ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग में शनिवार को कुछ कमी देखी गई है। हफ्तों के बुशफायर इमर्जेंसी के बाद पिछले 24 घंटों में पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में हुई बारिश ने हजारों फायरफाइटर्स, यहां के स्थानीय लोगों व खेतों को राहत की सांस लेने का मौका दिया। लेकिन यह चेतावनी जारी कर दी गई है कि जंगलों में लगी खतरनाक आग का खतरा अभी भी बरकरार है।
उत्तरी विक्टोरिया और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में शुक्रवार को पूरी रात 20 मिमी तक हुई बारिश ने लोगों को राहत दिया है। शनिवार सुबह लोगों की नींद बेहतर हवा, ठंडक और बारिश की आवाज के साथ खुली। डिफेंस फोर्स नेशनल बुशफायर कोऑर्डिनेटर मेजर जनरल जेक एलवुड ने कहा, बारिश से हमें मदद मिली है। उन्होंने आगे बताया, ‘मंगलवार, 14 जनवरी को दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया व विक्टोरिया में हालात फिर से खराब होने की उम्मीद है और इससे निपटने के लिए हम पूरी तैयारी में हैं।’
दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई दमकलकर्मियों ने कहा कि 200,000 हेक्टेयर (494,000 एकड़) से अधिक जमीन खाक हो जाने के बाद यहां हालात में थोड़ी स्थिरता आई है। आइलैंड के मेयर माइकल पेंगिल ने ट्विटर पर इसका उल्लेख ‘पृथ्वी पर नर्क’ के तौर पर किया था।
लगभग दक्षिण कोरिया के बराबर ऑस्ट्रेलियाई इलाका खाक हो जाने के बाद देश बुरे दौर से गुजर रहा है। 27 अक्टूबर से यहां लोगों की मौत जारी है और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। अमेरिका व कनाडा से करीब 100 दमकलकर्मी इस आपदा में ऑस्ट्रेलिया की मदद कर रहे हैं और सोमवार तक 140 दमकलकर्मी के और आने की उम्मीद है। यूरोपीयन यूनियन के कॉपरनिकस मॉनिटरिंग प्रोग्राम के अनुसार, इस आग से 400 मेगाटन कार्बन डाई ऑक्साइट व अन्य प्रदूषण फैलाने वाले गैसों का उत्सर्जन हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के जंगलों की आग का धुआं प्रशांत, दक्षिणी अमेरिका में प्रभावित शहरों तक पहुंच गया है और उम्मीद जताई गई है कि यह अंटार्कटिक तक भी पहुंच सकता है।