दुनिया

देश का बंटवारा नहीं होने देंगे- ब्रिटेन पीएम

ब्रिटेन में एक साल पहले उत्तरी हिस्से में एक मस्जिद पर आतंकी हमला हुआ था. जिसकी बरसी पर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेजा मे ने इस मौके पर कहा कि ‘‘घिनौने आतंकवादी’’ हमारे देश का बंटवारा नहीं कर सकते. ज्ञात हो कि पिछले साल 19 जून को उत्तरी लंदन में फिन्सबरी पार्क स्थित मस्जिद में एक व्यक्ति ने नमाज़ियों के बीच एक गाड़ी घुसा दी थी. जिसमे छह बच्चों के पिता मकरम अली की मोके पर ही मौत गई थी और 12 अन्य लोग घायल हो गए थे. यहाँ कि स्‍थानीय पुलिस के मु‍ताबिक उत्तरी लंदन में एक तेज रफ्तार वाहन ने राहगीरों को कुचलने की कोशिश की थी. जिसकी याद में स्थानीय समयानुसार सुबह साढ़े नौ बजे एक मिनट तक मौन रखकर मकरम अली को श्रद्धांजलि दी गई. आयोजित इस कार्यक्रम में इस्लिंगटन टाउन हॉल में गृह मंत्री साजिद जाविद, लंदन के मेयर सादिक खान और विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कार्बीन मस्जिद के इमाम मोहम्मद महमूद के साथ संम्मिलित हुए. टेरेजा मे ने एक बयान में कहा, ‘‘इन सभी आतंकवादी गतिविधियों का लक्ष्य हमे आपस में बांटना है लेकिन हम ऐसा कभी होने नहीं देंगे.’’ बता दें कि घटना लंदन के फिन्सबरी पार्क इलाके में सेवन सिस्टर्स रोड घटी थी.

ब्रिटेन में एक साल पहले उत्तरी हिस्से में एक मस्जिद पर आतंकी हमला हुआ था. जिसकी बरसी पर  ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेजा मे ने इस मौके पर कहा कि ‘‘घिनौने आतंकवादी’’ हमारे देश का बंटवारा नहीं कर सकते. ज्ञात हो …

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पत्नी के विरोध के बाद ट्रंप ने बदला अपना फैसला

गृह सुरक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार 19 अप्रैल से 31 मई के बीच करीब 2,000 बच्चे अपने माता-पिता एवं अभिभावक से अलग कर उन्हें विशेष केंद्रों में रखा गया . जब माता-पिता से बिछड़े बच्चों की तस्वीरें और कहानियां अमरीका में चर्चित होने लगी तो इसका विरोध शुरू हुआ और इसकी गूंज वाइट हाउस तक पहुंची. अंत में इसे बदले का निर्णय लिया गया.

तमाम विवादों विरोधो और आलोचनाओं के बाद सीमा पर प्रवासी परिवारों को अलग करने के अपने फैसले को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बदलना पड़ा और इस हेतु एक आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद उन्होंने कहा कि यह …

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पाक आम चुनाव: पूर्व पीएम अब्बासी और इमरान खान के नामांकन पत्र खारिज

बड़े नेताओं को झटका देते हुए पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने इस्लामाबाद के एनए- 53 निर्वाचन क्षेत्र के लिए पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन नेता शाहिद खाकान अब्बासी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान के नामांकन पत्र आज खारिज किए. डॉन अखबार की एक खबर के मुताबिक निर्वाचन अधिकारी ने एनए- 53 के लिए अब्बासी और उनके वैकल्पिक उम्मीदवार सरदार महताब के नामांकन पत्र खारिज कर दिए. दोनों उम्मीदवार आवश्यकता के अनुसार हलफनामा दायर करने में नाकाम रहे थे. चुनाव अधिकारी के मुताबिक अब्बासी ने अपने दस्तावेजों के साथ टैक्स रिटर्न की जानकारी जमा नहीं की. उम्मीदवारों ने मंगलवार को चुनाव न्यायाधिकरण में फैसले को चुनौती देने की बात कही है. खान के नामांकन पत्र को भी पूरी जानकारी ना होने के चलते खारिज कर दिया गया. ऐतिहासिक हैं ये चुनाव आपको बता दें की पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं. ये चुनाव इसलिए ऐतिहासिक हैं क्योंकि पिछली सरकार ऐसी दूसरी सरकार थी जिसने अपने पांच सालों का कार्यकाल पूरा किया था. आपको मालूम होगा कि भारत और पाकिस्तान को एक साथ आज़ादी मिली थी. लेकिन एक तरफ जहां भारत में 1975 में तकरीबन 18 महीनों के लिए लगाई गई इमरजेंसी के अलावा हमेशा लोकतांत्रिक सरकार रही है. वहीं, पाकिस्तान में पिछली दो सरकारों को छोड़कर कोई भी लोकतांत्रिक सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई है.

