क्या ईरान ने गलती से मार गिराया खुद का ही विमान, पहले भी कई देश गिरा चुके हैं अपना प्लेन

ईरान की राजधानी तेहरान के हवाईअड्डे से बुधवार को उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद यूक्रेन का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें सवार चालक दल के सदस्यों के साथ सभी 176 लोग मारे गए। हादसे की वजह तकनीकी खराबी बताई जा रही है, लेकिन अमेरिका और ईरान के बीच तनाव और ईरान द्वारा बुधवार सुबह इराक में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइल हमले को देखते हुए विमान के हादसे के कारणों को लेकर संदेह जताया जा रहा है।यह आशंका जताई जा रही है कि कहीं विमान ईरानी मिसाइल का ही शिकार तो नहीं बन गया। वैसे, अगर ऐसा है तो यह कोई पहली घटना नहीं होगी।

बालाकोट के बाद भारत ने अपना विमान मार गिराया

इससे पहले भी कई देशों ने अपने ही विमान को मार गिराए हैं। सबसे पहले बात करते हैं भारत की। पिछले साल फरवरी में पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविर पर हमला किया था। उस दौरान पाकिस्तान की तरफ से भी हवाई हमला करने की कोशिश की गई थी। भारतीय वायुसेना हाई अलर्ट पर थी। उसी दौरान 27 फरवरी को वायु सेना ने अपने ही एक हेलीकॉप्टर एमआइ-17 वी 5 को गलती से मार गिराया था, जिसमें छह वायुसैनिक मारे गए थे।

अमेरिका ने मार गिराया था खुद का विमान

साल 2003 में इराक युद्ध के दौरान ब्रिटेन का एक विमान अमेरिकी मिसाइल का शिकार हो गया था। बहुत दिनों तक विमान को लापता माना जा रहा था। लेकिन कुछ समय बाद ब्रिटेन ने कहा था कि शायद उसका विमान अमेरिका की तरफ से किए गए फ्रेंडली फायर का शिकार हो गया। यह वह समय था जब अमेरिका ने व‌र्ल्ड ट्रेड सेंटर के बाद इराक पर हमला किया था।

साल 1994 में अमेरिका वायु सेना ने अपने ही दो हेलीकॉप्टर को मार गिराया था। यह घटना फारस की खाड़ी की लड़ाई के बाद हुआ था।युद्ध के बाद लोगों की मदद के लिए अभियान चलाया गया था। 14 अप्रैल, 1994 को अमेरिका के दो लड़ाकू विमान एफ-14 नो फ्लाई जोन में निगरानी रख रहे थे और उसी दौरान अमेरिकी सेना के दो ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टरों को मार गिराया था। उसमें 15 अमेरिकी और 11 दूसरे देश के लोग सवार थे और सभी मारे गए थे।

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जुलाई, 1943 में गेले में अमेरिकी सेना ने अपने ही एयरफोर्स के विमानों पर फायरिंग झोंक दी थी। ये विमान सेना की मदद के लिए अतिरिक्त सैनिकों को ला रहे थे। देखते ही देखते ये विमान आसमान में ही आग के गोलों में बदल गए और उनके टुकड़े-टुकड़े हो गये थे। उस समय तीन सौ से ज्यादा अमेरिकी सैनिक मारे गए थे।

दो दिन पहले की गई थी जांच

यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस ने कहा है कि जो विमान हादसे का शिकार हुआ, वह 2016 में बना था। यह बोइंग के कारखाने से सीधे एयरलाइंस को मिला था। विमान की छह जनवरी, 2020 को अंतिम बार तकनीकी जांच भी की गई थी।

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