पंजाब में भारी बिजली की कटौती के बीच राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh) बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। कुछ देर पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं। उनके साथ पंजाब सरकार के कई मंत्री और विधायक भी जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं। यह विरोध प्रदर्शन और धरना संसद द्वारा हाल में बनाए तीन किसान संबंधी कानून को लेकर है। इस दौरान वह पंजाब के बिजली संकट के साथ मालगाड़ियों की आवाजाही और आवश्यक आपूर्ति की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी भी मुहैया कराएंगे।
पंजाब में बिजली संकट का खतरा
पिछले महीने संसद द्वारा पारित कृषि बिलों के खिलाफ पूरे पंजाब में किसानों का प्रदर्शन जारी है और इसे पंजाब सरकार भी समर्थन दे रही है। पंजाब में किसानों के धरने की वजह से मालगाड़ियों की आवाजाही प्रभावित है, जिससे राज्य के 5 थर्मल प्लांटों में कोयले की कमी की वजह से बिजली उत्पादन भी रुक गया है। इससे अब बिजली संकट पैदा हो गया है।
राष्ट्रपति ने नहीं दिया मुलाकात का समय
बताया जा रहा है कि इन सभी मुद्दों को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर प्रदेश के सभी विधायकों के साथ दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलना चाहते थे, लेकिन मुलाकात के लिए राष्ट्रपति की ओर से समय नहीं दिया गया। इससे नाराज कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी विधायकों के साथ धरने पर बैठने की बात कही है।
पंजाब में ब्लैक आउट का खतरा
इन दिनों समूचे पंजाब में तीन से चार घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है। इसी के साथ राज्य में खाद की भी किल्लत होने लगी है। साथ ही उद्योगों में सामान का स्टॉक बढ़ने लगा है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर 4 नवंबर की सुबह राजघाट पर धरना देंगे।
गौरतलब है कि कृषि बिलों के खिलाफ किसान लगातार आंदोलनरत हैं। इसके चलते पंजाब में रेल गाड़ियों की आवाजाही ठप है। इसके चलते आम ट्रेन यात्रियों के साथ सामान की आवाजाही नहीं होने से आने वाले समय में समस्या और भी गंभीर हो सकती है।