भारत पेट्रोल को 15 देशों में 34 रुपये प्रति लीटर की दर से निर्यात कर रहा है, जबकि रिफाइंड डीजल 29 देशों में 37 रुपये प्रति लीटर की दर से निर्यात किया जा रहा है.
यह आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पेट्रोलियम उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाए हैं, जबकि इसे बहुत सस्ती कीमत पर इन उत्पादों को निर्यात किया जाता है.
भारत 15 देशों को लगभग 34 रुपये लीटर के कीमत पर पैट्रोल बेच रहा है, तो 29 देशों को 37 रुपये लीटर में डीजल. जी हां यह ख़बर चौंकाने वाली लगती है, लेकिन यह हम नहीं कह रहे है, यह खुलासा एक आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के आधार पर पंजाब के लुधियाना में रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता रोहित सभरवाल को मिलने से हुआ है.
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हमेशा ही चर्चा का मुद्दा बनी रहती है. जो राजनीतिक दल विपक्ष में होते हैं, वो पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर ज़ोरदार हल्ला बोलते हैं, लेकिन सत्ता में आते ही इनके तेवर बदल जाते हैं.
समय-समय पर लोग चर्चा करते रहते हैं कि विदेशों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हमारे देश के मुकाबले काफी कम है, तो ऐसा क्यों है? सोशल मीडिया में खबर आने के बाद इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस पर ट्वीट किया है.
इस खबर की सत्यता जानने के लिए आजतक ने लुधियाना में रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता रोहित सभरवाल से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर हमने पेट्रोलियम मंत्रालय से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी कि भारत किन देशों को पेट्रोल व डीजल निर्यात कर रहा है और किस कीमत पर यह निर्यात किया जा रहा है.
(मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड का जवाब दिखाते रोहित सभरवाल)
रोहित सभरवाल आगे बताते है कि जब इस सवाल का जवाब आया, तो यह चौंकाने वाला था. सरकारी स्वामित्व वाली मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा आरटीआई के तहत दिए गए जवाब के मुताबिक 01 जनवरी 2018 से 30 अप्रैल 2018 के बीच पांच देशों को पेट्रोल और 29 देशों को रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों (पेट्रोल/डीजल) का निर्यात किया गया.
इन देशों में ईराक, अमेरिका, इंग्लैंड, हांगकांग, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश शामिल है. इस अवधि में पेट्रोल 32 से 34 रुपये प्रति लीटर और डीजल 34 से 36 रुपये प्रति लीटर की दर से निर्यात किया गया. हालांकि इस अवधि के दौरान पेट्रोल की कीमत 69.97 रुपये से 75.55 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 59.70 से 67.38 रुपये प्रति लीटर रही. इस हिसाब से भारत अपने खुद के देशवासियों को यही पेट्रोल-डीजल दोगुने से भी अधिक दाम पर बेच रहा है.
यहां के ज्यादातर लोगों को लगता है कि भारत खुद तेल का आयात करता है, तो फिर इतने देशों को इतनी मात्रा में तेल कैसे निर्यात कर रहा है? जबकि सच्चाई यह है कि भारत कच्चा तेल बड़ी मात्रा में आयात करता है, फिर उसे रिफाइंड करके दूसरे देशों को निर्यात करता है और कई देशों की तरह भारत भी ऐसा करने वाले देशों में शामिल है, लेकिन वाकई पेट्रोल-डीजल को लेकर जो मैसेज सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, उसके तथ्य सही हैं. उसकी हमने पड़ताल की, तो पता चला कि घरेलू उपभोक्ताओं और निर्यात के लिए पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत अलग-अलग तय होती हैं. आइए इनकी कीमत तय करने के गणित को समझें….
1. रिफाइंड पेट्रोलियम भारत के शीर्ष दो निर्यातों में से एक है. हिंदुस्तान दुनिया में रिफाइंड पेट्रोलियम का 10वां सबसे बड़ा निर्यातक है. भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ इराक और संयुक्त अरब अमीरात जैसे तेल उत्पादक देशों को रिफाइंड पेट्रोलियम निर्यात करता है.
2. साल 2017 के दौरान भारत ने 24.1 अरब डॉलर के रिफाइंड तेल का निर्यात किया. विश्व बाजार में इसका हिस्सा 3.9 फीसदी था.
3. घरेलू खपत या निर्यात के लिए रिफाइंड तेल की कीमत लगभग उतनी ही है. विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और यूरोप के बाजारों के लिए रिफाइंड तेल की कीमत ज्यादा हो सकती है, क्योंकि उनके उच्च गुणवत्ता वाले मानकों के कारण रिफाइंड की लागत बढ़ जाती है.
4. रिफाइंड तेल का निर्यात मूल्य वैश्विक आपूर्ति-मांग द्वारा निर्धारित किया जाता है. तेल विपणन कंपनियां इसके अत्यधिक प्रतिस्पर्धी होने के कारण के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकती हैं.
5. घरेलू रिफाइंड तेल की कीमत केंद्र और राज्यों द्वारा 100 फीसदी से अधिक टैक्स दर के कारण निर्यात मूल्य से अधिक है.
6. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा प्रदान की गई जानकारी के मुताबिक भारतीय कंपनियों (20 अगस्त) को क्रूड पेट्रोल 35.90 रुपये प्रति लीटर और क्रूड डीजल 38.25 रुपये प्रति लीटर की दर से मिलता है.
7. भारत द्वारा डीलरों को लगाए गए रिफाइंड पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 37.93 रुपये थी, जबकि रिफाइंड डीजल की कीमत 41.04 रुपये प्रति लीटर थी.
8. टैक्सों के बिना लगाए गए रिफाइंड पेट्रोल/डीजल की कीमत रिफाइंड तेल के निर्यात मूल्य के बहुत करीब है.
9. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 77.4 9 रुपये (20 अगस्त) है. इसमें एक्साइज ड्यूटी रुपये 19.48 रुपये प्रति लीटर, डीलर कमीशन (औसत) 3.61 रुपये प्रति लीटर और वैट (डीलर कमीशन पर वैट समेत) 16.47 रुपये प्रति लीटर है.
10. दिल्ली में डीजल की कीमत 69.04 रुपये प्रति लीटर (20 अगस्त) है. इसमें एक्साइज ड्यूटी 15.33 प्रति लीटर, डीलर कमीशन (औसत) 2.51 रुपये प्रति लीटर और वैट (डीलर कमीशन पर वैट समेत) 10.16 प्रति लीटर लगता है.
मामले की पड़ताल से जो तथ्य निकलकर सामने आए हैं, उसके हिसाब से घरेलू उपभोक्ताओं के ऊपर जो टैक्स लगाए जाते हैं, वो निर्यात के समय नहीं लगाया जा सकता है. इस वजह से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्यात वाले कीमत से ज्यादा होती है