बड़े नेताओं को झटका देते हुए पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने इस्लामाबाद के एनए- 53 निर्वाचन क्षेत्र के लिए पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन नेता शाहिद खाकान अब्बासी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान के नामांकन पत्र आज खारिज किए. …

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर हुआ अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर होने का फैसला कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हैली ने एक बयान में कहा है कि अमेरिका यह कदम उठाने जा रहा है क्योंकि मानवाधिकार परिषद इस नाम के योग्य नहीं है। जानकारी के अनुसार हैली ने कहा कि जब तथाकथित मानवाधिकार परिषद वेनेजुएला और ईरान में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर कुछ नहीं बोल पाती और कांगो जैसे देश का अपने नए सदस्य के तौर पर स्वागत करता है तो वह मानवाधिकार काउंसिल कहलाने का अधिकार खो देती है। अमेरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और संयुक्त राष्ट्र के लिए अमेरीका की दूत निकी हेली ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की घोषणा की. निकी हैली ने कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर हो रहा है। उन्‍होंने कहा, 'मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि यह कदम हमारे मानवाधिकार प्रतिबद्धताओं से पीछे हटना नहीं है। ये इसके विपरीत है। हमने यह कदम इसलिए उठाया, क्योंकि हमारी प्रतिबद्धता हमें एक पाखंडी और आत्म-सेवा संगठन का हिस्सा बनने की अनुमति नहीं देती है, जो मानव अधिकारों का मजाक उड़ाती है।' हेली ने पिछले साल ही सदस्यता वापस लेने की धमकी दी थी। उस समय उन्होंने इजरायल के खिलाफ परिषद पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था। लेकिन मंगलवार की घोषणा यूएन मानवाधिकार परिषद प्रमुख द्वारा ट्रंप प्रशासन की निंदा किए जाने के एक दिन बाद की गई है। एक दिन पहले यूएन मानवाधिकार परिषद प्रमुख ने अप्रवासी बच्चों को उनके माता-पिता से अलग करने के लिए ट्रंप प्रशासन की निंदा की थी। गौरतलब है कि अमेरिका ने पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्‍ल्‍यू बुश के शासन काल में भी तीन साल तक मानवाधिकार परिषद का बहिष्‍कार किया था, लेकिन ओबामा के राष्‍ट्रपति बनने के बाद 2009 में वह इस परिषद में फिर से शामिल हुआ था।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर होने का फैसला कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हैली ने एक बयान में कहा है कि अमेरिका …

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गाजा विवाद बढ़ा, इजरायल ने मार गिराईं 25 मिसाइलें

