भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने साल 2019 के आखिर में ये कबूल किया है कि उनके लिए ये साल बतौर एनालिस्ट और कॉमेंटेटर काफी खराब गुजरा है। वर्ल्ड कप 2019 के दौरान भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा और पिंक बॉल टेस्ट मैच के दौरान क्रिकेट एक्सपर्ट हर्षा भोग्ले से उलझने वाले मांजरेकर ने कहा है कि मैं कई मौकों पर प्रोफेशनल की तरह बर्ताव नहीं कर पाया।
न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल से पहले संजय मांजरेकर ने कहा था कि रवींद्र जडेजा टुकड़ों में प्रदर्शन करते हैं, उन्हें टीम से बाहर कर देना चाहिए। मांजरेकर अपने इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हुए। वहीं, जडेजा ने सेमीफाइनल में गेंद, बल्ले और फील्डिंग में शानदार प्रदर्शन किया था। हालांकि, भारतीय टीम कीवी टीम के हाथों सेमीफाइनल में करीबी हार झेलकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी।
लंबे करियर में पहली बार हुआ है ऐसा
संजय मांजरेकर ने कहा, “मैंने साल 197-98 में इस प्रोफेशन को शुरू किया था। ऐसे में मुझे इसमें करीब 20-21 साल हो चुके हैं, लेकिन ये साल मेरे लिए बतौर कॉमेंटेटर और एनालिस्ट काफी खराब गुजरा है।” मांजरेकर ने ये बात ESPNcricinfo को दिए इंटरव्यू में कही हैं। संजय मांजरेकर ने ये भी स्वीकार किया है कि इस मामले के बाद वे रवींद्र जडेजा से मिले थे। अब उन दोनों के बीच किसी भी तरह की कोई गलतफ़हमी नहीं है।
मांजरेकर ने कहा, “वहां कोई गलतफहमी नहीं थी। मैं आज भी अपने बयान पर कायम हूं कि वे बिट्स एंड पीसेस प्लेयर हैं, क्योंकि ये आमतौर पर क्रिकेटिंग टर्म में यूज होता है।” इसके बाद जडेजा ने भी कहा था कि मैंने उनसे ज्यादा मैच खेले हैं और खेल रहा हूं। आपको सभी का सम्मान करना चाहिए। इसके बाद मांजरेकर की तीखी बहस कॉमेंट्री के दौरान हर्षा भोगले से हुई थी, जब दोनों पिंक बॉल टेस्ट मैच की कॉमेंट्री के दौरान गेंद की विजिबिलिटी पर बात कर रहे थे।
हर्षा भोगले ने दिया था सुझाव
दिग्गज कॉमेंटेटर हर्षा भोगले ने सुझाव दिया था कि पिंक बॉल टेस्ट के बाद एक प्रोपर पोस्टमार्टम होना चाहिए और खिलाड़ियों से पूछना चाहिए कि क्या पिंक गेंद की दृश्यता में किसी तरह की परेशानी हुई है? भोगले ने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि कई बल्लेबाजों को चोट लगी थी। इसके जवाब में मांजरेकर ने कहा था कि केवल हर्षा से पूछना चाहिए क्योंकि हम क्रिकेट खेलते हैं। हमें पता है कैसे पिंक बॉल को खेलना है।
हालांकि, भारतीय टीम के लिए 37 टेस्ट और 74 वनडे मैच खेल चुके संजय मांजरेकर ने अपने इस बयान पर पछतावा है और कहा है वो बयान काफी अनप्रोफेशनल था। मांजरेकर ने कहा, “मैं उस बयान में प्रोफेशनल था, लेकिन मेरा कमेंट अनप्रोफेशनल था। मैं गलता था और इसलिए मैं दुखी भी हूं। वो मेरे लिए गलत था।” मांजरेकर ने ये भी कहा है कि बाद में वे प्रोड्यूसर से जाकर मिले थे और माफी मांगी थी।