लॉस एंजेल्स : अमेरिका ने ईरान से कटु संबंधों के बावजूद भारत के सहयोग से निर्मित ईरान के स्ट्रेट आफ होर्मुज में ‘चाबहार बंदरगाह’ से माल के आयात निर्यात प्रतिबंध में छूट दिए जाने का आश्वासन दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने 18 दिसम्बर को वाशिंगटन में टू प्लस टू वार्ता के दौरान यह आश्वासन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डाक्टर एस. जयशंकर को दिया। पाकिस्तान के रास्ते अफ़ग़ानिस्तान जाने वाले माल की आवाजाही पर रोक लगने के बाद चाबहार बंदरगाह ही एकमात्र यातायात का मार्ग बचा है। अमेरिका ने भारत के इस कथन को अक्षरश : मान लिया है कि इस बंदरगाह से अफ़ग़ानिस्तान को आए दिन आम ज़रूरत का सामान भेजा जा रहा है। यह चाबहार बंदरगाह भारत और अफ़ग़ानिस्तान के लिए उपयोगी बताया गया है। गौरतलब है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारत ने ईरान से कच्चा तेल लेना पहले ही बंद कर दिया था लेकिन चाबहार बंदरगाह के बारे में किसी तरह का कोई आश्वासन नहीं दिया था। इस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने माइक पोंपियो के प्रति आभार जताया।
पेंटागन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर के साथ वार्ता में रक्षा प्रौद्योगिकी के स्थानांतरण पर भी उपयोगी चर्चा हुई। इस संदर्भ में अमेरिका ने भारत के साथ तीन समझौते किए। इसमें इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी एनेक्स पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए। इससे पूर्व राजनाथ सिंह का पेंटागन पहुंचने पर भारी स्वागत किया गया। उन्हें गार्ड आफ ऑनर के साथ 19 तोपों की सलामी भी दी गई। पाकिस्तान पर चर्चा के दौरान राजनाथ सिंह ने सरहद पार आतंकवाद और आतंकी गुटों को शरण दिए जाने की पाकिस्तानी गतिविधियों के लेकर अमेरिकी सहयोग पर भी चर्चा की। इस संबंध में अमेरिका ने भारतीय मंत्रियों को आतंकवाद के ख़िलाफ़ सहयोग का आश्वासन दिया और परस्पर सहयोग पर बल दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिहं ने दोनों पक्षों की ओर से वार्ता को उपयोगी और अर्थपूर्ण बताया है।