गाजा पट्टी पर चल रही हिंसा अब बड़ा रूप लेती जा रही है. मंगलवार देर शाम को गाजा की तरफ से करीब 30 मिसाइलें इजरायल की तरफ दागी गईं थीं. बुधवार सुबह इजरायली सेना ने बयान जारी कर कहा कि 30 में से 25 टारगेट को मार गिराया गया है. पहले भी बनाया था निशाना इससे पहले भी इजरायली वायुसेना ने सोमवार को गाजा पट्टी पर हमास के नौ ठिकानों को निशाना बनाते हुए हमले किए. समाचार एजेंसी 'एफे' के अनुसार, इजरायली सेना ने दो सैन्य शिविरों और गोला बारूद के एक कारखाने को निशाना बनाया था. रिपोर्ट में कहा गया कि ये हमले पिछले कुछ सप्ताह के दौरान इजराइली क्षेत्र में जलते हुए गुब्बारों और पतंगें छोड़ने की घटना के प्रतिक्रियास्वरूप किए गए हैं. हालांकि, इस दौरान किसी को चोट नहीं आई है. क्यों है विवाद? इजरायली सेना ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बाड़बंदी के पास तैनात इजरायली सैनिकों पर देसी बम, जलते हुए टायर तथा पत्थर फेंके थे. दूतावास संबंधी यह कदम विवादास्पद है क्योंकि फिलिस्तीनी लोग यरूशलम के एक हिस्से को अपनी भविष्य की राजधानी मानते हैं. अरब जगत में अनेक लोगों के लिए यह इस्लाम से संबंधित सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. शहर में यहूदियों और ईसाइयों के भी धार्मिक स्थल हैं. मुद्दा इतना विवादास्पद है कि अंतरराष्ट्रीय वार्ताकारों ने शांति समझौतों के अंतिम चरणों में यरूशलम से जुड़े प्रश्न को छोड़ दिया था. सयुंक्त राष्ट्र ने भी की निंदा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एतोनियो गुतारेस ने भी प्रदर्शन के दौरान इस्राइल की गोलीबारी में बड़ी संख्या में फलस्तीनियों की मौत पर दुख जताते हुए चेतावनी दी थी कि गाजा युद्ध की कगार पर खड़ा है. गुतारेस ने कहा कि 30 मार्च को शुरू हुए प्रदर्शन के बाद से हताहत हुए फिलस्तिनियों की संख्या से वो काफी स्तब्ध हैं. जिसमें अब तक 132 फिलस्तीनी मारे जा चुके हैं और रेड क्रॉस के आंकड़ों के अनुसार 13,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. आपको बता दें कि अभी कुछ ही दिनों पहले गाजा पट्टी के पास लाखों फिलिस्तीनी प्रदर्शन करने उतरे थे. इस दौरान उनपर गोलीबारी की गई थी. जिसके विश्वस्तर पर काफी निंदा हुई थी.

गाजा पट्टी पर चल रही हिंसा अब बड़ा रूप लेती जा रही है. मंगलवार देर शाम को गाजा की तरफ से करीब 30 मिसाइलें इजरायल की तरफ दागी गईं थीं. बुधवार सुबह इजरायली सेना ने बयान जारी कर कहा कि …

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ट्रंप ने कनाडा पर लगाया अमेरिकी जूतों की तस्करी का आरोप

ट्रंप ने बताया बेईमान ट्रंप ने अपने ट्वीट में लिखा कि पीएम जस्टिन ट्रूडो ने जी-7 सम्मेलन के दौरान बहुत की हल्का व्यवहार किया और कहा कि अमेरिका ने जो टैरिफ लगाए हैं वो अपमानजनक हैं. ट्रंप ने आगे उन्हें बेईमान और कमजोर लिखते हुए कहा कि हमारे टैरिफ डेयरी पर उनके (ट्रूडो) 270% के बदले हैं.

अमेरिका और कनाडा के संबंध लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कनाडाई धातुओं पर शुल्क लगाने के बाद अब डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका के उत्तरी पड़ोसी पर फिर से निशाना साधा है और दावा …

