थाइलैंड में पिछले साल पानी से भरी गुफा से युवा फुटबॉल खिलाड़ियों की टीम को बचाने वाले नौसैनिक की खून में संक्रमण के चलते निधन हो गया है। बचाव अभियान के दौरान ही नेवी सील का खून संक्रमित हो गया था और एक साल से उनका इलाज चल रहा था। थाइलैंड की नौसेना ने शुक्रवार को अपने फेसबुक पर जारी बयान में कहा है कि पेटी अफसर बेरुत पकबारा पिछले साल गुफा से 12 युवा खिलाड़ियों और उनके कोच को बाहर निकालने के दौरान ही खून में संक्रमण के चलते बीमार पड़ गए थे। पिछले एक साल से डॉक्टरों की सघन निगरानी में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ती गई और शुक्रवार को उनका निधन हो गया।
नौसेना ने उनके निधन पर गहरा दुख जताते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। बेरुत के गृह प्रांत सैटन के एक अधिकारी ने बताया कि इस्लामिक रीति रिवाज के मुताबिक शुक्रवार को ही उन्हें दफना दिया गया। बता दें कि थाइलैंड की नौसेना के एक अन्य नौसैनिक समन गुनान की भी बचाव कार्य के दौरान ही मौत हो गई थी। गुफा में फंसे खिलाड़ियों तक एयर पाइपलाइन बिछाने के दौरान उनका ऑक्सीजन खत्म हो गया था। गुफा के सामने शहीद समन गुनान की प्रतिमा लगाई गई है। उन्हें नमन करने घटना केबाद से अब तक वहां 13 लाख लोग गए हैं।
बता दें कि पिछले साल जून में ‘वाइल्ड बोअर्स’ टीम के खिलाड़ी और कोच बारिश से बचने के लिए उत्तरी थाइलैंड में थाम लुआंग गुफा में छिपे थे। लेकिन तेज बारिश के बाद पहाड़ी गुफा में पानी भर गया था। खिलाड़ियों के गुफा में फंसे होने की जानकारी मिली तो थाइलैंड समेत पूरी दुनिया में हाहाकर मच गया। खिलाड़ियों को सुरक्षित निकालने के लिए देश विदेश से बचाव दल के सदस्य और गोताखोर पहुंचे थे। 18 दिनों तक चले अभियान में सभी 12 खिलाड़ियों और उनके कोच को सही सलामत गुफा से निकाल लिया गया था। बाद में इस घटना पर फिल्म भी बनी थी।