जेठ की दोपहरी में 16 मई की सुबह तापमान बढ़ने के साथ ही कर्नाटक का सियासी पारा भी चढ़ने लगा है. बेंगलुरु में मौजूद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि बीजेपी उनके विधायकों को धमका रही है. उन पर दबाव बना रही है, उसे लोकतंत्र में भरोसा नहीं है.
आजाद ने कहा कि अगर राज्यपाल ने संवैधानिक मूल्यों का पालन नहीं किया और हमें सरकार बनाने के लिए निमंत्रित नहीं किया, तो यहां खूनी संघर्ष होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों के असंतुष्ट होने की अफवाहें फैलाई जा रही हैं, लेकिन वास्तव में बीजेपी असंतुष्ट है. इस बीच कांग्रेस विधायक अमरेगौड़ा ने कहा है कि बीजेपी ने उन्हें कैबिनेट मंत्री के पद का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया. अमरेगौड़ा लिंगनागौड़ा पाटिल बयापुर कर्नाटक के कुश्तगी से विधायक हैं.
आजाद ने कहा कि राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है. बीजेपी के पास 104 सीटें हैं, हमारे (कांग्रेस-जेडीएस) पास 117 सीटें हैं. राज्यपाल पक्षपाती नहीं हो सकते हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या एक आदमी जो संविधान को बचाने के लिए राजभवन में बैठा है, उसे नष्ट कर देगा? एक राज्यपाल को अपने सभी पुराने संबंध खत्म कर देने होते हैं, चाहे वो बीजेपी हो या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ.