दुनिया

मालदीव चुनाव में इब्राहिम सोलिह शानदार जीत पर भारत ने जताई खुशी.

5 फरवरी को लगा था आपातकाल राष्ट्रपति यामीन ने जब पांच फरवरी को देश में आपातकाल की घोषणा की थी तब भारत और मालदीव के संबंधों में तनाव आ गया था. इसके बाद देश के उच्चतम न्यायालय ने विपक्षी नेताओं के एक समूह को रिहा करने का आदेश दिया था. इन नेताओं पर चलाए गये मुकदमों की व्यापक आलोचना हुई थी. 45 दिनों बाद हटा गया था आपातकाल भारत ने आपातकाल लगाने के लिए यमीन सरकार की आलोचना की थी और उससे राजनीतिक कैदियों को रिहा करके चुनावी और राजनीतिक प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता बहाल करने का अनुरोध किया था. आपातकाल 45 दिनों के बाद हटा लिया गया था.

भारत ने सोमवार को मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने पर विपक्ष के प्रत्याशी इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को बधाई दी और कहा कि यह चुनाव देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. भारत …

Read More »

UN में पाकिस्‍तान के ‘कश्मीर मुद्दा’ उठाने पर बोले अकबरुद्दीन- पुराना राग अलापने की है आदत सी हो गयी है पाकिस्तान को…

विदेश मंत्रियों की बैठक का प्रस्‍ताव भारत द्वारा रद किए जाने के बाद संयुक्‍त राष्‍ट्र के महाधिवेशन (जनरल असेंबली) में पाकिस्‍तान की ओर से कश्‍मीर का मुद्दा उठाया जा सकता है। भारत ने इस मंच पर पाकिस्‍तान को माकूल जवाब …

Read More »

इमरान सरकार का भंडाफोड़, बोले सेना अब भी बॉस, पाकिस्तान के पूर्व PM ने ही किया खुलाशा… 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने ही वहां की इमरान सरकार का भंडाफोड़ करते हुए कहा कि सेना अब भी बॉस बनी हुई है. उन्होंने कहा कि सेना पाकिस्तान की राजनीति और निर्णय लेने की प्रक्रिया में दखल दे रही है. शाहिद खाकान अब्बासी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-नवाज) के नेता हैं और जून 2008 में हुए चुनावों में उनके शामिल होने पर रोक लगा दी गई थी, जिस पर विवाद भी हुआ था. तब ही पीएमएल के नेताओं ने आरोप लगाया था कि सेना देश के आंतरिक मामलों में दखल दे रही है. अब नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज और दामाद कैप्टन सफदर की रिहाई के कुछ दिनों बाद ही अब्बासी ने फिर आरोप लगाया है कि देश की राजनीति में सेना मुख्य खिलाड़ी है. एक स्थानीय चैनल को दिए इंटरव्यू में अब्बासी ने कहा, 'मीडिया पर अंकुश लगाया जा रहा है और अदालतें भी शिकायत कर रही हैं.' पाकिस्तानी सेना ने हमेशा इस बात से इंकार किया है कि देश की राजनीति में उसकी कोई भूमिका है और वह कई मंचों पर बार-बार यह कह चुकी है. 25 जुलाई, 2018 को हुए चुनावों से एक हफ्ते पहले पत्रकारों से बात करते हुए डीजी आईएसपीआर आसिफ गफूर ने कहा था, 'चुनावों में हमारी प्रत्यक्ष कोई भूमिका नहीं है.' विपक्षी दलों ने तो यहां तक आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी सेना ने चुनाव में इमरान की मदद की है जिसकी वजह से उनकी पार्टी पीटीआई को जीत में मदद मिली. खाकानी ने यह संकेत दिया कि सत्ता देश में कानून से ऊपर है. उन्होंने कहा, 'हम पहले यह देख चुके हैं कि जब कोई अपने संवैधानिक भूमिका से आगे बढ़ने की कोशिश करता है तो टकराव की स्थ‍िति आती है.' उन्होंने इस बात से इंकार किया कि नवाज और उनके परिवार की जेल से रिहाई में किसी तरह की डील हुई है. उन्होंने कहा, 'हम अपनी नीतियों से समझौता नहीं करेंगे.'

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने ही वहां की इमरान सरकार का भंडाफोड़ करते हुए कहा कि सेना अब भी बॉस बनी हुई है. उन्होंने कहा कि सेना पाकिस्तान की राजनीति और निर्णय लेने की प्रक्रिया में दखल दे रही है. शाहिद खाकान अब्बासी …

Read More »

अमेरिकी न्यायाधीश कावानाह पर यौन उत्पीड़न के आरोप,चार गवाहों ने किया इनकार

व्हाइट हाउस ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से नामित ब्रेट कावानाह पर कैलिफोर्निया की एक प्रोफेसर द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप पर संदेह जताते हुए कहा कि जिस पार्टी में यह घटना हुई उसमें …

Read More »

