उत्तराखंड

नाबालिग बहनों के ब्याह ने बदली जीवन की धारा, साइकिल ले मिशन पर निकला

अक्षय भगत, जिसे घर के हालात ने ही विद्रोही बना दिया और निकल पड़ा 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की अलख जगाने। ताकि जो उसके परिवार में घटा, अन्य किसी के साथ न घटे। घर की खराब आर्थिक स्थिति के चलते पिता ने कच्ची उम्र में ही उसकी दो बहनों की शादी कर दी। वह न तो पढ़ाई कर सकीं और न ही ससुराल में उन्हें सुख-चैन मिला। ससुराली उन्हें लगातार प्रताड़ित करते थे। इससे अक्षय इस कदर व्यथित हुआ कि पढ़ाई तक छोड़ बेटियों के भविष्य के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। वर्तमान में वह साइकिल पर देशभर में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा बुलंद कर रहा है। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के ग्राम बुडगा(बगमुंडी) निवासी अक्षय भगत(24 वर्ष) चार बहनों का इकलौता भाई है। बहनों में सबसे बड़ी लक्ष्मी की 2005 में शादी कर दी गई। तब वह मात्र 15 साल की थी। दूसरे नंबर की बहन चांदनी की भी 16 साल की उम्र में 2007 में शादी हो गई। अक्षय तब 13 साल का था। बहन के आग्रह पर उसने पिता भुवनेश्वर भगत के सामने इस शादी का विरोध भी किया। लेकिन, परिवार की जर्जर आर्थिक स्थिति के कारण उसकी एक न चली। हालांकि, 2015 में जब तीसरी बहन मीनाक्षी की महज 16 वर्ष की उम्र में सगाई की जा रही थी तो वह खुलकर विरोध में उतर आया। नतीजा, पिता को झुकना पड़ा और 12वीं करने के बाद ही 2017 में मीनाक्षी की शादी हुई। अक्षय की सबसे छोटी बहन पूनम अभी नवीं में पढ़ रही है।संकल्प यात्रा को मां का आशीर्वाद गुलाब की खेती से गुलाबी हुए काश्तकारों के चेहरे, कर रहे इतनी कमाई यह भी पढ़ें अक्षय बताता है कि उसने दसवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी। अब उसका उद्देश्य बदल चुका था। मां आशा देवी ने पहले तो उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन जब उसने उन्हें अपने संकल्प से परिचित कराया तो वह राजी हो गईं। इसके बाद पांच मार्च 2018 को वह साइकिल से भारत भ्रमण पर निकल पड़ा। समाज में बेटियों के प्रति सोच बदलने के लिए जागरूकता पैदा करने। डेढ़ वर्ष में पूरी होगी यह यात्रा खतरे में पड़ी धरती की वैतरणी, जानिए वजह यह भी पढ़ें अक्षय ने यात्रा की शुरुआत पश्चिम बंगाल से की और अब तक वह झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश व पंचप्रयाग होते हुए बदरीनाथ धाम की यात्रा कर चुका है। बदरीनाथ से लौटते हुए गोपेश्वर पहुंचने पर अक्षय ने बताया कि अब उसका इरादा हिमाचल प्रदेश होते हुए जम्मू-कश्मीर जाने का है। कश्मीर से वह कन्या कुमारी होते हुए फिर पश्चिम बंगाल लौटेगा। बताया कि इस यात्रा में डेढ़ वर्ष का समय लग सकता है। बाबा रामदेव बोले, 'लगे रहो अक्षय' 12 परिवारों को लेकर जिलाधिकारी ने टेंट में बसाया लातातोली गांव यह भी पढ़ें अक्षय ने बताया कि वह अपने इस मिशन को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव से भी मिला। बाबा ने उसे पूरे मनोयोग से इस मिशन पर लगे रहने को कहा है। साइकिल सबसे अनुकूल साधन ये शिक्षक हर स्वतंत्रता दिवस पर लेते हैं बेटियों को गोद, उठाते हैं शिक्षा का खर्च यह भी पढ़ें अक्षय ने बताया कि उसने साइकिल को यात्रा का माध्यम इसलिए चुना कि इससे खर्चे की कोई दिक्कत नहीं आएगी। साथ ही जगह-जगह लोगों से जुड़ने के लिए साइकिल से बेहतर माध्यम और कोई नहीं है। लोगों का सहयोग मिल रहा है और वह आगे बढ़ रहा है।

अक्षय भगत, जिसे घर के हालात ने ही विद्रोही बना दिया और निकल पड़ा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की अलख जगाने। ताकि जो उसके परिवार में घटा, अन्य किसी के साथ न घटे। घर की खराब आर्थिक स्थिति के चलते …

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उत्तराखंड से था अटल बिहारी वाजपेयी को खास लगाव

उत्तराखंड से था अटल बिहारी वाजपेयी को खास लगाव

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान से उत्तराखंड में शोक की लहर है। दरअसल, वाजपेयी का उत्तराखंड से गहरा नाता रहा। दशकों की लंबी मांग के बाद अगर नौ नवंबर 2000 को उत्तराखंड देश के मानचित्र पर अलग राज्य …

