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इसमे प्रदेश की ग्रामीण पृष्ठभूमि की चुनिंदा छह टीमों (भोजपुरी टाइगर्स, अवध के शेर, गंगा के लड़इया, फाइटर आल्हा ऊदल, रूहेलखंडी टाइगर, और बृज के छोरे) के बीच हुए कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद बृज के छोरे और गंगा के लड़इयां ने खिताबी दौर में जगह बनाई थी। उन्होेंने बताया कि 2009 से शुरू हुई इस लीग में ग्रामीण प्रतिभाओं को मौका दिया जाता है और इस बार भी ग्रामीण युवा क्रिकेटर चौके-छक्के लगाते दिखेंगे। उन्होंने बताया कि लीग में एलबीडब्ल्यू को छोड़कर सारे नियम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लागू है। उन्होंने बताया कि इसी के साथ लखनऊ मंडल के ग्रामीण अंचलों के खिलाड़ियों को मौका देने के लिए आईजीसीएल के स्थानीय संस्करण की शुरूआत भी 23 दिसम्बर से होगी। इस स्थानीय लीग में कुल 400 टीमों को प्रवेश दिया गया है।