बीकॉम अंतिम वर्ष की छात्रा निकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी तौसीफ ने खुद का नाम अंकित बताकर उससे दोस्ती की थी। तौसीफ को लगता था कि दोस्ती की शुरुआत में कहीं धर्म बीच में न आ जाए। हालांकि यह बात ज्यादा दिन तक छिप नहीं पाई और असली नाम का पता एक दिन चल ही गया।
तौसीफ के असली नाम का पता तब चला जब तौसीफ को उसके एक साथी ने स्कूल में उसे असली नाम से पुकारा। यह खुलासा निकिता के साथ स्कूल में पढ़ने वाली अंशु (बदला हुआ नाम) ने किया है। अंशु फिलहाल कॉलेज में भी निकिता के साथ ही पढ़ती है।
नाम और पहचान न उजागर करने की शर्त पर छात्रा ने बताया कि तौसीफ स्कूल के दिनों से ही निकिता से दोस्ती करना चाहता था, जबकि वह स्कूल में सीनियर था। निकिता जब 11वीं कक्षा में पढ़ती थी, तब तौसीफ 12वीं का छात्र था।
सीनियर कक्षा में होने के कारण कई महीनों तक तौसीफ के असली नाम का उन्हें पता नहीं लग सका। उसने निकिता को अपना नाम अंकित बताया था। हमेशा ही वह निकिता से घुलने मिलने की कोशिश करता रहता था। छात्रा ने बताया कि हालांकि उन दिनों इन सब बातों की ओर हम ध्यान नहीं देते थे। क्योंकि तौसीफ उनकी कक्षा का विद्यार्थी नहीं था, इसलिए ज्यादा बातचीत नहीं होती थी।
निकिता के हत्यारोपियों तौसीफ और रेहान को पुलिस ने दो दिनों के रिमांड पर लिया है। पता चला है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कई राज उगले हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में तौसीफ ने बताया है कि साल 2018 में उसने निकिता का अपहरण शादी की नीयत से ही किया था।
वह स्कूल के दिनों से ही उसे पसंद करता था और शादी करना चाहता था। अपहरण के बाद वह निकिता को मथुरा लेकर गया था। इसी बीच पुलिस ने उसे धर दबोचा। इसके बाद उसके परिवार की पुलिस व समाज के सामने काफी बदनामी हुई और सबके सामने उसे व उसके परिवार को निकिता के परिवार से माफी भी मांगनी पड़ी।
तौसीफ की योजना निकिता का अपहरण करके उससे जबरदस्ती शादी करने की थी। इसी कारण सोमवार को उसने अग्रवाल कॉलेज गेट पर निकिता को जबरन कार में डालने का प्रयास किया था। निकिता के विरोध करने पर ही उसे गोली मार दी थी।