ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत अबकी बार सर्दियों में समूचे दिल्ली-एनसीआर में डीजल जेनरेटर बंद रहेंगे। यह प्रतिबंध 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक लागू रहेगा। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने सैद्धांतिक रूप से इस आशय फैसला ले लिया है। बहुत ही जल्द दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के ऊर्जा सचिवों को इस बाबत लिखित निर्देश भी जारी कर दिए जाएंगे। कोरोना संक्रमण के चलते इस साल ईपीसीए किसी भी आधार पर कोई छूट देने के मूड में नहीं है।
गौरतलब है कि यूं तो यह प्रतिबंध पिछले वर्ष भी लगाया गया था, लेकिन हरियाणा सरकार व नोएडा की ओर से ईपीसीए अध्यक्ष भूरेलाल को बाकायदा पत्र लिखकर जेनरेटर पर प्रतिबंध से छूट देने की मांग की थी। तर्क यह दिया गया कि कई आवासीय कॉलोनियां एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान ऐसे हैं, जो बिजली के लिए पूरी तरह से डीजल जेनरेटर सेट पर ही निर्भर हैं। तब ईपीसीए ने इसी शर्त पर मोहलत दी थी कि 2020 की सर्दियों में कोई बहाना नहीं सुना जाएगा। वहीं, ईपीसीए सदस्यों का कहना है कि कोरोना के संक्रमण से लड़ने के लिए फेफड़ों का स्वस्थ होना अनिवार्य है, जबकि डीजल जेनरेटर का धुआं फेफड़ों पर ही असर डालता है।
बुधवार को हॉट स्पॉट के लिए बुलाई बैठक
दिल्ली के सभी 13 हॉट स्पॉट (नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर के पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, विवेक विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी, द्वारका) पर प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा के लिए ईपीसीए बुधवार को बैठक करेगा। इस बार दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर को भी अपने हॉट स्पॉट चिह्नित करने और वहां के लिए विशेष रणनीति तैयार करने को कहा गया है।
भूरेलाल (अध्यक्ष, ईपीसीए) का कहना है कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार सर्दियों में वायु प्रदूषण को नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी हो गया है। पराली के धुएं पर रोक लगाने के लिए हर 15 दिन में समीक्षा बैठक हो रही है। हॉट स्पॉट पर भी काम चल रहा है। डीजल जेनरेटर चलाने के लिए भी अबकी बार कोई छूट नहीं होगी।