कुआलालंपुर में पिछले सप्ताह यहां के दो कारोबारी भाइयों का अपहरण हो गया था, लेकिन चार दिन बाद उन्हें अपहरणकर्ताओं ने दोबारा मलेशिया नहीं आने की धमकी देते हुए छोड़ दिया. दोनों भाइयों ने बताया कि अपहरणकर्ता तमिल भाषा में बात कर रहे थे. रोहन वैद्य (36) और उसके भाई कौस्तुभ वैद्य (31) ने मीडिया को बताया कि उनके अपहरण की वजह काराबोरी प्रतिद्वंद्विता हो सकती है.
कार मुख्य सड़क को छोड़कर जंगल की तरफ गई
ये दोनों भाई एक अगस्त को मलेशिया गए थे क्योंकि मछली का निर्यात करने वाली इनकी कंपनी रॉक फ्रोजेन फूड को मलेशिया की मिस ली फ्रोजेन फूड से ऑर्डर मिले थे. इन दोनों को दो अगस्त को दो कारोबारी बैठक करनी थी. कुआलालंपुर के एक होटल में बैठक करने के बाद दूसरी बैठक करने के लिए कंपनी ने उनके लिए कार भेजी. दोनों भाई कार में बैठ गए लेकिन कार मुख्य सड़क को छोड़कर जंगल की तरफ गई. ये दोनों भाई चार दिन तकअपहरणकर्ताओं के चंगुल में रहे बाद में उन्होंने इन दोनों को छोड़ दिया. अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटने के बाद दोनों भाई वापस आ गए.
मछली निर्यात संबंधी बैठक में शामिल होने गए थे मलेशिया
दरअसल, दोनों भाई मछली निर्यात संबंधी बैठक में शामिल होने के लिए मलेशिया गए थे, लेकिन बैठक के लिए जब दोनों भाई होटल से निकले तभी उनका अपहरण कर लिया गया और चार दिनों तक कैदी बनाकर रखा गया. वहीं दोनों भाइयों ने कारोबार में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर शक जाहिर किया है. कौस्तुभ वैद्य ने बताया कि उनकी किडनैपिंग के पीछे उनका कोई प्रतिद्वंद्वी हो सकता है. हालांकि, अभी तक अपहरणकर्ताओं की पहचान नहीं हो पाई है.