पाकिस्तान काफी समय से देश की खराब आर्थिक हालत से परेशान है। इस दौरान उसे अब ऑस्ट्रेलियाई से भी झटका लगा है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की सरकार ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी द्विपक्षीय सहायता को समाप्त करने का फैसला किया है, जिसमें गरीब महिलाओं और लड़कियों की मदद के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं शामिल थी। ऑस्ट्रेलिया 70 सालों से पाकिस्तान को सहायता प्रदान कर रहा है, लेकिन 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी प्रकार की विकास सहायता को समाप्त कर देगा। सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने सोमवार को पाकिस्तान पर नवीनतम सहायता कार्यक्रम की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘ऑस्ट्रेलिया, द्वारा सहायता राशि का प्रयोग प्रशांत महासागर की नई प्रतिबद्धताओं के लिए किया जाएगा। पाकिस्तान द्विपक्षीय सहायता कार्यक्रम 2019-20 में 1.9 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (एक अरब 99 करोड़ 68 लाख 80 हजार पाकिस्तानी रुपये) तक कम किया जाएगा। इसके बाद 2020-21 के दौरान इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा।’
पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया की सहायता का एक प्रमुख उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करना, गुणवत्ता प्रजनन स्वास्थ्य और लिंग आधारित हिंसा विरोधी सेवाओं तक पहुंच बढ़ाना था।
ऑस्ट्रेलिया की विदेशों को दी जाने वाली कुल आर्थिक मदद 2013 के बाद से 27 फीसदी घटी है और वर्तमान में वह अपने कुल खर्च का 0.82 फीसदी ही फंडिंग में देता है। इस कटौती के बावजूद ऑस्ट्रेलिया की मोरिसन सरकार ने प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है और 2019-20 में इस क्षेत्र में 1.4 अरब डॉलर वित्तीय सहायता में खर्च किए गए।
द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने कहा, ‘पिछले वित्त वर्ष में पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया की सहायता ने सूखे और आंतरिक विस्थापन से प्रभावित दो मिलियन से अधिक गरीब लोगों को भोजन और रुपयों की मदद प्रदान की है। बता दें कि पाकिस्तान एशिया के सबसे गरीब देशों में से एक है और संयुक्त राष्ट्र मानव विकास इंडेक्स में 178 देशों की लिस्ट में 150 वें स्थान पर है। यह इंडेक्स स्वास्थ्य, शिक्षा और आय के आधार पर तय किया जाता है।