तेहरान : ईरान के राष्ट्रपति ने चेतावनी दी है कि पश्चिम एशिया में तैनात यूरोपीय सैनिक ‘खतरे’ में पड़ सकते हैं। यह चेतावनी ऐसे समय आयी है, जब ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने 2015 के परमाणु समझौते की सीमाओं को तोड़ने को लेकर ईरान को चुनौती दी है। बहरहाल, ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने स्वीकार किया है कि यूक्रेन के विमान को गलती से मार गिराने के कुछ दिनों तक ईरानी अधिकारियों ने ‘झूठ’ बोला था। इस घटना में 176 लोगों की मौत हो गयी। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंत्रिमंडल की बैठक में इसकी घोषणा की। इसका प्रसारण टीवी के जरिए किया गया। समझौते में तय सीमा को पार करने के ईरान के कदम पर राष्ट्रों की आपत्ति के बाद रूहानी ने ये चेतावनी दी है। अमेरिका से तनातनी के बीच यह पहली बार है जब रूहानी ने यूरोप को धमकी दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2018 में एकतरफा तरीके से इस समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ एक शिखर वार्ता में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को दिल्ली पहुंचे। अपने मंत्रिमंडल को संबोधित करते हुए रूहानी ने कहा, ‘आज अमेरिकी सैनिक खतरे में हैं, कल यूरोपीय सैनिक खतरे में हो सकते हैं।’ रूहानी ने कहा, ‘हम आपको इस क्षेत्र से हटाना चाहते हैं लेकिन युद्ध से नहीं। हम चाहते हैं कि आप समझदारी से चलें। यह आपके ही हित में होगा।’ यूरोपीय सैनिक इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकियों के साथ तैनात हैं। फ्रांस का संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में एक नौसैन्य केंद्र हैं, जबकि ब्रिटेन ने द्वीपीय देश बहरीन में एक सैन्य केंद्र खोला है। रूहानी ने परमाणु समझौते को लेकर यूरोप की आधारहीन दलीलों की भी आलोचना की।