देशद्रोही भाषण देने के आरोपित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम की पेशी पटियाला हाउस कोर्ट के जज के घर शाम पांच बजे के करीब होगी। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस ने ये कदम उठाया है। जज का घर साकेत कोर्ट कांप्लेक्स में है। पुलिस पूछताछ के लिए कोर्ट से शरजील की रिमांड मांगेगी।
इससे पहले बुधवार दोपहर क्राइम ब्रांच की टीम शरजील को लेकर दिल्ली पहुंची। एयरपोर्ट पर मीडिया की भीड़ के कारण शरजील को दूसरे गेट से निकाला गया।
बिहार से गिरफ्तार किया गया था शरजील
जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बिहार के जहानाबाद से मंगलवार को गिरफ्तार किया था। शरजील ने पहचान छिपाने के लिए बाल व दाढ़ी छोटी करा ली थी। पुलिस ने वह कार भी जब्त कर ली थी, जिससे वह भागने की तैयारी में था। मंगलवार देर शाम पुलिस ने उसे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के समक्ष पेश कर 36 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर लिया। उसका मेडिकल कराने के बाद पटना ले जाया गया। सुरक्षा के लिहाज से उसे महिला थाने में रखा गया था।
गिरफ्तारी के लिए बनाई गई थी 5 टीमें
दिल्ली क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त राजेश देव ने बताया कि शरजील को गिरफ्तार करने के लिए पांच टीमें बनाई गई थीं। पटना, जहानाबाद, मुंबई सहित उसके अन्य ठिकानों पर रविवार और सोमवार को छापेमारी की गई थी। पता चला कि वह सीएए के विरोध में रैली में पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में दिखा है। पुलिस ने उसके गांव काको में छापेमारी की, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद उसके भाई मुजम्मिल व एक साथी को हिरासत में लेकर पूछताछ की व शरजील को काको गांव के मलिक टोला से दबोच लिया गया।
क्या है मामला
शरजील का अलीगढ़ मुस्लिम यूर्निवसिटी के भाषण का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह कह रहा है कि लोग संगठित हो जाएं तो हम भारत से असम को अलग कर सकते हैं। एक-दो महीने के लिए तो ऐसा कर सकते हैं। वह अपील कर रहा है कि रेलवे ट्रैक पर इतना मलबा डालो कि हटाने में एक महीना लगे। असम को काटना हमारी जिम्मेदारी है।
पांच राज्यों में दर्ज हैं केस
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ चल रहे आंदोलन में भाषण देते हुए शरजील का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वह असम को भारत से अलग करने की बात करता दिख रहा है। यह वीडियो 16 जनवरी का था। इससे पहले भी उसने दिल्ली के जामिया इलाके में 13 दिसंबर को भड़काऊ भाषण दिया था। इसके बाद उसके खिलाफ 25 जनवरी को देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया। इसकी जांच क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल को सौंपी गई थी। शरजील पर दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भी देशद्रोह के मुकदमे दर्ज हैं।