पाकिस्तान की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए यूरोपीय यूनियन मॉनीटर्स (ईयूएम) ने शुक्रवार को कहा कि इन चुनावों में प्रचार के दौरान सभी दलों को समान अवसर नहीं मिले। उन्होंने अपनी प्रारंभिक जांच में कहा कि इस बार की चुनावी प्रक्रिया साल 2013 की तरह अच्छी नहीं थी।
ईयू इलेक्शन ऑब्जर्वेशन मिशन के मुख्य ऑब्जर्वर मिशेल गेहलर ने साफ किया कि किसी भी मतदान केंद्र पर उन्हें किसी भी तरह का सैन्य हस्तक्षेप दिखाई नहीं दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव वाले दिन ऑब्जर्वर्स ने जिन स्थानों का दौरा किया वहां उन्होंने मतदान सुचारू और निष्पक्ष ढंग से संपन्न होता पाया।
हालांकि मतगणना में समस्याएं हुईं और कई बार कर्मचारियों ने तय प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। बता दें कि इस मिशन में 120 ऑब्जर्वर शामिल हैं जिन्होंने बलूचिस्तान को छोड़कर विभिन्न प्रांतों में स्थित 582 मतदान केंद्रों का दौरा किया।
कई दलों ने की पारदर्शी तरीके से फिर चुनाव की मांग
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) समेत कई दलों ने शुक्रवार को “ऑल पार्टीज कांफ्रेंस” में हालिया चुनावों में धांधली के आरोप लगाते हुए चुनावी नतीजों को खारिज कर दिया और पारदर्शी तरीके से फिर चुनाव कराने की मांग की। कांफ्रेंस की अध्यक्षता पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहवाज शरीफ और जमीयत उलेमा ए इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर रेहमान ने संयुक्त रूप से की। बैठक में ज्यादातर छोटी पार्टियां ही शामिल हुईं। पीपीपी और एमक्यूएम ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।