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बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने, किराए में वृद्धि कर दी जानिए कहां का कितना हो गया किराया

बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने, किराए में वृद्धि कर दी जानिए कहां का कितना हो गया किराया

 सोमवार यानी एक अक्टूबर से बस, मिनी बस और ऑटो के किराए में बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने वृद्धि कर दी है। फेडरेशन के मुताबिक नया किराया रविवार की आधी रात से लागू हो जाएगा।भाड़ा बढ़ाने को लेकर परिवहन विभाग …

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MP: नई सूची में AAP ने 8 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की

MP: नई सूची में AAP ने 8 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की

मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवारों की एक नई सूची जारी है. 26 जून को पहली सूची जारी करने के बाद उम्मीदवारों की ये नौंवीं सूची है.नई सूची में आम आदमी …

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यतीश ने बनाया लगातार 113 घंटे 23 मिनट पढ़ने का विश्‍व रिकॉर्ड

यतीश ने बनाया लगातार 113 घंटे 23 मिनट पढ़ने का विश्‍व रिकॉर्ड

नेपाल के काठमांडू व नाईजीरिया के रिकार्ड को तोड़कर नया रिकार्ड बनाने की दिशा में गोला गोकर्णनाथ के यतीश ने पढ़ने के विश्व रिकॉर्ड का लक्ष्य पूरा कर लिया। उन्‍होंने 113 घंटे 23 मिनट पढ़कर पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ …

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सीएम योगी आदित्यनाथ के आगमन पर बेअंदाज हुए भाजपाई, CO को कहा दो कौड़ी का आदमी

महिला सिपाही मोनिका ने की आत्महत्या, एसओ पर लगाए गंभीर आरोप

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सहारनपुर में चार लोकसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने पहुंचे। उनके आगमन पर भाजपा के कार्यकर्ता बेअंदाज हो गए। अनुशासित तथा ‘पार्टी विद डिफरेंस’ का तमगा लगाने वाले भाजपा के नेता तथा कार्यकर्ताओं …

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विवेक का हुआ अंतिम संस्कार, सीएम से मिलने और एक करोड़ मुआवजा पर अड़ी पत्नी

लखनऊ में ऐपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर का आज अंतिम संस्कार किया गया। लखनऊ में जिस जगह विवेक का अंतिम संस्कार हुआ वहां पर राज्य सरकार के मंत्री बृजेश पाठक और आशुतोष टंडन भी पहुंचे। इस दौरान दोनों ही मंत्रियों को विवेक तिवारी के परिजनों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। हालांकि बृजेश पाठक ने विवेक तिवारी के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। वहीं विवेक तिवारी की पत्नी लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की बात कर रहीं हैं। इस पर उन्होंने कहा कि वो उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से करवाएंगे। बृजेश पाठक ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। सरकार के 25 लाख के मुआवजे के एलान पर विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने कहा कि 25 लाख मुआवजा कम है। हमें 1 करोड़ मुआवजा चाहिए। कल्पना ने कहा कि परिवार में कमाने वाले विवेक इकलौते थे। मुझे बच्चों के भविष्य की चिंता हो रही है। विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना ने भी दी सिपाहियों के खिलाफ तहरीर एपल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की शुक्रवार देर रात हत्या के मामले में अब उनकी पत्नी ने भी तहरीर दी है। इससे पहले विवेक तिवारी की पूर्व सहकर्मी सना खान की तरफ से हत्या का मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी गई थी। पुलिस की गोली लगने के कारण मौत का शिकार हुए विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी की तरफ से आज गोमतीनगर थाना में पति की हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी गई है।तहरीर में सिपाही प्रशांत चौधरी तथा संदीप कुमार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की अपील की गई है। इसके साथ ही विवेक तिवारी के परिवार के लोगों ने दोनों सिपाहियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इस केस में यह गोमतीनगर थाना में दूसरी तहरीर है। इससे पहले सना खान की तहरीर पर दोनों सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद कल ही उनको जेल भेज दिया गया है। शुक्रवार रात से ही पति विवेक तिवारी की कोई खबर न मिलने के कारण बेहाल उनकी पत्नी कल्पना तिवारी की भी तबीयत खराब हो गई है। परिवार चाहता है तो हम सीबीआई जांच कराएंगे: पाठक आज योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के मंत्री बृजेश पाठक के साथ ही आशुतोष टंडन विवेक तिवारी के अंतिम संस्कार के समय बैकुंठ धाम में मौजूद थे। मंत्रियों ने कहा कि हम विवेक तिवारी के परिवार की सुरक्षा की मांग पर विचार करेंगे। फिलहाल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। परिवार चाहता है तो हम सीबीआई जांच कराएंगे। यह तो कोई एनकाउंटर नहीं जघन्य अपराध है।

