राजधानी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार को उस समय बड़ी राहत मिली जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 11 विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिका खारिज कर दी। इन विधायकों पर लाभ के दोहरे पद का आरोप था। राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग से सलाह के बाद यह फैसला किया है। जिन 11 विधायकों को अयोग्य ठहराया गया था, उनमें शामिल हैं – संगम विहार से दिनेश मोहनिया, लक्ष्मी नगर से विधायक नितिन त्यागी, ओखला से अमानतुल्लाह खान, जंगपुरा से विधायक प्रवीण कुमार, आदर्श नगर से पवन कुमार शर्मा, बुराड़ी से विधायक संजीव झा, वजीरपुर से राजेश गुप्ता, घोंडा से दत्त शर्मा, रोहताश नगर से सरिता सिंह, नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत और तिलक नगर से जरनैल सिंह।
मार्च 2015 में केजरीवाल सरकार ने इन विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था। इसे लाभ का पद बताते हुए याचिका दायर की गई थी। प्रशांत पटेल नामक शख्स ने राष्ट्रपति को याचिका भेजकर इनकी सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग के पास मामला भेजा जहां से मार्च 2016 में इन विधायकों को नोटिस जारी किया गया था। पार्टी ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
बहरहाल, लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार आम आदमी पार्टी को राहत मिल गई। अगले साल जनवरी में अरविंद केजरीवाल सरकार का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और विधानसभा चुनाव में से पहले सरकार के लिए यह राहत की बड़ी बात है।