उत्तर कोरिया के साथ सोमवार को वार्ता में अमेरिका के शीर्ष प्रतिनिधि ने प्योंगयांग की मांगों को शत्रुतापूर्ण और अनावश्यक करार दिया। अमेरिका ने कहा कि इसकी समय सीमा समाप्त हो गई है, लेकिन ताजा वार्ता के लिए दरवाजा खुला है। अमेरिका का यह बयान ऐसे समय आया है जब प्योंगयांग ने कहा है कि अगर वाशिंगटन हमारे प्रस्ताव को स्वीकार्य करने में विफल रहता है, तो यह एक तथाकथित-अनिर्दिष्ट नया तरीका अपनाएगा।
अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीफन बीगन और उनके उत्तर कोरियाई समकक्ष किम म्योंग-गिल की वार्ता के बाद अमेरिका ने कहा कि प्योंगयांग की मांगों को शत्रुतापूर्ण और अनावश्यक है। उन्होंने कहा कि अब समय सीमा समाप्त हो गई है। हालांकि, अमेरिका ने आगे अपने बयान में कहा कि ताजा संवाद के लिए सारी संभावनाएं अभी भी मौजूद है।
फरवरी 2019 में वियतनाम की राजधानी हनोई में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग उन के बीच वार्ता विफल रही। इसके बाद दोनों देशों के अधिकारियों के बीच स्वीडन में कार्यकारी स्तर पर परमाणु वार्ता भी विफल रही। वह वार्ता कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त करने के बदले मुआवजे पर प्योंगयांग और वाशिंगटन के बीच मतभेद होने के कारण बिना किसी निर्णय से समाप्त हो गई थी।उत्तर कोरिया द्वारा लगातार परीक्षण के बाद यह संबंध और कटू हो गए।
जून, 2018 में सिंगापुर में ट्रंप और किम के बीच पहली शिखर वार्ता हुई थी। लेकिन यह वार्ता सकारात्मक रही लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। समझौते में द्विपक्षीय संबंध को आगे बढ़ाना, कोरियाई प्रायद्वीप पर दीर्घकालिक और स्थिर शांति स्थापित करना और प्रायद्वीप को पूर्ण रूप से परमाणु हथियारों से मुक्त करना शामिल था। समझौते से पहले उत्तर कोरिया के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख म्योंग-गिल ने कहा था कि उन्हें इस बैठक से बहुत उम्मीद है और वे आशावादी हैं।