लखनऊ में ऐपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर का आज अंतिम संस्कार किया गया। लखनऊ में जिस जगह विवेक का अंतिम संस्कार हुआ वहां पर राज्य सरकार के मंत्री बृजेश पाठक और आशुतोष टंडन भी पहुंचे। इस दौरान दोनों ही …

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हीरो साइकिल्स लिमिटेड ने रखबाग को बनाया लुधियाना ‘प्राइड’

हीरो साइकिल्स लिमिटेड ने रखबाग को बनाया लुधियाना 'प्राइड'

साइकिल उद्योग में विश्व की अग्रणी कंपनी हीरो साइकिल्स लिमिटेड ने शहर में बने रखबाग का कायाकल्प करके उसे लुधियाना का ‘प्राइड’ बना दिया है। अब यह लुधियानवियों के लिए नया एडवेंचर्स डेस्टिनेशन बन गया है। हीरो ने ओपी मुंजाल …

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पूर्व सीएम हरीश रावत बोले, सानंद का बलिदान चाहती है सरकार

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि एक सोची-समझी साजिश के तहत भाजपा सरकार गंगा रक्षा को तपस्या कर रहे सानंद का बलिदान चाहती है। जिससे गंगा की निर्मलता के नाम पर ठिकाने लगाए जा रहे करोड़ों रुपये आसानी से खजाने से लिए जाते रहें। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार आती है तो सानंद की सभी मांगों को पूरा किया जाएगा। रविवार को जल पुरुष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय नदी दिवस और सांनद की तपस्या के 101वें दिन गंगा सद्भावना का हरकी पैड़ी पर शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में गंगा की अविरलता और निर्मलता को बचाने के लिए सबसे कम काम हुआ है। सरकार की ओर से सिर्फ नामिम गंगे नाम देकर हजारों करोड़ रुपये लूटने का काम किया गया है। लेकिन नामिम गंगे योजना पर न तो अब तक कोई फूल चढ़ा और न ही जल। हरीश रावत ने कहा, सरकार को बताना चाहिए कि ये कैसी नामिम गंगे है, जिससे गंगा आज तक कहीं भी निर्मल और अविरल नहीं हुई है। पूर्व सीएम का कहना है कि स्वामी सानंद की मांगों को दरकिनार करके सरकार ने एक बड़े पर्यावरणविद् और संत का निरादर किया है। इसलिए सरकार में बैठे नुमाइंदों को मां गंगा कभी भी माफ नहीं करेगी। पाकिस्तान से लाए गए 295 अस्थि कलश गंगा में विसर्जित यह भी पढ़ें वहीं, जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा की निर्मलता के नाम पर तो करोड़ों रुपये बहाए जा रहे हैं, बावजूद इसके फिर भी गंगा निर्मल नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि अविरल गंगा का संकल्प लेकर शुरू की गई गंगा सद्भावना यात्रा गोमुख और गंगा सागर तक जाएगी। जिसमें शामिल गंगा भक्त लोगों को गंगा रक्षा के लिए

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि एक सोची-समझी साजिश के तहत भाजपा सरकार गंगा रक्षा को तपस्या कर रहे सानंद का बलिदान चाहती है। जिससे गंगा की निर्मलता के नाम पर ठिकाने लगाए जा रहे करोड़ों रुपये आसानी से …

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जब बिहार के एक किसान ने गांधी को पुकारा था- मान्यवर महात्मा!