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इमरान खान का नामांकन रद्द

तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. जहा एक ओर हर रोज एक नया विवाद उनके दामन से चिपक रहा है वही अब पाकिस्तान चुनाव आयोग ने मंगलवार को इमरान खान का नामांकन पत्र खारिज कर दिया. पाकिस्तान में अगले महीने होने वाले चुनावों के लिए सरगर्मिया तेज हो गई है. आयोग ने इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल एन नेता शाहिद खाकान अब्बासी और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का नामांकन पत्र भी खारिज कर दिए है. 25 जुलाई को पाक में आम चुनाव होने हैं और फिलहाल वहां कार्यवाहक सरकार देश को चला रही है. पाकिस्तान में कुल 10.5 करोड़ मतदाता है जिनमे करीब 6 करोड़ पुरुष और 4.6 करोड़ महिला वोटर्स है. निर्वाचन अधिकारी ने इस्लामाबाद के एनए-53 के लिए अब्बासी और उनके वैकल्पिक उम्मीदवार सरदार महताब के नामांकन पत्र खारिज कर देने के बाद अब इमरान को भी झटका दिया है. ये खबर पाकिस्तान के मुख्य अख़बार डॉन के मुताबिक मिली है. दोनों उम्मीदवार आयोग के सामने जरूरी हलफनामा और टैक्स रिटर्न की जानकारी मुहैया नहीं करवा पाए .इमरान खान इन दिनों लगातार विवादों में है. उनकी पूर्व पत्नी रेहम खान की एक किताब ने उनकी जिंदगी में भूचाल लाया हुआ है. वही वे खुद नारीवाद पर विवादित बयान दे कर फ़स चुके है. तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. जहा एक ओर हर रोज एक नया विवाद उनके दामन से चिपक रहा है वही अब पाकिस्तान चुनाव आयोग ने मंगलवार को इमरान खान का नामांकन पत्र खारिज कर दिया. पाकिस्तान में अगले महीने होने वाले चुनावों के लिए सरगर्मिया तेज हो गई है. आयोग ने इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल एन नेता शाहिद खाकान अब्बासी और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का नामांकन पत्र भी खारिज कर दिए है. 25 जुलाई को पाक में आम चुनाव होने हैं और फिलहाल वहां कार्यवाहक सरकार देश को चला रही है. पाकिस्तान में कुल 10.5 करोड़ मतदाता है जिनमे करीब 6 करोड़ पुरुष और 4.6 करोड़ महिला वोटर्स है. निर्वाचन अधिकारी ने इस्लामाबाद के एनए-53 के लिए अब्बासी और उनके वैकल्पिक उम्मीदवार सरदार महताब के नामांकन पत्र खारिज कर देने के बाद अब इमरान को भी झटका दिया है. ये खबर पाकिस्तान के मुख्य अख़बार डॉन के मुताबिक मिली है. दोनों उम्मीदवार आयोग के सामने जरूरी हलफनामा और टैक्स रिटर्न की जानकारी मुहैया नहीं करवा पाए .इमरान खान इन दिनों लगातार विवादों में है. उनकी पूर्व पत्नी रेहम खान की एक किताब ने उनकी जिंदगी में भूचाल लाया हुआ है. वही वे खुद नारीवाद पर विवादित बयान दे कर फ़स चुके है.

तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. जहा एक ओर हर रोज एक नया विवाद उनके दामन से चिपक रहा है वही अब पाकिस्तान चुनाव आयोग ने …

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पढ़ें, क्यों संसद के एक हिस्से को महिलाओं के अंडरगार्मेंट्स से सजा दिया गया

ब्रिटेन में एक कानून लाया जा रहा है. कानून के तहत अगर किसी महिला के स्कर्ट के निचले हिस्स (अप-स्कर्ट) से बिना उसकी अनुमति के तस्वीर ली जाती है तो ऐसा करने वाले को दो साल की सज़ा दी जाएगी. इसी का विरोध कर रहे एक सांसद को खुद एक अनोखे विरोध का सामना करना पड़ा. बिल पर अड़ंगा लगाने का फैसले करने वाले सांसद से नाराज़ निचली सदन की कुछ कर्मचारियों ने अनूठा विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने सांसद के कार्यालय को महिलाओं के अंडरगार्मेंट्स से सजा दिया. कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद क्रिस्टोफर चोप की इसके लिए भारी आलोचना हो रही है. प्रधानमंत्री टेरिजा मे ने भी उनकी आलोचना की है. आपको बता दें कि जब चोप संसद पहुंचे तब उन्होंने पाया कि उनके संसदीय कार्यालय के दरवाजे पर कई अंडरगार्मेंट्स टंगे हुए थे. इस सप्ताह के अंत में चोप के निर्वाचन क्षेत्र के कार्यालय को भी निशाना बनाया गया जहां तीन-तीन जोड़ी पैंट टंगे हुए थे और संदेश लिखा था, ‘‘मेरी मर्जी के बिना कोई भी मेरी पैंट की तस्वीर ना ले.’’ चोप ने मीडिया से कहा कि उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने नये कानून का समर्थन किया है. लेकिन वो इसपर ‘पर्याप्त बहस’ चाहते हैं.

