सफाई करने वाली प्लास्टिक सतह विकसित की है जो बैक्टीरिया को भी खुद ही साफ कर सकती है। इस खोज के जरिये अस्पतालों और किचन आदि में सुपरबग्स से निपटने में मदद मिल सकती है।
हर साल हजारों मौतों के लिए जिम्मेदार होते हैं हानिकारक बैक्टीरिया
इस अध्ययन को ‘एसीएस नैनो’ नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया गया है कि नई प्लास्टिक सामग्री को दरवाजों के हैंडल, रेलिंग और ट्राईपॉड में सिकोड़कर लपेटा जा सकता है। इस सामग्री को अन्य जगहों पर भी लगाया जा सकता है जहां बैक्टीरिया के इकट्ठा होने का खतरा रहता है। पुराने अध्ययनों में यह बताया जा चुका है कि हर साल होने वाली हजारों मौतों के लिए सतह और अन्य जगहों पर मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं। अगर इस खतरे से तत्काल नहीं निपटा जाता है तो आगे 2050 तकहर साल मरने वालों की संख्या एक करोड़ से अधिक हो सकती है।
कमल से प्रेरित है यह खोज
कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं सहित टीम ने बताया कि नई प्लास्टिक सामग्री कमल की पत्तियों से प्रेरित है। कमल की पत्तियां गंदगी को स्वत: ही साफ करती हैं। नई सामग्री को सरफेश (सतह) इंजीनियरिंग और रसायन विज्ञान के संयोजन के माध्यम से तैयार किया गया है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि नई सतह में अतिसूक्ष्म सिकुड़न डाली गई है, जिसकी वजह से यह सभी बाहरी अणुओं को निकाल देती है। इसकी सतह पर पानी या रक्त की एक बूंद पड़ने पर उछल कर अलग हो जाती है, और यही हाल बैक्टीरिया के साथ होता है।
किया गया परीक्षण
शोधकर्ताओं ने इस सामग्री का परीक्षण करने के लिए एंटीबॉयोटिक रजिस्टेंट बैक्टीरिया के दो रूपों का उपयोग किया। जिसमें से एक मेथिसिलिन रजिस्टेंट स्टैफिलोकोकस ऑरियस (एमआरएसए) और दूसरा स्यूडोमोनास था। इसके बाद इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोपी का उपयोग करके यह देखा कि वास्तव में कोई भी रोगाणु इस सतह पर नहीं टिक सकता है।