टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक ठोकने वाले वीरेंद्र सहवाग भी आइसीसी के टेस्ट क्रिकेट को छोटा करने के फैसले का समर्थन नहीं कर रहे। सहवाग ने कहा है डायपर और 5 दिन का टेस्ट तभी बदलना चाहिए जब सब खराब जा जाए। दरअसल, रविवार को मुंबई में आयोजित हुए बीसीसीआइ के ऐनुअल अवॉर्ड सेरेमनी में सहवाग ने कप्तान कोहली और कोच रवि शास्त्री का समर्थन किया और कहा कि वे टेस्ट क्रिकेट के 4 दिन के करने के समर्थन में नहीं हैं।
सातवें मंसूर अली खान पटौदी व्याख्यान को संबोधित करते हुए बीसीसीआई अवॉर्ड्स सेरेमनी में वीरेंद्र सहवाग ने कहा, “मैं हमेशा बदलाव का समर्थन करता हूं। मैंने पहले टी20 इंटरनेशनल मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की, जिस पर मुझे गर्व है। मैं भारत की टी20 वर्ल्ड कप 2007 विनिंग टीम का हिस्सा था, लेकिन पांच दिन का टेस्ट मैच रोमांस की तरह है।” सहवाग ने इस दौरान ये भी कहा कि चार दिन की सिर्फ चांदनी होती है टेस्ट क्रिकेट नहीं।
इनोवेशन ठीक है, लेकिन आत्मा को मत तोड़ो
सहवाग ने अपने व्याख्यान में आगे कहा, “टेस्ट जर्सी पर नंबर और नाम के अलावा पिंक बॉल टेस्ट (डे नाइट टेस्ट) जैसा इनोवेशन अच्छा है, लेकिन बच्चे का डायपर और टेस्ट मैच में तभी बदलाव करना चाहिए, जब वो खराब या समाप्त हो जाए, जिसका का फिर उपयोग न हो सके। टेस्ट क्रिकेट 143 साल पुराना फिट व्यक्ति है। यह एक आत्मा है। चार दिन की सिर्फ चांदनी ही होती है…टेस्ट क्रिकेट नहीं।”
बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने साल 2023 से टेस्ट मैच को 5 दिन की बजाए 4 दिन का करने का फैसला किया था। अब इस प्रस्ताव पर आइसीसी की क्रिकेट कमेटी फिर से विचार करेगी। टेस्ट क्रिकेट को छोटा करने पीछे आइसीसी का उद्देश्य ये था कि इससे कैलेंडर ईयर में समय बचेगा, जिसमें कुछ नए इवेंट कराए जा सकते हैं। हालांकि, कुछ क्रिकेट बोर्ड इसका समर्थ करते हैं, जबकि बीसीसीआइ अभी इस पर कुछ भी कहने से बच रही है।