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रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का बड़ा ऐलान : बोले- पूर्वाचल में होगा देश का सबसे बेहतर रेल नेटवर्क

पूर्वांचल में देश के किसी भी क्षेत्र के रेल नेटवर्क से बेहतर नेटवर्क होगा। नरेंद्र मोदी के नेतृव में पूर्वांचल का तेजी से विकास हो रहा है। यह बातें केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने मंगलवार को मऊ में …

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BJP नेता को लगा बड़ा झटका : गोदाम से बरामद की गई अवैध शराब की बड़ी खेप

भाजपा के नेता के गोदाम छापा मारकर आबकारी विभाग की टीम ने 260 पेटी देशी और अंग्रेजी शराब पकड़ी है। भाजपा के निवर्तमान पार्षद अजय सोनकर उर्फ घोंचू के कार्यालय परिसर में छापा मारकर पकड़ी गई शराब की कीमत 10 …

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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर CM रावत ने फहराया तिरंगा, कहा ‘शहादत है उत्तराखंड की परंपरा’

आजादी की 7102वीं वर्षगांठ पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तिरंगा फहराया और राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में तिरंगा फहराया। उन्होंने कार्यक्रम में आए लोगों …

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यात्रीगण कृपया ध्यान दें, बदल गया है कई ट्रेनों का समय

यात्रीगण कृपया ध्यान दें, बदल गया है कई ट्रेनों का समय

यात्रीगण कृपया ध्यान दें… अगर आप बुधवार के बाद ट्रेन से सफर करने जा रहे हैं तो एक बार टाइम टेबल देख लें। रेलवे ने दून से चलने और दून आने वाली ट्रेनों के समय में बदलाव किया है। नया …

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उत्तराखंड में जल्द खुलेंगे चार पॉली क्लीनिक, पूर्व सैनिक कई वर्षों से कर रहे थे मांग

जीओसी मेजर जनरल जेएस यादव ने कहा कि पूर्व सैनिकों को इलाज की सुविधा आसान करने के लिए प्रदेश में जल्द ही चार और पॉली क्लीनिक खोले जाएंगे। प्रदेश सरकार ने इसके लिए उत्तराखंड सब एरिया को चार जगह जमीन …

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उत्तराखंड: पत्नी ने शराब पीने से मना किया तो उसकी अंगुली चबा गया पति…

यहां एक पत्नी को पति से शराब पीने के लिए मना करना भारी पड़ गया। गुस्साए पति ने उसकी अंगुली चबा डाली। आइटीआई थाना में रोती-बिलखती पहुंची महिला ने थानाध्यक्ष को तहरीर देकर कहा कि शनिवार रात साढ़े दस बजे …

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सात लाख बच्चों की सेहत पर वित्तीय संकट, केला और अंडे को तरसे

राज्य के सात लाख से ज्यादा स्कूली बच्चों को मिड डे मील में अतिरिक्त पोषण पर संकट खड़ा हो गया है। उन्हें राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त दिया जाने वाला अंडा, केला और गुड़ पापड़ी नहीं मिल रहा है। वित्तीय अड़ंगा लगने से अतिरिक्त पोषण के लिए पांच महीने से धनराशि नहीं मिली है। वहीं सरकार से धन नहीं मिलने से परेशानहाल शिक्षकों की शिकायत से जागे शिक्षा महकमे ने इस मामले में अब धन देने की गुहार वित्त से की है। मिड डे मील के लिए राज्य के सरकारी विद्यालयों को धन मिलने में देरी के चलते परेशानहाल शिक्षा महकमे के सामने अब नई उलझन खड़ी हो गई है। राज्य के 17324 सरकारी और सहायताप्राप्त विद्यालयों के कक्षा एक से आठवीं के सात लाख पंद्रह हजार छात्र-छात्राओं को मिड डे मील दिया जा रहा है। राज्य के बच्चों को मिड डे मील में अतिरिक्त पोषण के लिए सरकार ने अपने स्तर से अंडा, केला और गुड़ पापड़ी देने को बंदोबस्त भी किया है। इसके लिए सालाना करीब 12 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन, चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 में लाखों स्कूली बच्चों को अतिरिक्त पोषण देने में बाधा खड़ी हो गई है। उत्तराखंड में 43 लाख लोगों की मातृ भाषा है हिंदी यह भी पढ़ें राज्य सरकार ने केंद्रपोषित योजना में केंद्रांश की प्रतीक्षा करते हुए राज्यांश के तौर पर 10 करोड़ की धनराशि जारी तो की है, लेकिन इससे मिड डे मील की व्यवस्था के साथ ही भोजनमाताओं के मानदेय का ही बामुश्किल भुगतान हो पाएगा। अतिरिक्त पोषण के लिए बीते करीब पांच महीने से बजट जारी नहीं हुआ है। बताया गया है कि शिक्षकों ने शुरुआती दौर में अपने स्तर पर ही अतिरिक्त पोषण आहार मुहैया कराने की कोशिश की, लेकिन धनराशि का इंतजार अब लंबा हो चला है। वहीं बीते वित्तीय वर्ष की शेष 3.50 करोड़ की धनराशि को वित्त महकमे के निर्देश पर सरकारी खजाने में जमा कराया जा चुका है। इस वजह से अतिरिक्त पोषण के लिए विभाग वैकल्पिक बंदोबस्त करने से भी लाचार हो उठा है। इस मामले में विद्यालयों से शिक्षकों ने विभाग से शिकायत की। इसके बाद जिलों से जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक शिक्षा की ओर से धन की मांग करते हुए विभाग को पत्र भेजे गए हैं। वहीं इस संकट से निपटने को शिक्षा विभाग की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। मिड डे मील संयुक्त निदेशक पीएस बिष्ट ने शासन को प्रस्ताव भेजने की पुष्टि की। उधर, वित्त सचिव अमित नेगी ने अतिरिक्त पोषण के लिए धनराशि जल्द जारी करने का भरोसा दिलाया है।

