साल 2019 जाने को है। इस साल हुए आतंकवादी घटनाओं एवं विस्फोटों में कई बेकसूर नागरिकों की जानें गईं। न्यूजीलैंड की दो मस्जिदों में हुए विस्फोट में चार दर्जन से अधिक लोगों की जानें गईं। आईएस के पूर्व प्रमुख अबु बक्र अल-बग़दादी की मौत ने पूरी दुनिया का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया। ईरान के दक्षिण-पूर्व इलाके में सेना की विशिष्ट रेवोल्यूशनरी गार्ड फोर्स के जवानों को लेकर जा रही बस पर आत्मघाती हमला 29 जवान मारे गए। आइए, हम आपको सालभर की प्रमुख आतंकवादी घटनाओं से रूबरू कराते हैं।
1- अफगान के सैन्य हवाई अड्डे पर आतंकी हमला, 100 से ज्यादा की मौत
मध्य अफगानिस्तान में एक तालिबान हमले में सेना के सौ से अधिक जवान मारे गए। तालिबान ने एक अफगान सैन्य हवाई अड्डे को निशाना बनाया था। सैन्य परिसर में तालिबान के हमले में 100 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी मारे गए। इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने लिया था।
हालांकि, तालिबान का दावा था कि इस हमले में 190 लोगों को मौत हुई है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि बरदक प्रांत की राजधानी मैदान शार में सैन्य अड्डे पर हुए हमले में 126 लोगों की मौत हुई है।
2- न्यूजीलैंड की दो मस्जिदों में विस्फोट, 49 लोगों की
16 मार्च, 2019 को न्यूजीलैंड में दो मस्जिद में हुए विस्फोट ने सबको हिला कर रख दिया। एक बंदुकधारी की अंधाधुंध गोलीबारी में 49 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इस हमले में 42 लोग घायल हुए थे। क्राइस्टचर्च स्थति डीन एवेन्यू मस्जिद में 41 लोग मारे गए और लिनवुड मस्जिद में सात की मौत हो गई थी।
यह हमला तब हुआ जब मस्जिद में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी। ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक हमलावर ब्रिटिश मूल का 28 वर्षीय युवक ब्रेंटन टैरेंट था। वह ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला था। इस हमले के बाद से नौ भारतीय नागरिक लापता थे। न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने इसे आतंकवादी हमला करार दिया था।
3- IS के पूर्व प्रमुख अबु बक्र अल-बग़दादी मारा गया
इस साल इस्लामिक स्टेट (आईएस) के पूर्व प्रमुख अबु बक्र अल-बग़दादी के मारे जाने की घटना एक बड़ी खबर थी। 27 अक्टूबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चरमपंथी समूह आईएस के पूर्व प्रमुख अबु बक्र अल-बग़दादी की मौत की घोषणा किया। ट्रंप ने कहा कि अमरीकी सेना ने सीरिया में एक ऑपरेशन किया जिस दौरान बग़दादी ने अपने आप को आत्मघाती जैकेट के धमाके से उड़ा दिया।ट्रंप ने दावा किया था कि इस ऑपरेशन से अमरीकी सेना को ‘बहुत सी संवेदनशील जानकारियां और चीज़ें’ मिली हैं।
अमेरिकी सेना बाद में इस हमले के कई फुटेज जारी किए है। इसमें वह नजर आ रहा है। इस फुटेज में हेलीकॉप्टर्स से जमीन पर बंदूकधारियों पर गोलीबारी भी दिखाई पड़ रही है, जहां बगदादी छिपा हुआ था। अमेरिकी विशेष बलों की कंमाडो कार्रवाई भी दिखाई गई है। कैसे कमांडो ने परिसर की दीवारों में छेद किए और बगदादी से आत्मसमर्पण करने को कहा। उसको सुरंग में भागते हुए भी देखा गया है। आत्मघाती बम विस्फोट करते हुए भी दिखाया गया है।
4- ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड फोर्स के 27 जवानों की मौत
ईरान के दक्षिण-पूर्व इलाके में सेना की विशिष्ट रेवोल्यूशनरी गार्ड फोर्स के जवानों को लेकर जा रही बस पर बुधवार को आत्मघाती हमला किया गया। सिस्तान और बलूचिस्तान राज्यों के बीच इन जवानों की बस में विस्फोटक भरी कार से मारी गई टक्कर के बाद हुए धमाके में 27 सैनिक मारे गए, जबकि 20 अन्य के घायल होने की सूचना है।
सरकारी स्वामित्व वाली न्यूज एजेंसी इरना के मुताबिक, वारसा में ईरान की मध्यपूर्व में गलत इरादों को लेकर अमेरिकी नेतृत्व में आयोजित सम्मेलन वाले दिन किए गए इस हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है। हालांकि इस इलाके में बलूच अलगाववादियों की ईरानी सेना के साथ झड़प बेहद आम बात है। यह हमला 1979 में हुई ईरान की मशहूर इस्लामिक क्रांति की 40 सालगिरह के दो दिन बाद किया गया है।
5- सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी के बड़े ठिकानों पर ड्रोन हमला
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के बड़े ठिकानों पर ड्रोन हमला किया गया। इस हमले के बाद दोनों प्रतिष्ठानों में भीषण आग लग गई। इससे सऊदी तेल उत्पादन आधा रह गया। अरामको की सबसे बड़ी रिफ़ाइनरी वाले इलाक़े बक़ीक़ के ऊपर धुएं के गुब्बार और आग की लपटें हैं।
दूसरा ड्रोन हमला ख़ुरैस तेल क्षेत्र में हुआ और वहां भी आग लग गई थी। सऊदी अरब के पूर्वी प्रांत दहरान से 60 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में बक़ीक़ है, जबकि यहां से 200 किलोमीटर दूर ख़ुरैस है। बक़ीक़ में तेल रिफ़ाइनरी है, जहां प्रति दिन 70 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा कच्चे तेल का स्टैबिलाइजेशन प्लांट है।