ब्रिटेन में एक कानून लाया जा रहा है. कानून के तहत अगर किसी महिला के स्कर्ट के निचले हिस्स (अप-स्कर्ट) से बिना उसकी अनुमति के तस्वीर ली जाती है तो ऐसा करने वाले को दो साल की सज़ा दी जाएगी. …

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अमेरिका: क्रूर कानून के तहत बच्चों को परिवार से अलग किए जाने पर छल्का मेलानिया का दर्द

अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने मेक्सिको सीमा से अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले माता-पिता को उनके बच्चों से अलग करने वाली सरकार की नीति के खिलाफ आवाज उठाई है. मेलानिया की प्रवक्ता स्टेफनी ने कहा, "मेलानिया ट्रंप ने कहा कि वो बच्चों को अपने परिवारों से अलग होते देखना पसंद नहीं करती और उन्हें उम्मीद है कि सदन में दोनों पक्ष (डेमोक्रेट और रिपब्लिकन) एकजुट होकर इमिग्रेशन कानून में सुधार करेंगे." स्टेफनी ने कहा, "मेलानिया मानती हैं कि हमें ऐसा देश बनने की जरूरत है जो सभी कानूनों का पालन करे लेकिन साथ में एक ऐसा देश भी बनना होगा, जो दिल से काम करे." अमेरिकी मीडिया 'सीएनएन' के मुतबिक, अवैध रूप से सीमा पार करने की कोशिश करने के दौरान पकड़े जाने वाले हर वयस्क को फेडरल क्रिमिनल मामलों का सामना करना पड़ता है और इस नीति के तहत उन्हें बच्चों से अलग कर दिया जाता है. चूंकि सरकार आपराधिक न्याय प्रणाली के तहत माता-पिता पर मुकदमा चलाती है इसलिए बच्चों को उनसे अलग रखा जाता है. डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के अनुसार, 19 अप्रैल से 31 मई 2018 के बीच लगभग 2,000 बच्चों को उनके माता-पिता और अभिभावकों से दूर किया गया. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस स्थिति के लिए बार-बार डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया है. इस नीति की बड़े स्तर पर निंदा की जा रही है. इससे पहले पूर्व प्रथम महिला लॉरा बुश ने भी इसे अनैतिक बताया था. उन्होंने 'वॉशिंगटन पोस्ट' को लिखा, "जीरो टॉलरेंस नीति क्रूर और अनैतिक है और इसने मेरा दिल तोड़ दिया है.

अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने मेक्सिको सीमा से अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले माता-पिता को उनके बच्चों से अलग करने वाली सरकार की नीति के खिलाफ आवाज उठाई है. मेलानिया की प्रवक्ता स्टेफनी ने कहा, …

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अंतरिक्ष में प्रभुत्व के लिए स्पेस फोर्स बनाएगा अमेरिका, ट्रंप ने दिए निर्देश

हमारे पास एयर फोर्स है लेकिन हमें उसके आगे जाना है, स्पेस फोर्स बनानी है। स्पेस फोर्स भी एयर फोर्स जैसी होगी। जब अमेरिका की सुरक्षा की बात आती है तो हमें देखना है कि वहां भी अमेरिका का प्रभाव सबसे ज्यादा हो। ट्रंप का यह बयान उप राष्ट्रपति माइक पेंस की अध्यक्षता में हो रही नेशनल स्पेस काउंसिल की बैठक के दौरान आया है। घुसपैठियों का कैंप नहीं है अमेरिका- राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ कर दिया कि अमेरिका घुसपैठियों का कैंप नहीं है, जहां वे जब तक चाहें-तब तक रहें। उन्होंने अपनी उस नई आव्रजन नीति को सही बताया है जिसमें अवैध रूप से अमेरिका में आए लोगों से उनके बच्चों को अलग किया जा रहा है। ट्रंप की इस नीति का भारी विरोध हो रहा है। ट्रंप ने कहा कि अपराधी अमेरिका में प्रवेश के लिए बच्चों को जरिया बना रहे हैं, उन्हें आगे करके वे अमेरिका में आ रहे हैं। वे अमेरिका में आकर बच्चे पैदा कर रहे हैं जिससे उन्हें यहां रुकने का मौका मिल सके। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ऐसे घुसपैठियों का कैंप नहीं है और यहां उनके लिए किसी तरह की शरणार्थी सुविधाएं भी नहीं हैं। ट्रंप ने यह बात व्हाइट हाउस में एक बैठक के दौरान कही।

अंतरिक्ष में भी अपना प्रभाव कायम करने के लिए अमेरिका स्पेस फोर्स बनाएगा। इस आशय के निर्देश राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन को दिए हैं। स्पेस फोर्स अमेरिकी सेना की छठी शाखा होगी। ट्रंप ने कहा, उन्होंने …

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