स्वीडिश जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने शुक्रवार को युवा लोगों से अगले दशक में अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए एक आंदोलन का आह्वान किया। ग्रेटा थनबर्ग उत्तरी इटली के ट्यूरिन शहर में एक प्रदर्शन में शामिल हुईं। बता दें, 16 वर्ष की ग्रेटा थनबर्ग ने सोमवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में शिखर सम्मेलन के दौरान जलवायु परिवर्तन पर दिए अपने भाषण में दुनियाभर के नेताओं की निंदा की थी।
बता दें कि स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग एक बार फिर से मीडिया की सुर्खियां बटोर रही हैं। जलवायु परिवर्तन Climate Change को लेकर उन्होंने पूरी दुनिया के नेताओं को जिस तरह से लताड़ा था उसको इस मुहिम से जुड़े कार्यकर्ताओं ने काफी सराहा भी था। जलवायु परिवर्तन पर दिए भाषण के दौरान वह बेहद गुस्से में दिखाई दी थीं। उनका कहना था कि नेताओं की बदौलत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मुहिम चलाने वाले कार्यकर्ता विफल हो रहे हैं। इससे पूरा ईको सिस्टम बर्बाद हो रहा है
उनके मुताबिक युवाओं की निगाहें विश्व के नेताओं पर लगी हैं, ऐसे में यदि उन्होंने लोगों को निराश किया तो वह उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। ग्रेटा के इस भाषण के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनकी जमकर तारीफ की थी। ग्रेटा समेत 15 कार्यकर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र में पांच देशों के खिलाफ शिकायत की है। इसमें जर्मनी, ब्राजील, फ्रांस, अर्जेंटीना और तुर्की शामिल हैं।
गौरतलब है कि स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को स्वीडन के वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार (Alternative Nobel prize) से सम्मानित किया गया। थनबर्ग को चार लोगों में से एक विजेता के रूप में चुना गया था। थुनबर्ग ने ब्राजील के स्वदेशी नेता, यनोमामी लोगों की डेवी कोपेनावा, चीनी महिलाओं के अधिकार वकील गुओ जियानमी और पश्चिमी सहारा मानवाधिकार रक्षक अमिनातौ हैदर के साथ यह पुरस्कार साझा किया। इस पुरस्कार को राइट लाइवलीहुड अवार्ड के नाम से भी जाना जाता है। थनबर्ग को यह पुरस्कार तत्काल जलवायु कार्रवाई के लिए राजनीतिक मांगों, वैज्ञानिक तथ्यों के लिए प्रेरक और प्रवर्धित करने के लिए दिया गया है। राइट लाइवीहुड फाउंडेशन ने इस बात की जानकारी दी है।