कोरोना संक्रमण के फैलाव के तरीकों को लेकर नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। एम्स के एक डॉक्टर का कहना है कि सार्वजनिक स्थानों पर झाड़ू लगाने से भी संक्रमण फैल सकता है। इसलिए ऐसे स्थानों पर सफाई के लिए वैक्यूम क्लीनर का प्रयोग करना चाहिए।
एम्स में सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अनुराग श्रीवास्तव बताते हैं कि झाड़ू का इस्तेमाल और खुले में कूड़े को रखना कोरोना संक्रमण को बढ़ाने के लिए काफी मददगार होता है।
यह वायरस किसी भी सतह पर तीन से पांच दिन तक रहता है। संक्रमित मरीज अगर कहीं छींकता या खांसता है तो उससे शरीर से निकलने वाले विषाणु के कण आसपास की सतह पर गिर जाते हैं।
झाड़ू लगाने के दौरान यह कण धूल-मिट्टी में फैल जाते हैं। उस दौरान यदि कोई व्यक्ति वहां से गुजरता है तो यह वायरस सांस के रास्ते उस इंसान के शरीर में प्रवेश कर जाता है।
इससे वायरस को फैलने में मदद मिलती है। डॉ. श्रीवास्तव ने अपील की है कि 2 अक्तूबर को स्वच्छता अभियान में झाड़ू की जगह वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल किया जाए।
चिकित्सकों के अनुसार, लोग कोविड से जुड़े कचरे जैसे मास्क, दस्ताने, पीपीई किट आदि को खुले में न फेंके। कचरे को एक बैग में बंद करके तीन दिन के लिए छोड़ दें। इसके बाद ही कचरे को उचित स्थान पर डालें। ऐसे करने से कचरा एकत्र करने वाले लोग भी संक्रमण से बचे रहेंगे।