मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि हमारा एक सपना था कि हर युवा को रोजगार मिले। हमारे यहां पढ़ाई करने के बाद भी बच्चे बेरोजगार रह जाते हैं। ऐसे बच्चों के लिए हम दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनीवर्सिटी शुरू करने जा रहे हैं। इस यूनीवर्सिटी के लिए हमने कुछ माह पहले दिल्ली विधानसभा में बिल पास किया था। यूनीवर्सिटी के बोर्ड के लिए सदस्य चुन लिए गए हैं। आज यूनीवर्सिटी के बोर्ड सदस्यों की पहली बैठक थी। अगले सत्र से यहां दाखिला शुरू हो सकेंगे। यहां पास होकर निकलने वाले हर युवा को इस काबिल बनाया जाएगा कि वह रोजगार प्राप्त कर सकेगा।
सीएम ने कहा कि यूनीवर्सिटी कंपनियों के बात कर कोर्स तैयार करेगी। अगर कंपनियां कहेंगी कि कोर्स ठीक नहीं है तो उस कोर्स को नहीं रखा जाएगा। आज हमारे बहुत सारे युवा बेरोजगार हैं। दूसरी ओर हम कंपनियों के लोगों से बात करते हैं तो वह कहते हैं कि प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं हैं। यह यूनीवर्सिटी इस समस्या को दूर करेगी।
भिखारियों की पुनर्वास योजना के लिए सर्वेक्षण जरूरी: गौतम
वहीं, शहरी बेघर भिखारियों के पुनर्वास के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ रविवार को दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बैठक की। इसमें भिखारियों के पुनर्वास के लिए शहर केंद्रित कार्य योजना तैयार करने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। गौतम ने कहा कि भिखारियों की पुनर्वास योजना के लिए एक सर्वेक्षण की जरूरत है। आयु, वर्ग और पृष्ठभूमि के अनुसार वर्गीकरण होना चाहिए। इसी से ही भिखारियों के अलावा असहाय, कमजोर व्यक्तियों की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रभावी उपाय करने के लिए एक आधार प्राप्त होगा।
उन्होंने बताया कि भिखारियों के पुनर्वास के लिए एक व्यापक कार्ययोजना बनाने और समाज में व्यापक जन जागरण व नागरिकों को शिक्षित करने के लिए कार्यक्रम करने की आवश्यकता है। बैठक में दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी के अभाव में बच्चों को होने वाली कठिनाइयों से संबंधित एक अध्ययन प्रस्तुत किया। इसमें बताया गया कि सूचना के अभाव में बच्चे सरकारी परियोजनाओं का लाभ लेने से वंचित रहते हैं।