बिहार के एक किसान राजकुमार शुक्‍ल के आग्रह पर चंपारण पहुंचे महात्‍मा गांधी ने देश में अहिंसक आंदोलन की नींच रखी। लेकिन, एक समय ऐसा भी आया था कि गांधी जी चंपारण नहीं जाने को लेकर सोचने लगे थे। बिहार आने पर उन्‍हें अपमान के घूंट पीने पड़े थे। महात्‍मा गांधी ने इस बात का जिक्र अपने एक पत्र में किया है। जानिए, 'बिहार' की गांधी को लेकर ये स्‍मृतियां... चिंरजीवी मंगनलाल, जो व्यक्ति मुझे यहां ले आया है, कुछ नहीं जानता। उसने मुझे एक अजनबी जगह ला पटका है। घर का मालिक (राजेंद्र बाबू) कहीं गया हुआ है और नौकर ऐसा समझते हैं कि अवश्य ही हम दोनों भिखारी होंगे। वे हमें घर के पखाने का उपयोग भी नहीं करने देते। खाने-पीने की तो बात ही क्या? मैं सोच समझकर अपनी जरूरत की चीजें साथ रखता हूं, इसलिए बेफिक्र रह सका हूं। मैंने अपमान के घूंट पीये हैं, इसलिए यहां की अटपटी स्थिति से कोई दुख नहीं होता। यदि यही स्थिति रही तो चंपारण जाना नहीं हो सकेगा। मार्गदर्शक कोई मदद कर सकेगा ऐसा दिखाई नहीं देता और मैं स्वयं अपना मार्ग खोज सकूं ऐसी स्थिति नहीं है। इस दशा में मैं तुम्हें अपना पता नहीं दे सकता। यदि मैं किसी को वहां से मदद के लिए लाया होता तो वह भी मुझ पर एक भार ही होता...। अपनी अनिश्चित स्थिति की बात भर बता रहा हूं, तुम्हें कोई चिंता करने की जरूरत नहीं...। - मो.क. गांधी ----- बिहार: गठबंधन की राजनीति में टिकटों की जोड़तोड़ शुरू, अटकीं उम्मीदवारों की सांसें यह भी पढ़ें मैं बिहार हूं। लोकतंत्र की जननी। बुद्ध और महावीर की भूमि। गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली और गांधी की कर्मभूमि। मुझसे भी बापू का बड़ा नाता रहा है। अनगिनत निशानियां मैंने समेट रखी हैं। इनमें महत्वपूर्ण है सदाकत आश्रम। 1921 में बापू के सहयोग से हुई थी स्थापना। लेकिन बिहार को अफसोस है कि आजादी के बाद गांधी कभी बिहार नहीं आ सके। 10 अप्रैल 1917 को गांधी पटना आए। तब मैंने पहली बार उन्हें देखा। उस दिन का प्रसंग थोड़ा अटपटा था। गांधी यहां आ तो गए थे पर कोई ठौर नहीं था। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के घर गए, पर वे थे नहीं और घर के नौकर ने उन्हें महत्व नहीं दिया। मैंने इस अपमान की पीड़ा महसूस की गांधी की उक्त चिट्ठी में, जिसमें उनका मन आहत है। यह सच है कि गुरु रवींद्रनाथ ने उन्हें महात्मा की उपाधि दी थी। लेकिन, बिहार की माटी भी इस बात की साक्षी है कि यहां के भोले-भाले किसान राजकुमार शुक्ल ने उन्हें महात्मा पुकारा था। दस्तावेज गवाही देते हैं कि बिहार की माटी से उन्हें इसी संबोधन से पत्र लिखा गया था। तारीख थी 27 फरवरी 1917। NDA में ‘ऑल इज वेल’ नहीं! बिहार में खटक रहा तालमेल का अभाव यह भी पढ़ें लिखा था- मान्यवर महात्मा! किस्सा सुनते हो रोज औरों के, आज मेरी भी दास्तान सुनो...।' पत्र लंबा है। याचना है कि गांधी चंपारण आएं और यहां की 19 लाख प्रजा की पीड़ा से अवगत हों। राजकुमार शुक्ल कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में चंपारण के किसानों की आवाज बनकर पहुंचे। गांधी को बुलाने से पहले पंडित मदनमोहन मालवीय और लोकमान्य बालगंगाधर तिलक से भी मिले और चंपारण की समस्या के बारे में बताया। लेकिन, इन लोगों ने यह कहकर मना कर दिया कि भारत की आजादी का बड़ा प्रश्न पहले उनके सामने है। बाद में राजकुमार ने गांधी जी से विनती की। कानपुर भी गए। पर गांधीजी से मुलाकात न हो सकी। अंतत: 10 अप्रैल 1917 को गांधी पटना पहुंचे।

बिहार के एक किसान राजकुमार शुक्‍ल के आग्रह पर चंपारण पहुंचे महात्‍मा गांधी ने देश में अहिंसक आंदोलन की नींच रखी। लेकिन, एक समय ऐसा भी आया था कि गांधी जी चंपारण नहीं जाने को लेकर सोचने लगे थे। बिहार …

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फर्जी फंसाने वालों के खिलाफ करुंगा कानूनी कार्यवाही-अमिताभ

लखनऊ, राघेवन्द्र प्रताप सिंह : आय से अधिक संपत्ति मामले में निर्दोष साबित होने के बाद अब आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर आक्रामक मुद्रा में आ गये हैं। उन्होंने ऐलान कर दिया है कि उन्हें फर्जी फंसाने वाले नेताओं और अफसरों …

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अब हर दिन चलेंगी चार बसें, नेपाल और भारत के बीच लोगों कि सुविधा के लिए:

भारत-नेपाल के बीच दिल्ली व देहरादून से चार बस सेवाएं प्रतिदिन संचालित होंगी। राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में भारत-नेपाल बस सेवा के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम को चार परमिट देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से इनके संचालन का …

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