ईरान की अमेरिका को धमकी, कहा- सद्दाम की तरह हारेंगे राष्ट्रपति ट्रंप, हम खत्म नहीं करेंगे मिसाइल

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा है कि इराक के सद्दाम हुसैन की तरह ही ट्रंप भी ईरान से टकराव के कारण विफल होंगे। यह बात उन्होंने शनिवार को कही। साथ …

Read More »

अमेरिका के अलास्का में घुसा रूस का मरीन एयरक्राफ्ट

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रूसी समुद्री टोही विमान के दो समूह अलास्का हवाई रक्षा पहचान क्षेत्र में शनिवार को घुस गए. रूसी विमानों की पहचान करने वाले ‘नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमान’ ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘‘रूसी विमान अलास्का के उत्तर में अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में रहा और यह संप्रभु संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के हवाई क्षेत्र में नहीं घुसा.’’ एनओआरएडी एक द्विराष्ट्रीय कमान है जो अमेरिका और कनाडा दोनों की रक्षा पर ध्यान केन्द्रित करती है. मीडिया को जारी बयान के मुताबिक अमेरिका और कनाडा के हवाई रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में विमान के घुसने का पता लगाना और उसकी निगरानी रखना यह दिखाता है कि एनओआरएडी कैसे अपने हवाई क्षेत्र चेतावनी और हवाई क्षेत्र नियंत्रण मिशन का पालन कराता है. एनओआरएडी कमांडर जनरल टेरेंस जे ओ शाउघनेसी ने कहा, ‘‘एनओआरएडी अमेरिका और कनाडा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और अमेरिका तथा कनाडा के हवाई क्षेत्र की ओर आने वाले विमानों का पता लगाने, पीछा करने और उनकी पहचान करने की अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रूसी समुद्री टोही विमान के दो समूह अलास्का हवाई रक्षा पहचान क्षेत्र में शनिवार को घुस गए. रूसी विमानों की पहचान करने वाले ‘नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमान’ ने शनिवार को एक बयान …

Read More »

बड़ी खबर: ईरान में सेना पर परेड के दौरान हमला, कई लोगों के घायल होने की खबर

ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक हमलावर सैना की ड्रेस में थे. परेड स्थल के करीब मौजूद एक पार्क से हमलावरों ने सेना पर हमला किया. हमले में घयल लोगों को सुरक्षिथ जगह पर ले जाने का काम किया जा रहा है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 10 मिनट तक हमलावर सेना पर गोलियां चलाते रहे.

ईरान के शहर अहवाज़ से एक बड़ी खबर आ रही है. इरान की सेना पर बड़ा हमला हुआ है. यह हमला सेना के परेड के दौरान हुआ जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है. बताया जा रहा है …

Read More »

ईमेल के अधिक इस्तेमाल के कारण लक्ष्य हासिल नहीं कर पा रहे बॉस

शोधकर्ताओं का कहना है कि ईमेल का कर्मचारियों की तुलना में प्रबंधकों पर ज्यादा खराब असर पड़ता है। इसके कारण उनकी रणनीतिक और नेतृत्व क्षमता में गुणात्मक गिरावट देखने को मिलती है। इससे जहां वे अपने लक्ष्य को पाने में चूकते हैं, वहीं अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के लिए भी बुरे बनते हैं।

ईमेल के अधिक इस्तेमाल के कारण बॉस न केवल कर्मचारियों के लिए बुरे बन रहे हैं, बल्कि इससे उनको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में अड़चन भी आ रही है। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है। यह अध्ययन अप्लाइड …

Read More »

