ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद ब्राजील ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कदम का समर्थन किया है। इसकी प्रतिक्रिया में ईरान ने तेहरान में ब्राजील के प्रभारी को तलब किया है।इस समर्थन के बाद ब्राजील की सरकारी स्वामित्व वाली तेल कंपनी पेट्रोब्रास ने बुधवार को घोषणा की कि वह ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच तनाव के चलते अपने तेल टैंकरों को स्ट्रेट ऑफ होर्मुज मार्ग से भेजना बंद कर दिया है।
कंपनी ने कहा कि उसने यह फैसला नौसेना के साथ परामर्श करने के बाद लिया गया है। हालांकि, कंपनी ने यह जोर देकर कहा कि इसका असर ब्राजील तेल की आपूर्ति पर नहीं पड़ेगा। तेल कंपनी ने कहा कि इससे किसी तरह से आपूर्ति को प्रभावित नहीं होने देगी। पेट्रोब्रास ने यह भी भरोसा दिलाया है कि अमेरिका और ईरान के संघर्ष का असर तेल कीमतों पर नहीं पड़ेगा।
वह तेल की कीमतों में वृद्धि नहीं करेगा। बता दें कि ओमान और ईरान के बीच फैला स्टॉर्म ऑफ होर्मुज दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण शिपिंग लेन है।पश्चिम एशिया की एक प्रमुख जलसन्धि है, जो ईरान के दक्षिण में फ़ारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी से अलग करता है। इसके दक्षिण में संयुक्त अरब अमीरात और ओमान का मुसन्दम नामक बहिक्षेत्र हैं। तेल के निर्यात की दृष्टि से यह जलडमरु बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इराक, क़तर तथा ईरान जैसे देशों का तेल निर्यात यहीं से होता है। अपने सबसे कम चौड़े स्थान पर इसके दोनों तटों में 39 किलोमीटर की दूरी है। यह ईरान देश को ओमान देश से अलग करती है।
बता दें कि सुलेमानी की हत्या के बाद ब्राजील के दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो की सरकार ने कहा है कि उसने आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी मोर्चे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया है। इस पर ईरान ने अपनी प्रतिे्क्रिया देते हुए तेहरान में ब्राजील के प्रभारी को तलब किया है।
उधर, ईरान से जारी तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर नए आर्थिक प्रतिबंधों का एलान भी कर दिया। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को अपनी सैन्य ताकत के इस्तेमाल की जरूरत नहीं है, उसके आर्थिक प्रतिबंध ही ईरान से निपटने के लिए काफी हैं। ट्रंप ने सभी अमेरिकी सैनिकों के सुरक्षित होने की बात कही। ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके राष्ट्रपति रहते ईरान परमाणु शक्ति संपन्न नहीं हो पाएगा।
ट्रंप ने कहा कि हमें ईरान के साथ मिलकर ऐसा समझौता करना चाहिए, जो दुनिया को सुरक्षित बनाए। ट्रंप यह कहने से भी नहीं चूके कि अमेरिका ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है और उसे पश्चिम एशिया के तेल भंडार की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने ईरान से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) के खिलाफ मिलकर लड़ने को कहा।