दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आज से उम्मीदवारों के नॉमिनेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. हालांकि आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस ने अब तक अपने उम्मीदवारों की कोई लिस्ट जारी नहीं की है.
जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक बीजेपी 18 जनवरी को अपने सभी कैंडिडेट्स का एलान कर सकती है. अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक विधानसभा चुनाव में बीजेपी ज्यादा से ज्यादा युवा चेहरों पर दांव लगा सकती है.
रिपोर्ट के मुताबिक युवा चेहरों को प्राथमिकता देने की वजह 2017 में दिल्ली में हुए एमसीडी के चुनाव हैं. बीजेपी ने 2017 में सभी 272 वार्ड्स में नए और युवा चेहरों पर दांव लगाया था. पार्टी का यह दांव कामयाब रहा था और उसके 181 वार्ड में जीत मिली थी. इनमें से 30 काउंसलर ऐसे हैं जिन्हें विधानसभा चुनाव में बीजेपी टिकट दे सकती है.
दिल्ली में पूर्वांचली वोटर्स की अच्छी खासी तादाद की वजह से बीजेपी इन्हें भी ज्यादा प्रतिनिधितत्व दे सकती है. 2015 में आम आदमी पार्टी के करीब दर्जनभर ऐसे उम्मीदवार जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे जिनका संबंध पूर्वी यूपी और बिहार से रहा है.
इसके अलावा बीजेपी का अपने पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन भी कायम रह सकता है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अकाली दल चार सीटों की मांग कर रही है और बीजेपी उसे तीन सीटें देने के लिए तैयार हो सकती है.
बता दें कि बीजेपी 2015 में बीजेपी महज तीन सीटों पर ही जीत दर्ज करने में कामयाब हो पाई थी. आम आदमी पार्टी को 2015 में 67 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी 70 सीटों पर 8 फरवरी को मतदान होना है, जबकि नतीजों की घोषणा 11 फरवरी को होगी.