्वरगंज सीएचसी पर प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को स्टाफ नर्स ने …

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चार संदिग्ध दिल्ली पुलिस की हिरासत में, भीमा-कोरेगांव हिंसा से जुड़े होने का शक

जनवरी, 2018 को महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। ताजा मामले में दिल्ली पुलिस ने पूर्वी दिल्ली इलाके से चार संदिग्धों को हिरासत में लिया है। चारों लोगों के भीमा-कोरेगांव हिंसा से जुड़े होने का शक है। पुलिस चारों से पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि पूछताछ के आधार पर पुलिस जल्द ही मामले को मीडिया के सामने रख सकती है। इससे पहले भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के दौरान पुलिस द्वारा बरामद किए गए एक पत्र में नक्सलियों द्वारा पीएम मोदी की हत्या की साजिश का खुलासा हुआ था। इसी मामले की जांच करते हुए पांच राज्य महाराष्ट्र, गोवा, झारखंड, तेलंगाना और दिल्ली में छापेमारी कार्रवाई की थी। वामपंथी सुधा भारद्वाज को उनके फरीदाबाद स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया था। वहीं वरवर राव को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था। वामपंथी विचारक अरुण फरेरा और वर्णन गोनजाल्विस भी हिरासत में लिए गए थे। वामपंथी विचारक गौतम नवलखा को भी भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुलिस ने हिरासत में लिया था। इन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के पास से लैपटॉप, पेन ड्राइव और कागजात बरामद किए गए था। बता दें कि गत जून महीने में कबीर कला मंच के सुधीर ढवले और नागपुर से एक वकील सुरेंद्र गडलिंग को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में कोर्ट के आदेश पर सभी अपने-अपने घरों में नजरबंद हैं। मूसलाधार बारिश से दिल्ली की सड़कों पर भरा पानी, गिरी डीडीए ग्राउंड की दीवार यह भी पढ़ें यह था पूरा मामला भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान नए साल के दिन पुणे में दलित समूहों और दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के बीच संघर्ष हो गया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एलगार परिषद का आयोजन किया गया था। इस परिषद के दूसरे दिन भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई थी। हिंसा के लिए यलगार परिषद के आयोजन पर भी आरोप लगाया गया था। जेएनयू में स्टार्टअप कंपनी तैयार करने की कवायद तेज, दस हजार गज में स्थापित होगा केंद्र यह भी पढ़ें इसी वर्ष एक जनवरी को पुणे के समीप भीमा कोरेगांव दंगे की पूर्व संध्या 31 दिसंबर को शनिवारवाड़ा के बाहर अजा-जजा कार्यकर्ताओं द्वारा यलगार परिषद का आयोजन किया गया था। इसी दौरान मुंबई और कल्याण से कई माओवादी कार्यकर्ता पकड़े गए थे। जिनसे पूछताछ में भीमा कोरेगांव दंगे में माओवादी साजिश का पता चला था। नए साल के मौके पर महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई का जश्न मनाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया लेकिन ये कार्यक्रम हिंसक झड़प में तब्दील हो गया। इस झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और इलाके में तनाव फैल गया। ये जश्न अंग्रेजों की जीत को लेकर मनाया गया था। दलित संगठन, पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना पर अंग्रेजों के शौर्य दिवस को हर साल धूमधाम से मनाते हैं। सोमवार को रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) ने कोरेगांव भीमा युद्ध के 200 साल पूरे होने पर यह विशेष कार्यक्रम आयोजित कराया था।

जनवरी, 2018 को महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। ताजा मामले में दिल्ली पुलिस ने पूर्वी दिल्ली इलाके से चार संदिग्धों को हिरासत में लिया है। चारों लोगों के भीमा-कोरेगांव हिंसा से जुड़े …

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