अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अब महाभियोग चलना तय हो गया है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने बताया कि ट्रंप को महाभियोग का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि प्रतिनिधि सभा ने महाभियोग जांच की प्राथमिक रिपोर्ट में उन्हें दोषी करार दिया है। इस रिपोर्ट में में कहा गया है कि ट्रंप ने निजी और राजनीतिक लाभ के लिए ट्रंप ने राष्ट्रहित से समझौता किया है। आइए जानते हैं कि अाख्रिर ट्रंप इस महाभियोग से कैसे बच सकते हैं। इसके अलावा यह जानेंगे कि इसके पूर्व कौन से अमेरिकी राष्ट्रपतियों पर महाभियोग की प्रक्रिया चली।
क्या है जांच रिपोर्ट के दावे
प्रतिनिधि सभा की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप ने निर्वाचित होने के लिए यूक्रेन से मदद मांगी थी। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ट्रंप और यूक्रेन राष्ट्रपति के बीच टेनीफोन से वार्ता हुई थी। बता दें कि ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से मदद मांगी थी। आरोप है कि उन्होंने अपने विरोधी और उनके बेटे के खिलाफ जांच शुरू करने की मांग की थी।
स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा खतरे में लोकतंत्र
- स्पीकर नैंसी पेलोसी ने महाभियोग के ऐलान के साथ चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हमारा लोकतंत्र खतरे में है।
- उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने हमारे समक्ष कोई विकल्प नहीं छोड़ा सिवाय उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
- पेलोसी ने कहा राष्ट्रपति सत्ता के दुरुपयोग, राष्ट्रीय सुरक्षा को कमतर करने और हमारे चुनाव की शुचिता को खतरे में डालने के कृत्य में शामिल हैं।
- उन्होंने कहा कि वह दुखी होकर लेकिन भरोसे और विनम्रता से महाभियोग की धाराओं का मसौदा तैयार करने की मंजूरी दे रही हैं।
- स्पीकर की इस घोषणा के बाद विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है। ऐसा माना जा रहा है यह क्रिसमस पर्व के दौरान होगा।
एंड्रयू जॉनसन एवं बिल क्लिंटन के खिलाफ भी चला महाभियोग
राष्ट्रपति ट्रंप अकेले राष्ट्रपति नहीं हैं जिन पर अमेकिरा में महाभियोग की कार्रवाई हुई। अ मेरिका के इतिहास में अब तक दो अन्य राष्ट्रपतियों पर महाभियोग की कार्रवाई हुई। 1868 में एंड्रयू जॉनसन के खिलाफ महाभियोग चला था। उन पर गैर कानूनी तरीके से एक सरकारी अधिकारी को बर्खास्त करने का आरोप लगा था। इसके बाद 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग लाया गया। क्लिंटन पर मोनिका लेवेंस्की के खिलाफ सेक्सुअल हैरसमेंट का अारोप लगा था। हालांकि दोनों राष्ट्रपति महाभियोग से बच गए। दोनों को बख्श दिया गया। दोनों राष्ट्रपतियों ने अपना कार्यकाल पूरा किया। इसके अलावा 1974 में वॉटरगेट स्कैंडल के चलते रिचर्ड निक्सन के खिलाफ भी महाभियोग चलने की बात जोरों से उठी। लेकिन इसके पूर्व उन्होंने इस्तीफा दिया।
अाखिर महाभियोग से कैसे बच सकते हैं ट्रंप
- यदि छह हाउस कमेटियों की राय को अगर न्यायिक समिति ने पर्याप्त स्वीकार्य नहीं माना तो यह प्रक्रिया आगे नहीं बढा़ई जाएगी। यह वहींं ठप हो जाएगी।
- इसके अलावा यदि हाउस ने महाभियोग के पक्ष में बहुमत नहीं दिया तो इसकी कार्रवाई आगे सीनेट तक नहीं जाएगी।
- यदि ट्र्रायल के बाद सीनेट में अगर दो तिहाई बहुमत ने ट्रंप के निर्दोष हाेने के पक्ष में वोट नहीं दिया तो ट्रंप बच सकते हैं।
क्या है सदनों में संख्या का गणित
- अमेरिकी सीनेट में राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थकों का दबदबा है। जाहिर है इस सदन में रिपब्लिकन सदस्यों का बहुमत है ।
- इसलिए यहां महाभियोग के पक्ष में वोटिंग होना बेहद मुश्किल है। इसके लिए ट्रंप पर लगाए गए आरोपों का बेहद संगीन साबित होना बहुत ज़रूरी होगा। दूसरी तरफ निचले सदन में डेमोक्रेट्स का दबदबा है। इसलिए माना जा सकता है कि इस सदन से महाभियोग का केस आगे बढ़कर सीनेट तक पहुंच सकता है।
ट्रंप ने कहा विपक्ष की असलियत सामने आएगी
इस बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने भी ट्वीट करके डेमोक्रेट्स पर निशाना साधा। ट्रंप ने कहा कि मतदान में वह ही विजई होंगे। उन्होंने कहा कि पेलोसी की असलियत सबके सामने आ जाएगी। बता दें कि इन दिनाें ट्रंप पर महाभियोग चलाने या न चलाने पर फैसला करने के लिए सुनवाई चल रही थी। महाभियोग मामले पर सुनवाई प्रतिनिधि सभा की न्यायिक समिति कर रही है। समिति के सामने कानूनी मामलों के जानकारों ने अपनी बात रखी और अब तय हो गया है कि मतदान कराया जाएगा।