राज्य के सात लाख से ज्यादा स्कूली बच्चों को मिड डे मील में अतिरिक्त पोषण पर संकट खड़ा हो गया है। उन्हें राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त दिया जाने वाला अंडा, केला और गुड़ पापड़ी नहीं मिल रहा है। …

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कैमरे में नजर आया आदमखोर गुलदार, मारने को वन कर्मियों ने संभाला मोर्चा

हरिद्वार-ऋषिकेश राजमार्ग पर रायवाला के पास एक बार फिर नरभक्षी गुलदार की लोकेशन ट्रेस हुई है। खतरे को देखते हुए पार्क प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है और सुरक्षा कर्मियों ने उसे ढेर करने के लिए मोर्चाबंदी कर दी। वहीं, आसपास के क्षेत्र के लोगों में दहशत है। देर रात वनकर्मियों ने सत्यनारायण मन्दिर के पास बने मचानों में मोर्चा संभाला। दरअसल यहां एक बार फिर नरभक्षी गुलदार की लोकेशन ट्रेस हुई है। बता दें कि इस क्षेत्र में गुलदार नरभक्षी घोषित हैं। इनको मारने के लिए वन विभाग ने अनुमति ली हुई है। एक नरभक्षी गुलदार को बीते माह 10 जुलाई को वनकर्मियों ने खांडगांव के पास ढेर कर दिया था। यहां नरभक्षी गुलदार चार साल के अंतराल में 21 लोगों को निवाला बना चुका है। वह क्षेत्र में लगे कैमरा ट्रैप में एक नरभक्षी गुलदार फिर से सत्यनारायण मंदिर के आसपास देखा गया। गुरुवार को यहां गुलदार ने एक बकरी को मारा। जिसके बाद वनकर्मियों ने उसे ढेर करने की योजना बनाई। हाथी सवार टीम मोर्चा संभाले हुए है। पार्क निदेशक सनातन खुद टीम में शामिल हैं। हालांकि इस बारे में पार्क अधिकारियों की तरफ से कोई जानकारी नहीं मिल सकी। कैमरे से पता चला कि युवक को गुलदार ने बनाया निवाला यह भी पढ़ें आबादी क्षेत्र में घुसा गुलदार ऋषिकेश बैराज मार्ग पर काली कमली कुटिया के समीप एक गुलदार ने सड़क पार कर आवास-विकास के आबादी क्षेत्र में प्रवेश किया। मगर इसके बाद गुलदार का कुछ पता नहीं चल पाया। आतंक का पर्याय बने नरभक्षी गुलदार को वन कर्मियों ने मारी गोली यह भी पढ़ें जानकारी के मुताबिक रात्रि करीब 11:00 बजे ऋषिकेश बैराज मार्ग पर काली कमली कुटिया के समीप एक गुलदार अचानक सड़क पर आ गया। यहां से गुजर रहे दो पहिया और चौपहिया वाहन चालक सामने गुलदार को देख कर ठिठक गए। गुलदार ने सड़क पार की और आवास-विकास कॉलोनी की तरफ दीवार फांदकर कूद गया। सूचना पाकर आसपास क्षेत्र में रहने वाले लोग में हड़कंप मच गया। देर रात सूचना पाकर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। क्षेत्रीय सभासद अशोक पासवान के मुताबिक वन विभाग की टीम गुलदार को आबादी क्षेत्र में सर्च किया गया। फिलहाल गुलदार का कुछ पता नहीं चल पाया है।

हरिद्वार-ऋषिकेश राजमार्ग पर रायवाला के पास एक बार फिर नरभक्षी गुलदार की लोकेशन ट्रेस हुई है। खतरे को देखते हुए पार्क प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है और सुरक्षा कर्मियों ने उसे ढेर करने के लिए मोर्चाबंदी कर दी। वहीं, आसपास …

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