ट्रंप का संदेश- देश-विदेश में धार्मिक आजादी की रक्षा करेगा अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रशासन को देश और विदेश में धार्मिक आजादी की हिफाजत करने के निर्देश दिए हैं. विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने शनिवार को यह जानकारी दी. साथ ही इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि दुनिया के ज्यादातर देश धार्मिक आजादी पर बंदिशें लगाते हैं. पोम्पिओ ने 13वें सालाना 'वैल्यूज वोटर' सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने प्रशासन में हम सभी को निर्देश दिया है कि देश-विदेश में धार्मिक आजादी की रक्षा की जाए, क्योंकि धार्मिक आजादी एक सार्वभौमिक, ईश्वर-प्रदत्त अधिकार है, जो हर एक व्यक्ति को प्राप्त है. उन्होंने कहा कि हर स्वतंत्र समाज के लिए धार्मिक आजादी एक अहम पहलू है. पोम्पिओ ने कहा, यह ऐसी आजादी है जिसका मैं व्यक्तिगत तौर पर ख्याल रखता हूं, और मैं जानता हूं कि आप भी ऐसा ही करते हैं. यही चीज है जिसने मुझे अमेरिकी सशस्त्र बलों में शामिल होकर देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया. पोम्पिओ ने कहा, लेकिन दुख की बात है कि आज वैश्विक आबादी में 80 फीसदी से ज्यादा लोग ऐसे देशों में रहते हैं, जहां धार्मिक आजादी पर काफी बंदिशें हैं. उन्होंने कहा, 'मैं जानता हूं कि ईरान जैसे देशों में ईसाइयों एवं अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे जुल्म को देखकर हम में से कई लोगों का दिल दुखता है. हम उन लोगों पर नियंत्रण रखने वाले दमनकारी और भ्रष्ट शासन के बारे में सच बोलकर ईरानी लोगों की मानवीय गरिमा के लिए लड़ रहे हैं.' पोम्पिओ ने आरोप लगाया कि ईरान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को नियमित तौर पर सलाखों के पीछे डाला जा रहा है, उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है, नौकरियों से निकाला जा रहा है और उन पर कई अन्य तरह के अत्याचार किए जा रहे हैं. शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि ट्रंप द्वारा अमेरिका को ईरान परमाणु करार से अलग करने के बाद उन्होंने एक नई रणनीति लागू की है जिससे ईरानी शासन को अपने बर्ताव में बदलाव के लिए बाध्य किया जा सके. इस रणनीति में यह भी शामिल है कि ईरान में जवाबदेही, इंसाफ और धार्मिक आजादी की लड़ाई लड़ रहे लोगों को यकीन दिलाया जा सके कि अमेरिका उनके साथ खड़ा है. पोम्पिओ ने कहा, 'हम ईसाइयों, यहूदियों, सूफियों, मुस्लिमों, पारसियों, बहाइयों और ईरान के अन्य सभी ऐसे धर्मों के साथ खड़े हैं जिनकी मानवीय गरिमा को इस शासन ने तार-तार किया है.'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रशासन को देश और विदेश में धार्मिक आजादी की हिफाजत करने के निर्देश दिए हैं. विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने शनिवार को यह जानकारी दी. साथ ही इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि दुनिया के ज्यादातर देश धार्मिक आजादी …

Read More »

 रूसी विमान खरीदने के लिए चीन के ऊपर लगाए अमेरिका ने कई  प्रतिबंध…

अमेरिका सरकार ने रूस से सुखोई एसयू-25 लड़ाकू विमान और जमीन से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइलें खरीदने के लिए चीनी सेना की एक अहम इकाई पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिका ने कहा है कि चीन के रक्षा मंत्रालय के उपकरण विकास विभाग की खरीद ने रूस पर उसके प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है. अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इस कार्रवाई का मकसद रूस की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के जवाब में उस पर हर्जाना लगाना है.’’ पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने भारत को भी ऐसे ही मामले में आगाह किया था कि रूस से हथियारों की खरीदने पर उसे अमेरिका से विशेष छूट मिलने की कोई गारंटी नहीं होगी. वॉशिंगटन इस बात को लेकर चिंतित है कि भारत अपने पुराने सहयोगी देश रूस से जमीन से हवा में लंबी दूरी की मारक क्षमता रखने वाली मिसाइल-रोधी प्रणाली एस-400 सहित अन्य हथियारों की खरीद कर रहा है. बताते चलें कि हाल के सालों में भारत अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी बनकर उभरा है. ट्रंप ने बदले हथियार खरीद के नियम रूस के खिलाफ अमेरिका के मौजूदा नियमों के तहत अगर कोई देश रूस से रक्षा या खुफिया विभाग के क्षेत्रों में कोई लेन-देन या सौदे करता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. इसी के तहत चीन पर ये प्रतिबंध लगाए गए हैं. लेकिन, रक्षा मंत्री जिम मैटिस के प्रयासों के बाद अमेरिकी संसद ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री को रूस के साथ सौदा करने वाले सहयोगी देशों को प्रतिबंधों से छूट देने का अधिकार दे दिया. भारत को मिलेगी छूट पेंटागन में एशिया और प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक मंत्री रैंडल स्रीवर ने कहा था कि छूट देने वालों ने एक ऐसा माहौल बनाया है जिससे लगता है कि भारत को इस संबंध में छूट प्राप्त होगी ही, फिर चाहे वह कुछ भी करता रहे. उन्होंने कल कहा था, ‘‘मैं बताना चाहूंगा कि यह थोड़ी भ्रमित करने वाली बात है. हमें अभी भी इसकी चिंता है कि भारत रूस के साथ बड़े सौदे कर सकता है. यहां बैठकर मैं आपसे यह नहीं कह सकता कि उन्हें छूट मिलेगी ही और उनके लिए प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी." आपको बता दें भारत ने रूस से S- 400 की खरीद को अमली जामा पहना दिया है. ये डील 40,000 करोड़ रुपए की है. भारत की एयरफोर्स में नई जान फूंकने के लिहाज़ से की गई इस डील को लेकर दोनों देश अमेरिका के उन प्रतिबंधों से बचने के उपाए खोज रहे हैं जो रूस से हथियार खरीद पर लगाए जाते हैं.

अमेरिका सरकार ने रूस से सुखोई एसयू-25 लड़ाकू विमान और जमीन से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइलें खरीदने के लिए चीनी सेना की एक अहम इकाई पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिका ने कहा है कि चीन के …

Read More »

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com